Toll loss: किसान आंदोलन से एक साल में हुआ 2731 करोड़ रुपए टोल का नुकसान- नितिन गडकरी ने राज्यसभा में बताया
नई दिल्ली,02 दिसम्बर (इ खबर टुडे)। तीन कृषि कानूनों को लेकर एक साल से अधिक समय से जारी किसान आंदोलन के कारण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को 2731.32 करोड़ रु के टोल का नुकसान हुआ है। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी।
राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि किसान आंदोलन के कारण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में टोल कलेक्शन प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि अक्टूबर, 2020 में प्रदर्शनकारियों ने पंजाब में टोल प्लाजा को बंद करना शुरू किया था, जिसका असर हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिला।
राजमार्गों पर 60-65 टोल प्लाजा हुए प्रभावित
नितिन गडकरी ने संसद के उच्च सदन में यह भी बताया कि किसान आंदोलन के कारण नैशनल हाईवे पर 60 से 65 टोल प्लाजा प्रभावित हुए। वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 12 हजार किमी नैशनल हाईवे के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। ये हाईवे विभिन्न परियोजनाओं के तहत बनाए जा रहे हैं और इनमें से कई परियोजनाओं का काम 2021 में पूरी होने वाला है।
आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का आंकड़ा नहीं, मुआवजा कैसा? संसद में बोली सरकार
इसके पहले, सरकार ने लोकसभा में बताया था कि किसान आंदोलन के दौरान हुई मौतों का कोई आंकड़ा उनके पास नहीं है। आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के स्वजनों को वित्तीय सहायता दिए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्रालय ने बताया कि उनके पास इससे जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मुआवजे का सवाल ही पैदा नहीं होता। लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों की मौतों का मामला उठाया था।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान एक साल से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए हुए हैं। किसानों के जारी आंदोलन को देखते हुए सरकार ने एक दिन पहले ही इन तीनों कानूनों की वापसी पर मुहर लगाई है। हालांकि, किसान संगठन सरकार के इस कदम के बावजूद आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं हैं।