May 4, 2024

Doctor’s Day Spacial मेडिकल कॉलेज रतलाम में तीन चिकित्सकों ने कोविड संक्रमण के दौरान व्यवस्थाएं संभाली,जावरा में जीवनरक्षक बने डॉक्टर

रतलाम 30 जून(इ खबरटुडे)। जिले में कोविड-19 की महामारी की दूसरी लहर के दौरान व्यवस्थाओं के समक्ष गंभीर चुनौतियां सामने आई। रतलाम जिले के मेडिकल कॉलेज में तीन चिकित्सक डॉ. मोहित राठौर, डॉ. विनय शर्मा और डॉ. सुमित गौड़ कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनात हैं। तीनों चिकित्सक वर्ष 2019 से मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक कार्य संभाल रहे हैं।

DR Vinay Shrma
Dr.Sumit Gaud

मेडिकल कॉलेज रतलाम में 1 अप्रैल 2020 से जिला कोविड-19 सेंटर के रूप में मरीजों को उपचार सेवाएं देना प्रारंभ की गई तबसे उपरोक्त तीनों चिकित्सक लगातार सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। तीनों चिकित्सकों ने कोविड-19 के दौरान किसी भी प्रकार का कोई अवकाश नहीं लिया। वे बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान गंभीर संक्रमण के मरीजों का क्राइसिस मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया। इस दौरान बेड संख्या के अनुपात में अधिक मरीज भर्ती होने आ रहे थे, ऐसे समय में मेडिकल कॉलेज की बेड संख्या बढ़ाकर 560 की गई, वहाँ अलग से दो वार्ड बनाए गए। एक आईसीयू वार्ड बनाए गए तथा दो एचडीयू वार्ड प्रारंभ किए गए।

Dr.Mohit Rathor

जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन एवं डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता के मार्गदर्शन में उचित प्रबंधन के लिए भरपूर सहयोग मिला वहीं दूसरी ओर सामान्यजन ने भी मेडिकल कॉलेज के लिए अपना समय दिया और कोविड संक्रमण के रोकथाम एवं उपचार में विभिन्न शाखाओं ने तन-मन-धन से सहयोग प्रदान किया जिसकी बदौलत कोविड की दूसरी लहर पर काबू पाया जा सका। तीनों चिकित्सकों ने डॉक्टर्स डे पर सभी को शुभकामनाएं दी है।

जावरा के डॉक्टर दीपक पालडिया बने जीवनरक्षक

जिले के जावरा विकासखंड बीएमओ एवं सिविल हॉस्पिटल प्रभारी के रूप में डॉक्टर दीपक पालडीया ने पूरी निष्ठा, समर्पण और सेवाभाव के साथ अपना योगदान दिया है। कोविड-19 के दौरान जब जावरा क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण संक्रमण बढ़ा। इस दौरान डॉक्टर दीपक पालडिया ने कोविड से बचाव के लिए मोर्चा संभाला। उन्होंने घर-घर लोगों का फीवर सर्वे कराया। फीवर के समबन्ध में सेम्पल लेकर जाँच करवाई। कोरोना काल में कई मरीज संक्रमित पाए गए। इन सभी संक्रमित मरीजों को डॉक्टर पालडिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य लाभ मिला। जहां कहीं आवश्यकता होती तो मरीजों को रेफरल सेंटर पर रेफर कराकर भी उनका उचित उपचार कराया गया।

Dr Paldiya

डॉक्टर पालडिया बताते हैं कि कोविड-19 के दौरान कई दिनों तक अपने घर-परिवार के लोगों से कोई संपर्क स्थापित नहीं किया और अस्पताल में ही रहकर लोगों को स्वास्थ सेवाएं प्रदान की। उन्होंने बताया कि मानव जाति के लिए कोविड-19 अभिशाप सिद्ध हुआ। इस महामारी के दौरान समाज के सभी वर्गों ने आगे आकर स्वास्थ्य विभाग को सहयोग और संबल प्रदान किया और सभी लोगों के मिले-जुले प्रयास से बीमारी पर काबू पाया जा सका। जावरा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों ने ऑक्सीजन, मेडिकल उपकरण, मास्क, सैनिटाइजर तथा अन्य जरुरी चीजों को उपलब्ध कराने में सहयोग प्रदान किया।

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