अमृत के समान होते हैं गुरु-शिष्य के संबंध-प्रो. अजहर हाशमी
रतलाम,13जनवरी(ई खबर टूडे)।दुनिया में रक्त का संबंध बहुत गाढ़ा होता है। इसे हर कोई निभाता है किंतु रक्त के संबंध में जमीन-जायदाद, संपत्ति और अन्य मामले आने से वह पानी की तरह हो जाता हैं किंतु गुरु और शिष्य का संबंध अमृत के समान होता है जो हर समय शीतलता प्रदान करता है। हमारी भारतीय संस्कृति भी गुरु-शिष्य परंपरा का बड़ा आधार रही हैा इसलिएि तो भारतीय संस्कृति दुनिया की श्रेष्ठ संस्कृतियों में गिनी जाती है।
यह बात ख्यात चिंतक, कवि और लेखक प्रो. अजहर हाशमी ने अपने निवास पर कही। वे महाविद्यालयीन विद्यार्थी परिवार की तरफ से उनके जन्मदिन पर आयोजित सम्मान समारोह के प्रत्युत्तर में बोल रहे थे। प्रो. हाशमी ने कहा कि गुरु हमेशा ही शिष्य को सही मार्गदर्शन देता है। इसलिए गुरु को भारतीय संस्कृति में श्रेष्ठता प्रदान की गई है। महाविद्यालयीन विद्यार्थी परिवार प्रो. हाशमी का ६८वां जन्मदिन उनके निवास पर जाकर मनाते हुए उनका सम्मान कर मुंह मीठा कराया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में महााविद्यालयीन विद्यार्थी परिवार के सतीश त्रिपाठी, प्राचार्य डॉ. अनिला कंवर, अदिति दवेसर, प्रवीणा दवेसर, हेमंत भट्ट, नंदिनी सक्सेना, श्वेता नागर, भरत गुप्ता, मनमोहन दवेसर, सुरेखा नागर, पत्रिका के संपादक हरिनाथ द्विवेदी, सचिन त्रिवेदी, लक्ष्मण सोलंकी, आशीष पाठक, कमलसिंह, गौरीशंकरसिंह जोधा सहित अन्य मौजूद रहे।