साक्षी के मनोविज्ञान को समझें अधिवक्ता: पूर्व अभिभाषक संघ अध्यक्ष चंद्रसिंह पंवार
रतलाम,18 सितम्बर (इ खबरटुडे)। अभिभाषकों को पक्षकारों का कार्य एकाग्र चित्त होकर करना चाहिए । साक्ष्य के दौरान साक्षी के मनोविज्ञान को समझना महत्वपूर्ण है। सतत अध्ययन करने से ही प्रतिपरीक्षण की कला में निखार आता है ।
यह विचार जिला अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रसिंह पंवार ने शनिवार को अजंता टॉकीज रोड स्थित एक निजी होटल में व्यक्त किए । श्री पंवार अधिवक्ता परिषद जिला रतलाम की कार्यकारिणी की बैठक में प्रति परीक्षण कैसे करें विषय पर उद्बोधन दे रहे थे ।
श्री पंवार ने कहा कि युवा अभिभाषकों में पढ़ने की ललक होना चाहिए। जितना पढ़ेंगे उतना ही आगे बढ़ेंगे। न्यायालय में साक्षी के प्रतिपरीक्षण की तैयारी महत्वपूर्ण है। जितनी तैयारी से आप मामले को रखेंगे उतनी ही सफलता मिलेगी। वकालत के व्यवसाय में पुस्तकों से मित्रता सफलता का आधार है ।
अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी ने कहा कि अधिवक्ता परिषद की स्थापना सन 1992 में हुई थी। तब से अधिवक्ता परिषद भारतवर्ष में कार्यरत है । रतलाम जिले में भी अधिवक्ता परिषद के कार्य का विस्तार हुआ है। दो सत्र में आयोजित कार्यक्रम का संचालन विवेक उपाध्याय व विरेंद्र कुलकर्णी ने किया ।
आभार जितेंद्र मेहता व सौरभ सक्सेना ने माना ।अतिथि परिचय महामंत्री समरथ पाटीदार ने दिया । इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष घनश्याम दास बैरागी, मंत्री राकेश मेढा, सहमंत्री आकाश पोरवाल ,महिला प्रमुख सरिता गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य राजेश बाथम ,सुरेश वर्मा , अधिवक्ता परिषद आलोट इकाई अध्यक्ष नितिन व्यास ,जिला अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष दशरथ पाटीदार ,किशोर मंडोरा, राजेंद्र सिंह पवार, बालमुकुंद पाटीदार, राजीव ऊबी, मनीष शर्मा, शैलेंद्र शर्मा , देवराज सिंह पंवार, शिवराम पाटील भूपेंद्र सिंह पंवार आदि अधिवक्तागण उपस्थित थे।