Toll Booth Jam : फोरलेन टोलबूथ पर वाहनों का लगा जाम,टोल बूथ संचालकों की लापरवाही के चलते परेशान हुए हजारों वाहन चालक,फोरलेन की बुरी हालत के बावजूद लगातार जारी है टोल वसूली (देखिए लाइव विडीयो)
रतलाम,02 फरवरी(इ खबरटुडे)। रतलाम लेबड फोरलेन पर धराड और बिलपांक के बीच बनाए गए टोलबूथ पर बूथ संचालकों की लापरवाही के चलते बार बार जाम की स्थिति बन रही है और टोल बूथ पार करने में वाहन चालकों को आधे घण्टे से चालीस मिनट तक का समय लग रहा है। फोरलेन की हालत भी खस्ता हो रही है,जिसे सुधारने का काम जारी है। लेकिन सडक़ की हालत खराब होने के वावजूद टोल कंपनी द्वारा टोल वसूली लगातार जारी है।
उल्लेखनीय है कि रतलाम से लेबड तक के फोरलेन पर कई जगह फोरलेन की हालत खस्ता हो रही है। टोल कंपनी वेस्टर्न एमपी एन्फ्रास्ट्क्चर द्वारा रोड सुधार का काम भी किया जा रहा है,लेकिन ये बेहद धीमी गति से चल रहा है। इसका परिणाम यह है कि सातरुण्डा से रतलाम पंहुचने में वाहनों को कई बार एक एक घण्टे का समय लग जाता है। सडक़ की खस्ता हाल के बावजूद टोल कम्पनी ने टोल वसूली को स्थगित नहीं किया है।
इधर धराड और बिलपांक के बीच बनाए गए टोल प्लाजा पर कंपनी की लापरवाही के चलते बार बार जाम की स्थितियां बन रही है। रविवार को टोल प्लाजा के टोल बूथों पर वाहनों की एक एक किमी लम्बी कतारें लग रही थी। टोल बूथ पर फंसे वाहन चालकों ने इ खबरटुडे के कैमरे पर कहा कि वे चालीस मिनट से यहां फंसे है। वाहन चालकों का कहना था कि उनके वाहनों पर फास्टैग लगे होने के बावजूद टोल बूथ पर इतना अधिक समय लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस टोल प्लाजा पर टोल वसूली के कुल आठ बूथ बनाए गए हैैं। लेकिन टोल कम्पनी द्वारा सभी आठ बूथों को कभी भी चालू नहीं रखा जाता। वर्तमान में तो दो टोलबूथों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है,इसलिए ये टोल बूथ पूरी तरह बन्द है। बचे हुए छ: बूथों में से भी कम्पनी दो बूथ बन्द रखती है। इसी का परिणाम है कि टोल बूथ पर बार बार जाम की स्थितियां बनती है।
नियमों का खुला उल्लंघन
परिवहन मंत्रालय के नियमों के मुताबिक यदि किसी टोल बूथ पर वाहन निकालने में छ: मिनट से अधिक समय लगता है,तो नियमानुसार उस वाहन से टोल राशि नहीं ली जा सकती। लेकिन इस टोल पर प्रत्येक वाहन को निर्धारित समय सीमा से अधिक समय लग रहा है। इसके बावजूद भी कंपनी द्वारा टोल राशि वसूली जा रही है।
सुविधाएं भी नदारद
नियमानुसार प्रत्येक टोलबूथ पर वाहन चालकों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी टोल कम्पनी की होती है। लेकिन इस टोलबूथ पर सुविधाएं पूरी तरह नदारद है। टोल बूथ पर यात्रियों के लिए ना तो स्वच्छ पेयजल की कोई व्यवस्था है और ना ही सुविधाघर साफ हालत में है। सुविधाघर बनाया तो गया है,लेकिन उनकी साफ सफाई का कोई इंतजाम नहीं रखा गया है।
टोल कम्पनी के सूत्रों के मुताबिक इस टोल बूथ से रोजाना करीब दस हजार छोटे बडे वाहन गुजरते है और टोल कम्पनी प्रतिदिन लाखों रुपए का टोल एकत्रित करती है। लेकिन इसके बावजूद टोल बूथ पर ना तो पर्याप्त सुविधाए हैैं और ना ही सडक़ की हालत ठीक है। सडक़ को ठीक करने के दौरान कम्पनी को टोल वसूली स्थगित रखना चाहिए लेकिन ऐसा कभी नहीं किया जाता।
मप्र सडक विकास निगम के अधिकारियों से जब इस मामले में सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो किसी भी सम्बन्धित अधिकारी के रविवार का अवकाश होने की वजह से सम्पर्क नहीं हो सका।