November 17, 2024

Uniform Civil Code : देश में समान नागरिक संहिता जरुरी , केंद्र सरकार कदम उठाए,दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा

नई दिल्ली,09 जुलाई (इ खबर टुडे ) । दिल्‍ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने एक तलाक संबंधी मामले में निर्णय देते हुए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का समर्थन किया है. दिल्‍ली हाई कोर्ट ने कहा, ‘सभी के लिए समान संहिता की जरूरत है. केंद्र सरकार को इस दिशा में जरूरी कदम उठाने चाहिए.’

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की, ‘आज का हिंदुस्तान धर्म, जाति, कम्युनिटी से ऊपर उठ चुका है. आधुनिक भारत में धर्म, जाति की बाधाएं तेजी से टूट रही हैं. तेजी से हो रहे इस बदलाव की वजह से अंतरधार्मिक अंतर्जातीय विवाह या फिर विच्छेद यानी डाइवोर्स में दिक्कत भी आ रही है. आज की युवा पीढ़ी को इन दिक्कतों से जूझना न पड़े इस लिहाज से देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना चाहिए. आर्टिकल 44 में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जो उम्मीद जताई गई थी, अब उसे केवल उम्मीद नहीं रहना चाहिए बल्कि उसे हकीकत में बदल देना चाहिए.’

लंबे समय से बना हुआ है मुद्दा

बता दें देश में लंबे समय से समान नागरिक संहिता एक मुद्दा बना हुआ है. देश की कई अदालतें अलग-अलग फैसलों में कह चुकी हैं कि कानूनों में एकरूपता लाने के लिए देश में एक समान नागरिक संहिता लाने के लिए कोशिश करनी चाहिए. देश का शाह बानो मामला भी ऐसा ही एक उदाहरण है. समान नागरिक संहिता की अवधारणा भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 44 में उल्‍लेखित है कि भारत के संपूर्ण क्षेत्र के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी.

You may have missed