November 23, 2024

श्रावण के तीसरे सोमवार को असीमित आस्था उमड़ी,शिवराज शामिल हुए सवारी में

उज्जैन,01अगस्त(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार )।श्रावण मास के तीसरे सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन के लिए असीमित आस्था के साथ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा।रविवार से ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के आगे व्यवस्थाएं छोटी देखी गई।

सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन में 2 घंटे से अधिक का समय लगा।अपरांह में भगवान श्री महाकालेश्वर की तीसरी सवारी निकली, इसमें मुख्यमंत्री शिवराजसिहं चौहान सपत्निक शामिल हुए।

सोमवार को सुबह से ही भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की असीमित आस्था उमड पड़ी। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने करीब ढाई किलोमीटर झिगझेग में चलकर भगवान श्री महाकालेश्वर के मंदिर में भगवान के दर्शनों के लिए प्रवेश किया।पहली बार इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालू देखे गए हैं।

मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के लिए कई स्थानों पर पेयजल एवं अन्य प्रबंध किए थे।मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक एस के तिवारी के अनुसार भस्मार्ती के साथ ही देर शाम तक करीब 3 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन का अनुमान है।श्रद्धालुओं के पेयजल एवं अन्य सुविधाओं के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए थे।

अपरांह में श्रावण के तीसरे सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की तीसरी सवारी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं उनकी धर्मपत्नी साधनासिंह के साथ पुत्र भी शामिल हुए।सवारी के पूर्व सभामंडप में श्री चौहान ने सपत्नीक भगवान का पूजन अर्चन किया।शासकीय पूजारी पं.घनश्याम शर्मा ने पूजन करवाया।

भगवान के चंद्रमोलेश्वर स्वरूप को पालकी में सवार किया गया।पालकी को मुख्यमंत्री सहित अनेक गणमान्य जनों ने कांधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।सवारी के मंदिर के बाहर आते ही सशस्त्र गार्डों ने गार्ड आफ आनर दिया। इसके बाद पालकी के साथ सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली।पालकी में चंद्रमोलेश्वर,हाथी पर मनमहेश एवं महाकाल शिव तांडव स्वरूप में गरूड पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए।

सवारी में मुख्यमंत्री श्री चौहान सपत्निक पैदल चल रहे थे।इस दौरान उन्होंने हाथ मे झांझ हाथ में लेकर भी बजाए। मुख्यमंत्री ने स्थान स्थान पर जनता का अभिवादन किया ।शिप्रा तट रामघाट पर सवारी के पहुंचने पर यहां पालकी में सवार भगवान के चंदमौलेश्वर स्वरूप का शिप्रा जल से मुख्यमंत्री एवं उनकी धर्मपत्नी ने अभिषेक पूजन किया।

इसके उपरांत सवारी अपने परंपरगत मार्ग से होते हुए मंदिर पहुंची । सवारी के दर्शनों के लिए मार्ग के दोनों और बड़ी संख्या में श्रद्धालू खडे हुए थे।मार्ग के दोनो और बेरिकेड़्स के बाहर से श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए।

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