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गोरखपुर एक्सप्रेस-वे पर 13 अप्रैल से फर्राटा भर सकेंगे वाहन, मिलेगी बड़ी राहत

गोरखापुर को पूर्वी उत्तरप्रदेश से जोड़ने के लिए बन रहा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे 13 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है। इसके लिए प्रशासन व सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से वाहनों के लिए रास्ता छोटा हो जाएगा। इससे समय और लगने वाले ईंधन की भी बचत होगी। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए जाने की संभावना है।


गोरखपुर से लखनऊ तक का 91.35 किलोमीटर लंबा सफर इस एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद आसान होगा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद एक तो गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर कम समय में हो सकेगा तथा बीच में रुकावट नहीं होने के कारण वाहनों का ईंधन भी बहुत कम खर्च होगा। फिलहाल यह एक्सप्रेस-वे चार लेन का बन रहा है। इसको इस प्रकार से बनाया जा रहा है ताकि भविष्य में इसे छह लेन का भी बनाया जा सके। यदि इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव बढ़ा तो इसे छह लेन का करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।


पूर्वांचन एक्सप्रेस-वे से जुड़ रहा
गोरखपुर से लखनऊ तक का यह एक्सप्रेस-वे गोरखपुर बाईपास के पास ​स्थित जैतपुर गांव से शुरू होगा। इसके बाद यह आजमगढ़ से होता हुआ सालारपुर गांव तक पूर्वांचल को जोड़ देगा। इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे
पूर्वांचल के दूसरे एक्सप्रेस-वे में मिल जाएगा। इसके लिए सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गई हैं। इसका काम अब अंतिम चरण में है।


टोल प्जाला भी तैयार

इस एक्सप्रेस-वे पर जहां पर भी टोल प्लाजा बनने थे, सभी बनकर तैयार हो गए हैं। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिशासी अभियंता पीपी वर्मा के ने बताया कि एक एक्सप्रेस-वे पर इंटरचेंज का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा टोल प्लाजा का काम भी पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेस-वे पर सरया तिवारी, सिकरीगंज, हरनही और बेलघाट में इंटरचेंज बनाए गए हैं ताकि दूसरे सड़क मार्गों से भी वाहन इस एक्सप्रेस-वे पर चढ़ सकें। इसके अलावा कम्हरियाघाट में सरयू नदी की धारा मोड़ने के लिए जियो टेक्सटाइल ट्यूब का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेस-वे पर सिकरीगंज व बेलघाट के बीच 600 मीटर का ओवरपास बनना बाकी है, इसे अप्रैल के पहले सप्ताह में ही पूरा कर लिया जाएगा।

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