November 22, 2024

Illegal construction : अवैध निर्माण तोड़ने पहुंचा निगम अमला तो पोकलेन के आगे लेट गया मालिक, कमचारियों ने भी किया विरोध

इंदौर,26मार्च(इ खबर टुडे)। शहर में शनिवार को उस वक्त जमकर ड्रामा हुआ जब नगर निगम का अमला एचआईजी रोड स्थित अन्नपूर्णा ड्रेसेस शोरूम को ध्वस्त करने पहुंचा। काफी देर तक यहां विरोध हुआ और शोरूम का मालिक पोकलेन के आगे लेट गया। उसकी मांग थी कि और समय दिया जाए। हालांकि बाद में शोरूम मालिक को हटाकर निर्माण तोड़ा गया।

जानकारी के मुताबिक एचआइजी कॉलोनी में नगर निगम की रिमूवल टीम ने अनुमति से अत्यधिक निर्माण करने पर अन्नपूर्णा ड्रेसेस की इमारत पर रिमूवल की कार्रवाई की। निगम की टीम शनिवार सुबह 8 बजे उस क्षेत्र में पहुंची और भवन के अवैध निर्माण वाले हिस्सों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान दुकानदार के समर्थन में उसके 50 से ज्यादा कर्मचारी पहुंचे और हंगामा करने लगे। दुकान मालिक खुद ही नगर निगम की पोकलेन के सामने लेट गया। हंगामा बढ़ने पर एमआइजी थाने के पुलिस बल ने स्थिति को संभाला।

बताया गया कि 4500 वर्ग फीट के प्लॉट पर प्लॉट के मालिक मिलिंद वाशिनकर को जी प्लस-2 की अनुमति दी गई थी। उसने भूखंड पर जी प्लस-5 का निर्माण कर लिया था। बैसमेंट भी अवैध रूप से बना रखा था। नगर निगम द्वारा पिछले दिनों शहर के अवैध निर्माणों को चिन्हित कर उन्हें तोड़ने की कार्रवाई फिर शुरू की गई जिसके चलते उक्त शोरूम को तोड़ने भी टीम पहुंची। निगम की टीम 6 पोकलेन, 5 जेसीबी और नगर निगम कर्मचारियों के साथ एचआईजी रोड स्थित अन्नपूर्णा ड्रेसेस पर पहुंची।

कर्मचारी करते रहे विरोध
इस निर्माण को तोड़ने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। शोरूम कर्मचारी निगम अफसरों से पूछ रहे थे कि जब-जब बिल्डिंग गलत और अवैध बन रही थी तो अधिकारी उस समय क्यों नहीं आए। बिल्डिंग बन जाने के बाद क्यों उसे तोड़ा जाता है। जिसने परमिशन दी थी उस पर और जोनल अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि जब बिल्डिंग का निर्माण शुरू होता है, उस वक्त नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को यह निर्माण नहीं दिखता। इधर निगम के अधिकारियों से मोहलत देने की मांग करते हुए शोरूम संचालक वाशिनकर शोरूम के मुख्य द्वार पर खड़ी दो पोकलेन के आगे लेट गए और निगम अफसरों से कहने लगे कि अगर शोरूम तोड़ा गया तो कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

शोरूम पर करीब 100 महिला-पुरुष कर्मचारी काम करते हैं, जो निगम अधिकारियों से समय देने की मांग करते रहे। इसी दौरान बातचीत में विवाद हो गया, जिसके चलते सारे कर्मचारी उग्र हो गए। उनका कहना था कि अभी कोरोना से उबरे हैं और ऐसे में निगम की तोड़फोड़ से वे न केवल बेरोजगार हो जाएंगे, बल्कि उनका परिवार भी संकट में पड़ जाएगा। हंगामा बढ़ने पर एमआइजी थाने के पुलिस बल ने स्थिति को संभाला। निगम अधिकारियों का कहना था कि नगर निगम द्वारा छह बार भवन मालिक को नोटिस भी दिया गया। लेकिन वह उसे लगातार नजरअंदाज करता रहा। शुक्रवार को निगम की ओर से उसे 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके बाद शनिवार सुबह नगर निगम का अमला पहुंचा और अवैध निर्माण हटाया।

भवन मालिक को दिए थे नोटिस
नगर निगम के भवन अधिकारी अनूप गोयल ने बताया कि मिलिंद को नगर निगम ने तल मंजिल के साथ दो मंजिला भवन के निर्माण की अनुमति दी थी, लेकिन यहां छह मंजिला भवन का निर्माण कर लिया गया था। इस भवन में पार्किंग भी नहीं थी। बैसमेंट में भी निर्माण कर लिया गया था। निगम द्वारा भवन मालिक को नोटिस भी दिए गए थे। शनिवार को निगम की रिमूवल टीम ने भवन के अवैध हिस्सों को तोड़ने का काम शुरू किया। रिमूवल विभाग के 60 कर्मचारियों ने घन व हथौड़ों से भवन की पांचवीं व छठी मंजिल के हिस्से को तोड़ना शुरू किया। इसके अलावा भवन के एमओएस में हुए अवैध निर्माण को भी तोड़ने की कार्रवाई की गई।

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