December 25, 2024

2 Child Policy: ‘हम दो, हमारे दो’ की नीति पर आगे बढ़े उत्तर प्रदेश और असम, सरकारी योजनाओं के लाभ पर होगा सीधा असर

family planing

नई दिल्ली,20 जून( इ खबर टुडे)। देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए 2 Child Policy यानी केवल दो बच्चों की नीति पर विचार होने लगा है। ताजा खबर उत्तर प्रदेश और असम से आ रही है। सरकारी योजनाओं का लाभ अब उन्हीं लोगों को दिया जाएगा, जो दो बच्चों की नीति का पालन करेंगे। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है।

दूसरी तरफ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने भी कहा है कि राज्य सरकार कुछ विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चा नीति लागू करेगी। यह काम क्रमवार तरीके से किया जाएगा। उत्तर प्रदेश विधि आयोग फिलहाल राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिदुओं पर अध्ययन कर रहा है। जल्द वह अपना प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेगा।

असम: मुख्यमंत्री के मुताबिक, प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति को असम की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि कई योजनाएं केंद्र की मदद से चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, कुछ योजनाओं में हम दो बच्चा नीति को लागू नहीं कर सकते।

जैसे-स्कूलों और कालेजों में मुफ्त नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में इसे लागू नहीं किया जा सकता। लेकिन, यदि राज्य सरकार की ओर से कोई आवास योजना लागू की जाती है तो उसमें दो बच्चा नीति को लागू किया जा सकता है। आगे चलकर धीरे-धीरे जनसंख्या नीति को राज्य सरकार की हर योजना में लागू किया जाएगा।

-उत्तर प्रदेश विधि आयोग बना रहा प्रस्तावित कानून का मसौदा

-बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा प्रतिवेदन

-राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का कर रहा अध्ययन

-असम में केंद्र की मदद से चलने वाली योजनाओं को दो बच्चा नीति से अलग रखा जाएगा

उत्तर प्रदेश: राज्य में बीते चार वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम व उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम समेत कई नए कानून लागू किए गए हैं। कई अहम कानूनों में बदलाव की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। इसी कड़ी में विधि आयोग ने अब जनसंख्या नियंत्रण के बड़े मुद्दे पर अपना काम शुरू किया है।

इसके तहत सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनके दो या दो से कम बच्चे हैं। सूबे में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा और उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई बिदु भी बेहद अहम होंगे।

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