November 14, 2024

अब 5 अप्रैल को आएंगे सीएम,जूना की पेशवाई भी उसी दिन

उज्जैन,26मार्च(इ खबरटुडे)। जैसा कि तय माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का 27 मार्च का दौरा निरस्त हो सकता है, वही हुआ। सीएम के इस दौरे के हिसाब से ही जूना अखाड़ा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरीजी ने भी अखाड़े की पेशवाई 27 मार्च को तय की थी।

सीएम का दौरा टलने के साथ ही जूना अखाड़ा की पेशवाई भी टल गई है। ऐसा संभवत: पहली बार ही हो रहा है कि पेशवाई की तारीख घोषित होने, तैयारियां होने के बाद इसे आगे बढ़ाया गया है। सीएम श्री चौहान 5 अप्रैल को आएंगे और जूना अखाड़ा ने भी इसी तारीख को पेशवाई तय कर ली है।
हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री चौहान के काका का निधन हो जाने से अभी परिवार में शोक अवधि चल रही है, 27 मार्च का दौरा पहले तय हो गया था चूंकि सिंहस्थ का मामला संत समाज, धार्मिक मान्यता के साथ ही चांडाल योग से भी जुड़ा है। यदि 27 को सीएम आ भी जाते तो कहीं ना कहीं से शोक अवधि में आगमन जैसी बातें भी होती ऐसे सारे कारणों से ही दौरे की अगली तारीख 5 अप्रैल निर्धारित हुई है। 27 मार्च की पेशवाई के कारण मुस्लिम समाज को भी अपना अभा परिचय सम्मेलन निरस्त करना पड़ा है क्योंकि प्रवेशाई नीलगंगा क्षेत्र के उन्हीं मार्गों से निकलना थी जहां यह परिचय सम्मेलन होना था।
पत्रकारों के लिये तीन बसों की व्यवस्था 
मुख्यमंत्री के दौरे, जूना अखाड़ा की पेशवाई में शामिल होने जैसे मेगा इवेंट के प्रचार-प्रसार के लिए भोपाल से प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों को उज्जैन लाने ले जाने की व्यवस्था जनसंपर्क विभाग ने की थी, अब ये सारे मीडियाकर्मी तीन बसों से कवरेज के लिए 5 अप्रैल को सीएम के साथ आएंगे। चूंकि सीएम को जूना की पेशवाई में शामिल होना है तो अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के साथ उन्हें ससम्मान रथ में बैठाया जाएगा, इससे आचार्यजी पर भी मीडिया का फोकस रहेगा। बीते सप्ताह भी अखाड़े के आचार्यश्री का उज्जैन स्थित अपने कैंप की व्यवस्थाएं देखने का तब अचानक कार्यक्रम बन गया था जब सीएम के उज्जैन आगमन की सुगबुगाहट चली थी हालांकि सीएम उस दिन नहीं आ पाए थे।
तो बाकी अखाड़ों की पेशवाई में भी शामिल होंगे सीएम?
समय चक्र के कारण परिवर्तन करना पड़ा है – महंत हरिगिरी
जूना अखाड़ा के पंचों की बैठक में लिए निर्णय के कारण पेशवाई की तारीख 27 मार्च से बढ़ाकर 5 अप्रैल करना पड़ी है। समय-चक्र के कारण ऐसा परिवर्तन होता रहता है। पहले के सिंहस्थ में भी अन्यान्य कारणों से पेशवाई की घोषित तिथि में परिवर्तन हुए हैं।
नगर निगम और मेला प्रशासन की तैयारियों को लेकर कमी नहीं
इस संबंध में जब नगर निगम और मेला कार्यालय से जानकारी चाही गई कि जूना अखाड़ा की छावनी में बिजली-पानी सुविधाएं पूर्ण नहीं हैं। विभागों से जुड़े सूत्रों का कहना था बिजली-पानी की संपूर्ण व्यवस्था कर चुके हैं। इतना अमला है कि कुछ कमी बताई जाए तो उसे हाथोंहाथ दूर कर सकते हैं।

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