पहली बार दुर्लभ रक्त समूह ओ नेगेटिव का रक्तदान कर अर्पित की श्रद्धांजलि
रतलाम, 23 अगस्त (इ खबर टुडे)। अनुभवी रक्त मित्र का थोड़ा सा समय और मोटिवेशन नए रक्तदाताओं के लिए उत्सवर्धन हो जाता है| ऐसा करने से भविष्य का एक जागरूक रक्तदाता बन जाता है।
उपरोक्त बात पूर्व ब्लड बैंक प्रभारी समाजसेवी गोविंद काकानी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वर्गीय श्री गोपाल राव जी कोठारी के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उनके पौत्र चिंतन कोठारी से रक्तदान विषय पर चर्चा हुई और उन्होंने तत्काल पूज्य दादाजी गोपाल राव कोठारी की स्मृति में उनके द्वारा दिए गए संस्कारों को आगे बढ़ते हुए रक्तदान करने का निर्णय लेते हुए दूसरे दिन मुझे सूचना कर मानव सेवा समिति रक्त कोष पर परिवार सदस्य मलय सोनटक्के के साथ पहुंचे और पहली बार दुर्लभ रक्त समूह ओ नेगेटिव का रक्त दान किया| जिसकी आवश्यकता इस दिन रक्त कोष पर थी।
चिंतन कोठारी ने अपने पहली बार रक्तदान के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि मन में पूर्व में डर था, कितना समय लगेगा, कमजोरी तो नहीं आएगी आदि सभी शंकाएं रक्तदान करने के पश्चात दूर हो गई और युवाओं से आवाहन करता हूं कि वह भी 18 वर्ष पूर्ण होते ही रक्तदान के महायज्ञ में अपना योगदान दे| यह बहुत पुनीत कार्य है ।
इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है| मानव सेवा समिति की ओर से गोविंद काकानी ने उन्हें स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया| परिवार सदस्य दादी श्रीमती शोभा कोठारी, माता श्रीमती वैदेही कोठारी, पिता तुषार कोठारी , नारायण कोठारी एवं प्रतिमा सोनटाक्के ने रक्तदान के पुनीत कार्य से जोड़ने पर मानव सेवा समिति को धन्यवाद अर्पित किया।