May 18, 2024

Election Commission: 5 जनवरी के बाद होगा 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान, बढ़ेगा वोटिंग का समय

नई दिल्ली,30 दिसंबर (इ ख़बर टुडे)। चुनाव आयोग ने आज गुरुवार को लखनऊ में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों पर बात की गई। चुनाव आयोग ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी दलों ने उनसे समय पर चुनाव कराने की मांग की है। मतलब कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से चुनाव शायद अब ना टाला जाए।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों का ऐलान 5 जनवरी के बाद ही किया जाएगा। 5 जनवरी तक वोटर्स लिस्ट फाइनल कर दी जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने कई बड़े ऐलान किए। मतदान का समय बढ़ाया जाएगा, ताकि मतदाताओं की भीड़ से बचा जा सके। इस बार सुबह 8 बजे से 6 बजे तक मतदान होगा। सुशील चंद्रा ने बताया कि आयोग किस तरह मतदाता सूची पर काम कर रहा है।

मीडिया में अपनी जानकारी देनी होगी
आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को मीडिया में यह प्रसारित करना होगा कि उनके खिलाफ कौन-सी धाराएं लगी हैं, कौन-से मामले चल रहे हैं। राजनीतिक दलों को भी यह प्रसार करना होगा कि उन्होंने ऐसी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को क्यों चुना है?

पारदर्शिता के साथ वोटिंग के लिए वेबकास्टिंग
कम से कम एक लाख बूथ पर वेबकास्टिंग की जाएगी ताकि यह लोग देख सकें कि पूरी पारदर्शिता के साथ वोटिंग होगी।

मतदान का समय एक घंटे बढ़ाया जाएगा
चुनाव आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता पंजीकरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। उस पर काफी मेहनत हुई है। 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

कोरोना को देखते हुए 1500 लोगों पर एक बूथ को घटाकर 1250 लोगों पर एक बूथ कर दिया गया है। इससे 11 हजार बूथ बढ़े हैं। हर पोलिंग बूथ पर पानी, बिजली और शौचालय की व्यवस्था होगी। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और रैंप की व्यवस्था होगी।

सिर्फ महिला पोलिंग अधिकारी होंगे
कम से कम 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे बनाए जाएंगे जहां सिर्फ महिला पोलिंग अधिकारी होंगे। मतदाता एपिक कार्ड के अलावा 11 अन्य दस्तावेज दिखाकर वोटर वोट डाल सकता है। इसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेज शामिल हैं।

पक्षपाती रवैये के बारे में शिकायत की
चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ प्रतिनिधियों ने प्रशासन के पक्षपाती रवैये के बारे में शिकायत की। पुलिस द्वारा रैलियों पर अनुचित प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया। अधिकतर राजनीतिक दलों ने प्रचार के दौरान धनबल, शराब और मतदाताओं को मुफ्त चीजें दिए जाने पर चिंता जताई है। इन मुद्दों से आयोग अवगत है। 

पांच जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता पंजीकरण का कार्यक्रम भी चल रहा है। उस पर काफी मेहनत हुई है। 5 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। अब तक 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत हैं।  नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी मतदाता सूची में अपने नाम को लेकर दावे-आपत्ति बता सकते हैं। 23.9 लाख पुरुष और 28.8 लाख महिला मतदाता हैं। 52.8 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें 19.89 लाख युवा मतदाता हैं यानी इनकी उम्र 18-19 साल हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि  2017 में लिंगानुपात 839 था यानी एक हजार पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं। इस बार यह बढ़कर 868 हो गया है। उत्तर प्रदेश में इस वक्त 10 लाख 64 हजार 267 दिव्यांग मतदाता हैं।

पार्टियां घनी आबादी वाले इलाके में बूथ के खिलाफ
चुनाव आयोग ने कहा कि लगभग पार्टियां घनी आबादी वाले इलाके में बूथ नहीं चाहते हैं, ताकि कोरोना दिशानिर्देश का उल्लंघन न हो।

सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव चाहते हैं: चुनाव आयोग
राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद सभी एसपी, डीआईजी, कमिश्ननर से मिलकर हालात का जायजा लिया गया। इसके बाद सभी नोडल अधिकारियों से चर्चा की गई। सबसे अंत में मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य अधिकारियों से बातचीत की। सभी दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निश्चित समय पर चुनाव कराने की मांग की। कुछ दलों ने कोविड प्रोटोकॉल के बिना पालन किए होने वाली रैलियों पर चिंता जताई।

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