USA China: अमेरिका का दावा: चीनी सेना का पिट्ठू है वुहान का वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट, खुफिया प्रोजेक्ट में दिया साथ
वाशिंगटन,17 जनवरी (इ खबर टुडे)। कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 13 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ गुरुवार को चीन के वुहान पहुंचे थे। अब शनिवार को अमेरिका के विदेश विभाग ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को लेकर एक फैक्ट शीट जारी की। इसे ‘फैक्ट शीट: वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में होने वाली गतिविधि’ नाम दिया गया है।
इसमें कहा गया है, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जांचकर्ताओं के पास कोविड-19 के प्रसार से पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में चमगादड़ों और अन्य कोरोनावायरसों पर किए गए काम के रिकॉर्ड तक पहुंच होनी ही चाहिए।’
इस फैक्ट शीट के अनुसार, भले ही वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी खुद को एक नागरिक संस्थान घोषित करता हो, अमेरिका इसे लेकर निश्चित है कि इस संस्थान ने खुफिया परियोजनाओं और प्रकाशनों पर चीन की सेना से सहयोग किया है।
इस फैक्ट शीट के अनुसार, अमेरिकी सरकार के पास यह मानने के कारण हैं कि साल 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला पुष्ट मामला सामने आने से पहले पतझड़ के मौसम के दौरान वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के कई शोधकर्ता बीमार पड़ गए थे। इसके अनुसार इन शोधकर्ताओं में कोविड-19 और सामान्य मौसमी बीमारी के लक्षण थे।
बता दें कि अमेरिका शुरू से ही कोरोना वायरस के लिए खुले तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराता आ रहा है। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो यह तक कह चुके हैं कि कोरोना वायरस चीन का एक असफल वैज्ञानिक प्रयोग है। इसके अलावा अमेरिका ने चीन के साथ डब्ल्यूएचओ पर भी कोरोना संबंधी जानकारियां छिपाने के आरोप लगाए थे।