इंडिया टुडे ओपिनियन पोल : नोटबंदी के तूफान से पार पाती BJP, यूपी में खिलाएगी कमल
नई दिल्ली,04 जनवरी (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लिए नोटबंदी के फैसले से हुई परेशानियों के बावजूद केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी उत्तर प्रदश के चुनावी समर में जीतती नजर आ रही है. इंडिया टुडे समूह के लिए किए गए एक्सिस माई इंडिया के ताजा ओपिनियन पोल में बीजेपी यूपी चुनाव में पहले स्थान पर रहते हुए 14 वर्षों का अपना वनवास खत्म करती दिख रही है.
यूपी के सियासी संग्राम में भारी दिखती बीजेपी
1. यूपी की कुल 403 सीटों में से बीजेपी को 206-216 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान है. एक्सिस माई इंडिया के अक्टूबर में किए गए पिछले ओपिनियन पोल में बीजेपी को मिलने वाली अनुमानित सीटों से करीब 30 ज्यादा है.
2. वहीं सत्ताधारी समाजवादी पार्टी मौजूदा हालात में 92-97 सीटें हासिल कर राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है. सपा में जारी झगड़ों के बावजूद पिछले तीन महीनों में सपा का ग्राफ बढ़ता दिखा, जबकि बीएसपी चुनावी समर में दूसरे से तीसरे स्थान पर फिसलती दिखी.
3. बीएसपी को इन चुनावों में राज्य की 79-85 सीटें मिलने का अनुमान है. पिछले ओपिनियन पोल में बीएसपी को 115-124 सीटें मिलने का अनुमान था. बीएसपी के पिछड़ने की वजह यहां अपने परंपरागत दलित वोट बैंक से आगे नए वोटरों को जोड़ने में नाकामी को माना जा रहा है. साल 2007 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी को ब्राह्मणों का भी वोट मिला था, लेकिन 2017 के चुनावों में बीएसपी की गैर-दलितों के बीच अपील सीमित ही दिख रही है.
4. वहीं राहुल गांधी का हाई-वोल्टेज कैंपेन और प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति राज्य में कांग्रेस की किस्मत में ज्यादा बदलाव लाती नहीं दिख रही. पार्टी को यहां पिछले चुनाव में मिली 28 सीटें घटकर 5 से लेकर 9 तक सिमटती दिख रही हैं.
5. बीजेपी का अनुमानित वोट शेयर अक्टूबर में किए गए एक्सिस माई इंडिया के ओपिनियन पोल में अनुमानित 31% से बढ़कर इस बार के पोल में 33% होती दिखी.
6. ओपिनियन पोल में सपा और बसपा दोनों को ही भले 26% वोट मिलते दिखे, लेकिन सीटों के मामले में सपा बाजी मारती दिख रही है. सपा के वोट शेयर ज्यादा समुचित दिख रहा है, जबकि बीएसपी का वोट आधार राज्य भर में फैला हुआ दिखा.
7. इस सर्वे में शामिल लोगों में से 76% ने नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया. हालांकि आम लोगों को इससे हुई परेशानियों के सवाल ये लोग बटे हुए दिखे. सर्वे में शामिल 58% लोगों का कहना था कि नोटबंदी से उन्हें पेरशानी झेलनी पड़ी, तो वहीं 42% लोगों ने बताया कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं हुई. इस ताजा ओपिनियन पोल में बीजेपी के वोट शेयरों में यह उछाल दिखाता है कि नोटबंदी से हई परेशानियों के बावजूद लोगों का मानना है कि पीएम मोदी के इस कदम से अंतत: देश का ही भला होगा.
8. इस सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा लोगों (51%) ने कहा कि उनका मानना है कि नोटबंदी से कालेधन और जाली नोटों की समस्या खत्म हो जाएगी. हालांकि नोटबंदी को लेकर लोगों की इस सकारात्मक राय के बावजूद बीजेपी की यहां सपा के यादव वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिशों का ज्यादा फल मिलता नहीं दिख रहा. सर्वे में शामिल यादवों में से 72% कहना था कि वे एकजुट सपा के ही पक्ष में वोट करेंगे.
9. यूपी में मायावती के गिरते ग्राफ की एक वजह सपा और बसपा के बीच बटे मुस्लिम वोटरों का सपा की तरफ एकजुट होता दिख रहा है. दिसंबर में हुए इस सर्वे में शामिल मुस्लिमों में 71% ने कहा कि वे समाजवादी पार्टी के लिए वोट करेंगे. इससे पहले अक्टूबर के पोल में 58% मुस्लिम वोटर सपा के साथ दिखे थे. वहीं इस दौरान बीएसपी को मुस्लिम वोटरों का साथ 21% से घटक 14% रह गया है.
10. वहीं विभिन्न आयु वर्ग के वोटरों को अगर देखें तो युवा के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रियता समाजवादी पार्टी की है. यहां इसका पूरा श्रेय अखिलेश यादव को जाता है, जो कि राज्य में युवाओं के बीच अपनी पैठ बनाने में सफल रहे हैं.
11. दूसरी तरफ बीजेपी की लोकप्रियता 60 से अधिक उम्र वाले वोटरों के बीच सबसे ज्यादा दिखी. पार्टी को 37% बुजुर्गों का वोट मिलता दिख रहा है, जो कि उसके कुल वोट शेयर से 4% ज्यादा है.
12. अगर राज्य के अगले सीएम के लिए पसंदीदा उम्मीदवार की बात करें, तो अखिलेश यादव 33% लोगों की पसंद बनकर दूसरों से कहीं आगे हैं. इस मामले में मायावती 25% समर्थन के साथ दूसरे स्थान पर हैं. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह भले ही साफ कर चुके हैं कि वे सीएम पद की रेस नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद वह इस पद के लिए बीजेपी में सबसे आगे बन हुए हैं, जहां सर्वे में शामिल 20% लोगों ने उन पर अपना भरोसा जताया.
13. वहीं यूपी में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के सवाल पर पिछले ओपिनियन पोल की तरह इस बार भी मायावती सबसे आगे रहीं. सर्वे में शामिल 48% लोगों का मानना था वह इस काम के लिए सबसे सही साबित होंगी, जबकि 28% लोगों ने इस मामले में अखिलेश यादव को वोट दिया.
बता दें कि ये सर्वे 12 दिसंबर से 24 दिसंबर के बीच किया गया है. यह नोटबंदी के बीच का वक्त था, जब लोगों को कैश के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. इस सर्वे में उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में 35 सीटों को रैंडमली सेलेक्ट किया गया, जिसमें 8 हज़ार चार सौ 80 लोगों से बातचीत के सैंपल के आधार पर हमने ये ओपिनियन पोल तैयार किया है.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बुधवार को पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इनमें से यूपी के चुनावों को राष्ट्र की राजनीति की दशा और दिशा तय करने के मामले में काफी अहम माना जा रहा है. यूपी में सात चरणों में होने वाले ये चुनाव 11 फरवरी से शुरू होंगे और 11 मार्च को नतीजे आएंगे.