May 18, 2024

Eight Lane Project : महज दो घण्टे में पंहुच जाएंगे वडोदरा या कोटा,साल भर के भीतर मिल जाएगी सौगात (देखिये एटलेन प्रोजेक्ट का पूरा विडियो )

रतलाम,15 अगस्त (इ खबरटुडे)। महज एक साल का वक्त और बचा है। अगले साल जब स्वतंत्रता दिवस आएगा,तब तक रतलाम से वडोदरा या कोटा बेहद नजदीक आ चुका होगा। रतलाम से वडोदरा या कोटा पंहुचने में सिर्फ दो या ढाई घण्टे लगेंगे। ये अनोखी सौगात मुंबई से दिल्ली के मध्य बन रहे एटलेन एक्सप्रेस हाईवे का काम पूरा होने पर मिलने लगेगी। यह एक्सप्रेस हाई वे अगले साल 15 अगस्त के पहले तैयार हो जाएगा।

मुंबई दिल्ली के मध्य बनाए जा रहे करीब साढे बारह सौ किमी लम्बाई के एटलेन एक्सप्रेस हाई वे में करीब ढाई सौ किमी का हिस्सा मध्यप्रदेश में आता है। यह मार्ग मध्यप्रदेश राजस्थान की सीमा पर बसे भानपुरा के नजदीक से मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगा और रतलाम के समीप से होते हुए अनास नदी के पास से गुजरात की सीमा में प्रवेश कर जाएगा। ढाई सौ किमी की लम्बाई वाले इस हाई वे में से अब तक करीब सौ किमी का मार्ग तो तैयार भी हो चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मध्यप्रदेश के ढाई सौ किमी हाईवे प्रोजेक्ट के लिए नियुक्त प्रोजेक्ट मैनेजर रवीन्द्र गुप्ता ने हाईवे की खासियतों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

आठ हजार करोड की लाग

दिल्ली मुंबई के बीच की दूरी अभी करीब चौदह सौ किमी है,लेकिन नए बनाए जा रहे एक्सप्रेस हाई वे से यह दूरी करीब डेढ सौ किमी कम होकर 1250 किमी रह जाएगी। एटलेन एक्सप्रेस हाई वे अन्तर्राष्ट्रिय स्तर के मानकों पर बनाया जा रहा है। इस पर करीब एक लाख करोड की लागत आएगी। प्रोजेक्ट मैनेजर श्री गुप्ता के अनुसार मध्यप्रदेश की सीमा से गुजरने वाले ढाई सौ किमी की लागत करीब आठ हजार करोड रु. आंकी गई है। इस हाईवे निर्माण की लागत प्रति किमी करीब पैैंतीस करोड रु आती है।

जमीन से दस फीट उपर

एटलेन एक्सप्रेस हाई वे जमीन से औसतन करीब दस फीट उपर बनेगा। श्री गुप्ता ने बताया कि मध्यप्रदेश से गुजरने वाले मार्ग की जमीन से उंचाई पांच से लेकर पैैंतीस फीट तक होगी। इस तरह यह औसतन दस फीट उपर बनेगा। इतना ही नहीं यह पूरा मार्ग दोनो ओर से बाउण्ड्री वाल से कव्हर किया जाएगा। सडक पर गुजरने वाले वाहनों को आसपास कुछ भी नजर नहीं आएगा। सडक़ के दोनो और करीब छ: फीट उंची बाउण्ड्री वाल होगी,ताकि कोई भी अवांछित वाहन या पशु इत्यादि इस रोड पर प्रवेश नहीं कर पाए।

सैकडों पुल पुलियायों का निर्माण

इस विशालकाय हाईवे को बनाने के लिए सैकडों पुल पुलियाएं बनाई जा रही है। स््री गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश की सीमा के भीतर 60 मीटर से अधिक लम्बाई वाले 60 बडे पुल बनाए जा रहे है,जबकि 154 छोटे पुल तैयार हो रहे है। हाईवे पर निर्बाध आवागमन के लिए करीब 511 पुलियाएं बनाई जा रही है। इसके अलावा जहां कहीं इस हाई वे से सडक़ों का क्रासिंग है ऐसे करीब 40 स्थानों पर बडे अण्डर पास बनाए जा रहे है। इसी तरह 112 छोटे अण्डर पास भी बन रहे है। अन्य लोगों को हाईवे क्रास करने के लिए 16 ओव्हर पास बनाए जा रहे है। ढाई सौ किमी लम्बाई वाले इस मार्ग में एक रेलवे क्रासिंग है,जबकि एक रेलवे क्रासिंग प्रस्तावित है। इन दोनो स्थानों पर रेलवे ओव्हर ब्रिज भी लगभग तैयार हो चुके है।

हाईवे पर होगी हर तरह की सुविधा

भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में हाईवे से गुजरने वालों के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जा रहा है। हाई वे पर हर पचास किमी में यात्री सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। मध्यप्रदेश की सीमा से गुजर रहे ढाई सौ किमी में इस प्रकार की छ: यात्री सुविधाएं बनाई जा रही है। इन स्थानों पर यात्रियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं जुटाई जाएगी। इन स्थानों पर पैट्रोल पंप के अलावा,थ्री स्टार होटल,शापिंग काम्प्लेक्स,बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क इत्यादि बनाए जा रहे है। यात्री सुविधाओं का निर्माण भी पचास प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है।

