post office,PNB, SBI, HDFC बैंक में फिक्स डिपाजिट कराने वाले जान ले कि समय से पहले एफडी तोड़ने पर कितना होता है नुकसान
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post office, PNB, SBI, and HDFC
Those who have fixed deposits in post office, PNB, SBI, and HDFC Bank should know how much loss occurs when breaking the FD prematurely.
Bank FD update: प्रत्येक व्यक्ति आने वाली समय के लिए कुछ ना कुछ सेविंग करते हैं और उन पैसों से अच्छा रिटर्न लेने के लिए बैंक एफडी में निवेश कर देते हैं। परंतु भविष्य में कई बार इमरजेंसी में समय से पहले एफडी को तुड़वाना पड़ जाता है। एफडी मैच्योर होने से पहले पैसा निकालने पर पेनल्टी का भुगतान करना होता है। अगर आप पोस्ट ऑफिस(post office), पंजाब नेशनल बैंक(Punjab National Bank), स्टेट बैंक आफ इंडिया(State Bank of India), एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank) के ग्राहक है तो यह जान ले की मैच्योरिटी से पहले फिक्स डिपाजिट तुड़वाने पर आपको कितनी पेनल्टी देनी होगी।
Fd करवाने वाले बैंक ग्राहकों के लिए एक अहम जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि इन बैंकों में एफडी करवाने के बाद अगर किसी कारणवंश आपको मैच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ना पड़ता है तो
आपको पूरा पैसा नहीं मिलेगा एफडी में से पेनल्टी काटकर आपको पैसा मिलेगा। इस समय एफडी मैच्योर होने से पहले अगर आप निकासी करते हैं तो पेनल्टी दर में बढ़ोतरी कर दी गई है।
एफडी में मेच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की पेनल्टी दर में बढ़ोतरी बैंक ग्राहकों के लिए एक बड़ा झटका है। अब समय से पहले एचडी निकलने पर आपको मिलने वाली ब्याज दर में कटौती कर दी जाएगी और यह कटौती आपके निवेश के नुकसान को और बढ़ा सकती है। इस नुकसान से बचने के लिए फिक्स डिपाजिट करने वाले लोगों को और सावधानी बरतनी होगी।
रेपो रेट का ब्याज दर पर सीधा असर
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की साल 2025 की मॉनिटर पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में 0.25% की कटौती के बाद विभिन्न लोन के साथ-साथ फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दरों में कमी आने की संभावना बढ़ चुकी है। हालांकि बैंक लोन की ब्याज दरें कम होने से लोन ग्राहकों को फायदा होता है तो एफडी की ब्याज दरें कम होने से रिटर्न में कम फायदा होगा और परिणाम स्वरुप नुकसान होगा।
मैच्योरिटी टाइम से पहले निकासी पर जुर्माना
एफडी निवेशको को यह ध्यान रखना होगा कि परिमेच्योर निकासी यानी समय से पहले राशि निकालने पर बैंक दंड के रूप में कस्टमर से जुर्माना वसूलता है। जिससे ग्राहक को काफी नुकसान होता है। कुछ शर्तों के मुताबिक यह पेनल्टी माफ भी हो सकती है, जैसे कि उसी बैंक में लंबी अवधि के लिए एफ डी करवाना। निवेश को एफडी करवाने से पहले ही बैंक की शर्तों फाइनेंशियल संरचना और प्रीमेच्योर निकासी पर मिलने वाली ब्याज दर के बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए ताकि वह निकासी के टाइम सही निर्णय ले सकें।
प्रीमेच्योर निकासी शुल्क
भारत के सभी बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की मैच्योरिटी टाइम से पहले निकासी पर अलग-अलग शुल्क लेते हैं जो अधिकतर 0.5% से 1% तक होता है। पोस्ट ऑफिस, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और एचडीएफसी बैंक के मामले में भी प्रीमेच्योर निकासी पर यह पेनल्टी लागू होती है इन बैंकों में निकासी से पहले की गई शर्तों और ब्याज दरों के आधार पर शुल्क अलग-अलग हो सकता है निवेश को इन बैंकों की नीतियों को समझ कर ही डिपॉजिट को तुड़वाने जैसा कदम उठाना चाहिए।
पोस्ट ऑफिस, एसबीआई और पीएनबी में फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाने पर ब्याज दर
Post office और एसबीआई बैंक में 500000रुप ए तक के फिक्स डिपॉजिट पर समय से पहले निकासी करते हैं तो 0.50% की पेनल्टी लगती है। परंतु ₹500000 से अधिक के टर्म डिपॉजिट पर एक प्रतिशत तक पेनल्टी लगता है।
इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक में भी समय से पहले निकासी पर ब्याज दर में 0.5% या 1% की कमी होती है यह नियम ग्राहकों को पूर्व निर्धारित ब्याज दर से कम ब्याज प्राप्त करने पर मजबूर करता है। यह पेनल्टी दर कभी कम तो कभी ज्यादा होती रहती है यह उसी समय पर निर्भर करता है।
एचडीएफसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योरिटी टाइम से पहले तुड़वाने पर पेनल्टी
एचडीएफसी बैंक में समय से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट से पैसा निकालने पर ग्राहक को पहले से ब्याज दर से एक प्रतिशत कम मिलता है। 2023 जुलाई से एचडीएफसी बैंक में प्रीमेच्योर निकासी पर लागू नियम के अनुसार ब्याज दर 1% कम मिलता है यह दर जमा की तारीख के आधार पर निर्धारित होती है और बैंक में जमा राशि की अवधि पर निर्भर करती है।
Punjab National Bank मैं मेच्योरिटी टाइम से पहले निकासी पर जुर्माना
Punjab National Bank मैं फिक्स डिपाजिट के मैच्योरिटी टाइम से पहले निकासी करने पर एक प्रतिशत शुल्क लिया जाता है यदि आप अधिक पुरानी एफडी को बंद करके इस बैंक में एक नई फिक्स्ड डिपाजिट योजना खोलते हैं तो आपसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता है परंतु ध्यान रखने योग्य बात यह है की फिक्स डिपाजिट की अवधि पहले से बंद की गई फिक्स डिपाजिट से अधिक होनी चाहिए ।इस नियम से ग्राहकों को अपनी राशि का लाभ बिना जुर्माना दिए बढ़ाने का मौका मिल जाता है।