रतलाम / जाते-जाते प्रेमचंद्र व संतोष दख ने दान किये नेत्र
रतलाम,24मार्च(इ खबर टुडे)। गौशाला रोड निवासी प्रेमचंद पिता मांगीलाल बाफना उम्र 72 वर्ष का शनिवार दोपहर बाद आकस्मिक स्वर्गवास होने पर परिवार जन उनकी इच्छा अनुरूप नेत्रदान के लिए मानव सेवा समिति के राजकुमार सुराना एवं शैलेंद्र अग्रवाल को बताया। उन्होंने तत्काल मेडिकल कॉलेज के नेत्रदान विभाग प्रभारी डॉक्टर रशेद्र सिसोदिया से संपर्क कर नेत्रदान हेतु प्रयास शुरू किया।
समय बहुत कम था और व्यवस्थाएं करने में बहुत अधिक परेशानी होने के पश्चात भी अंतिम यात्रा शाम 6:00 त्रिवेणी श्मशान पहुंचने पर प्रसिद्ध सर्राफा व्यवसायी प्रेमचंद जी की अंतिम इच्छा अनुसार जाते-जाते वह दो व्यक्तियों के लिए अपना प्रेम नेत्र स्वरूप दान कर गए।
मानव सेवा समिति के पूर्व कोषाध्यक्ष राजकुमार सुराणा ने जानकारी देते हुए बताया की प्रेमचंद जी के परिवार में तीनों सुपुत्री श्रीमती चांदनी (अमीषा) पति कुशल कुमार आचलिया निवासी बड़नगर, श्रीमती सोनम पति आशीष दासोद निवासी जावरा एवम श्रीमती हीना पति मितेश कर्णावत निवासी लिमडी (गुजरात) ने पूज्य पिताजी को अग्नि देने के पूर्व स्वयं खड़े होकर त्रिवेणी मुक्तिधाम पर ही नेत्रदान डॉ लक्ष्मी नारायण पांडे मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग सदस्य विनोद कुशवाह व हैप्पी पीटर द्वारा करवा कर समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। शमशान में प्रेमचंद जी को बड़ी संख्या में उपस्थित समाजजन, मानव सेवा समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य, स्वर्णकार समाज एवं क्षेत्रवासी ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
दूसरा नेत्रदान
श्रीमती संतोष जी दख 52वर्ष का निधन होने पर उनके भाई अशोक भानावत ने मानव सेवा समिति के शैलेन्द्र अग्रवाल को संपर्क किया और मध्य रात्रि 2:30 बजे नोलाईपुरा निवास स्थान पर डॉक्टर ददरवाल बड़नगर के सहयोग से नेत्रदान हुआ।