सात स्थानों पर होंगे इन्टरचेंज

इस हाईवे पर प्रवेश करने के स्थान पर भी निर्धारित है। चूंकि पूरे हाई वे के दोनो तरफ बाउण्ड््री वाल बनाई जा रही है,इसलिए इस हाई वे पर प्रवेश निर्धारित स्थानों से ही संभव हो पाएगा। इसके लिए विशालकाय जंक्शन बनाए जा रहे है। इन जंक्शंस पर हाईवे पर चढने और हाई वे से उतरने के लिए अलग अलग रास्ते बनाए जा रहे है। मध्यप्रदेश की सीमा में इस तरह के कुल 7 इन्टरचेंज बनाए जा रहे है। रतलाम शहर के लोगों के लिए वैसे तो धामनोद के समीप इन्टरचेंज बनाया जा रहा है,लेकिन जिले में कुल दो इन्टरचेंज है। रतलाम के लोग नामली के आगे से भी इस मार्ग पर जा सकेंगे।

हाई वे पर नहीं होगा टोल बू

इस हाई वे पर मुंबई से दिल्ली के बीच कोई टोल बूथ नहीं होगा। लेकिन इसका ये अर्थ नहीं है कि टोल टैक्स नहीं लगेगा। एक्सप्रेस हाईवे पर चलने वाले को दिल्ली से मुंबई के मध्य कहीं भी टोल बूथ के लिए अपनी स्पीड को कम नहीं करना पडेगा। हाई वे के सारे टोल बूथ,हाईवे पर चढने उतरने वाले मार्गों पर बनाए जाएंगे। रतलाम से जब कोई व्यक्ति अपना वाहन लेकर हाई वे पर जा रहा होगा,तो उसे टोल बूथ द्वारा पर्ची दी जाएगी। हाई वे पर प्रवेश के बाद जब वह वाहन किसी भी शहर जैसे वडोदरा के लिए हाई वे से बाहर निकलेगा,तब बाहर निकलने पर उसे रतलाम से वडोदरा तक का टोल चुकाना होगा।

पर्यावरण की पूरी चिन्ता

एटलेन एक्सप्रेस हाई वे के निर्माण में पर्यावरण की पूरी चिन्ता की जा रही है। इस हाई वे के प्रत्येक किलोमीटर मार्ग में कम से कम दो हजार पेड लगाए जाएंगे। ये पेड सडक़ के बीच में लगाए जाएंगे। मध्यप्रदेश की सीमा से गुजरने वाले ढाई सौ किमी मार्ग मेंलगभग साढे पांच लाख पेड लगाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि दोनो ओर के फोर लेन की चौडाई 19 -19 मीटर की रहेगी,जबकि दोनो ओर के मार्गों के बीच 22 मीटर का स्थान रिक्त छोडा जाएगा। इस तरह सडक़ की कुल चौडाई साठ मीटर की होगी। एक्सप्रेस हाई वे के बीच में खाली छोडे जा रहे स्थान में वृक्षारोपण किया जाएगा। इन पेडों के बडे हो जाने के बाद हाई वे पर चलने वाले वाहन चालकों को दूसरी तरफ के वाहन नजर तक नहींआएंगे।

250 किमी नौ पैकेज

ढाई सौ किमी का हाईवे बनाने के काम नौ पैकेज में बांटा गया है। इन नौ पैकेज को अलग अलग एजेंसियों को सौंपा गया है. विभिन्न एजेंसियों के के कर्मचारी दिन रात इस हाई वे को जल्दी से जल्दी पूरा करने में जुटे है।

120 की होगी स्पीड

एटलेन हाईवे में दिल्ली मुंबई के बीच की दूरी भले ही केवल डेढ सौ किमी कम हो रही हो,लेकिन इसकी वजह से इस दूरी को तय करने में लगने वाले वक्त में काफी ज्यादा कमी हो जाएगी। अभी जिन सडक़ों का उपयोग किया जा रहा है,उस पर अधिकतम गति सीमा 90 से सौ किमी प्रति घण्टा की है। लेकिन एटलेन एक्सप्रेस हाई वे पर चलने वाले वाहनों की न्यूनतम गतिसीमा 120 किमी प्रति घण्टा की रखी जाएगी। वर्तमान में रतलाम से वडोदरा की दूरी करीब 283 किमी है और कोटा की दूरी 299 किमी है। एटलेन एक्सप्रेस हाईवे के बनने के बाद यह दूरी कम तो होगी ही,इस पर चलने की न्यूनतम गति भी 120 मिकी प्रति घण्टा हो जाएगी। इस हिसाब से रतलाम से वडोदरा पंहुचने में महज दो सवा दो घण्टे और कोटा जाने में केवल ढाई तीन घण्टे का वक्त लगेगा।

मय से पहले पूरा होगा काम

एटलेन एक्सप्रेस हाई वे का काम युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। कोरोना लाकडाउन के चलते इस काम की गति प्रभावित हुई थी,लेकिन लाकडाउन में हुई देरी को और अधिक तेज काम करके पूरा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में बनाए जा रहे एटलेन एक्सप्रेस हाई वे के प्रोजक्ट मैनेजर रवीन्द्र गुप्ता का कहना है कि मध्यप्रदेश की सीमा से गुजरने वाले हाई वे का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। इसका लगभग पचास प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अगले स्वतंत्रता दिवस के पहले इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। श्री गुप्ता के अनुसार मार्ग पर करीब सौ किमी का मार्ग तो डामरीकृत भी हो चुका है। कुछ पुल पुलियाओं का काम अंतिम चरण में है। श्री गुप्ता के अनुसार अगले स्वतंत्रता दिवस के पहले तक इस मार्ग को उपयोग के लिए चालू कर दिया जाएगा।

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