Mann ki baat : तिरंगा अभियान ने पूरे देश को एक साथ खड़ा कर दिया, मन की बात कार्यक्रम में बोले PM मोदी
नई दिल्ली, 28अगस्त(इ खबर टुडे)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। आज मन की बात कार्यक्रम के 92वें एपिसोड के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई मुद्दों को लेकर देशवासियों के सामने अपने विचार रखें। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि अगस्त के इस महीने में आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है। मुझे ऐसा शायद ही कोई पत्र मिला हो, जिस पर तिरंगा न हो, या तिरंगे और आज़ादी से जुड़ी बात न हो।
अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं, एक चेतना की अनुभूति हुई है। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया। अमृत महोत्सव के ये रंग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले।
पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।
पहाड़ों की जीवनशैली और संस्कृति से हमें पहला पाठ तो यही मिलता है कि हम परिस्थितियों के दबाव में ना आएं तो आसानी से उन पर विजय भी प्राप्त कर सकते हैं, और दूसरा, हम कैसे स्थानीय संसाधनों से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित किया है। आपको ये जानकर भी बहुत खुशी होगी कि भारत के इस प्रस्ताव को 70 से ज्यादा देशों का समर्थन मिला था। आज, दुनिया भर में इसी मोटे अनाज का का क्रेज बढ़ता जा रहा है। बाजरा, मोटे अनाज, प्राचीन काल से ही हमारी खेती, संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा रहे हैं। हमारे वेदों में भी बाजरा का उल्लेख मिलता है, और इसी तरह, पुराणनुरू और तोल्काप्पियम में भी, इसके बारे में, बताया गया है।
मोटे अनाजों को अधिक से अधिक उपजाएं और फायदा उठाएं किसान: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत, विश्व में बाजरा (Millets) का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, इसलिए इस पहल को सफल बनाने की बड़ी जिम्मेदारी भी हम भारत-वासियों के कंधे पर ही है। हम सबको मिलकर इसे जन-आंदोलन बनाना है, और देश के लोगों में मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता भी बढ़ानी है। मेरा, अपने किसान भाई-बहनों से, यही आग्रह है कि बाजरा, यानी मोटे अनाज को, अधिक-से-अधिक अपनाएं और इसका फायदा उठाएं।
पीएम मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है? मध्य प्रदेश के दतिया जिले में “मेरा बच्चा अभियान”, इस “मेरा बच्चा अभियान” में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया। इसके तहत, जिले में भजन-कीर्तन आयोजित हुए, जिसमें पोषण गुरु कहलाने वाले शिक्षकों को बुलाया गया। एक मटका कार्यक्रम भी हुआ, इसमें महिलाएं, आंगनबाड़ी केंद्र के लिए मुट्ठी भर अनाज लेकर आती हैं और इसी अनाज से शनिवार को ‘बालभोज’ का आयोजन होता है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के साथ ही कुपोषण भी कम हुआ है।
कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है
पीएम मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है? मध्य प्रदेश के दतिया जिले में “मेरा बच्चा अभियान” ने इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया। इसके तहत, जिले में भजन-कीर्तन आयोजित हुए, जिसमें पोषण गुरु कहलाने वाले शिक्षकों को बुलाया गया। एक मटका कार्यक्रम भी हुआ, इसमें महिलाएं, आंगनबाड़ी केंद्र के लिए मुट्ठी भर अनाज लेकर आती हैं और इसी अनाज से शनिवार को ‘बालभोज’ का आयोजन होता है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के साथ ही कुपोषण भी कम हुआ है।
अमृत सरोवर का निर्माण एक जन आंदोलन बन गया: पीएम मोदी
‘मन की बात’ में ही चार महीने पहले मैंने अमृत सरोवर की बात की थी। उसके बाद अलग-अलग जिलों में स्थानीय प्रशासन जुटा, स्वयं सेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग जुटे, देखते ही देखते अमृत सरोवर का निर्माण एक जन आंदोलन बन गया है।
अमृत महोत्सव के ये रंग दूसरे देशों में भी देखने को मिला: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव के ये रंग, केवल भारत में ही नहीं, बल्कि, दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले। बोत्स्वाना में वहां के रहने वाले स्थानीय गीतकारों ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाए। इसमें और भी खास बात ये है, कि ये 75 गीत हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, बांग्ला, असमिया, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और संस्कृत जैसी भाषाओं में गाए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि नामीबिया में भारत- नामीबिया के सांस्कृतिक-पारंपरिक संबंधों पर विशेष स्टैम्प जारी किया है। इस अवसर पर जो भारतीय विदेशों में थे, वो भी किसी से पीछे नहीं रहे। भारत के 8 पर्वतारोहियों ने, आजादी के 75 वर्ष मनाने के लिए, यूरोप की दो बड़ी पर्वतचोटियों को 24 घंटे में फ़तेह किया। इनमें से एक तो यूरोप की सबसे ऊंची चोटी Mount Elbrus है। हम कहीं भी हों, देश के लोगों की ये भावना हमें निरंतर आगे बढ़ने का हौसला देती है ।
आप सभी के पत्रों, संदेशों ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त के इस महीने में, आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड्स ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है। मुझे ऐसा शायद ही कोई पत्र मिला हो, जिस पर तिरंगा न हो, या तिरंगे और आजादी से जुड़ी बात न हो। बच्चों ने, युवा साथियों ने तो अमृत महोत्सव पर खूब सुंदर-सुंदर चित्र, और कलाकारी भी बनाकर भेजी है ।
पीएम मोदी ने तिरंगा यात्रा की तारीफ की
लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग प्रगतिशील विचारों के साथ आए । जैसे युवा साथी, कृशनील अनिल जी ने अनिल जी एक Puzzle artist हैं और उन्होंने रिकॉर्ड समय में खूबसूरत तिरंगा mosaic art तैयार की है। वहीं कर्नाटक के कोलार में, लोगों ने 630 फीट लम्बा और 205 फीट चौड़ा तिरंगा पकड़कर अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया। असम में सरकारी कर्मियों ने दिघालीपुखुरी वार मेमोरियल में तिरंगा फहराने के लिए अपने हाथों से 20 फीट का तिरंगा बनाया ।
हर शहर, हर गांव में, अमृत महोत्सव की अमृत धारा बह रही है: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस महीने में हमारे पूरे देश में, हर शहर, हर गांव में, अमृत महोत्सव की अमृत धारा बह रही है। अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं। एक चेतना की अनुभूति हुई है। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया। तिरंगे के गौरव के प्रथम प्रहरी बनकर, लोग, खुद आगे आए।