Eclipses in Year : वर्ष 2024 में होंगे 4 ग्रहण,एक भी दिखाई नहीं देगा ; सूर्य ग्रहण पूर्ण होगा,चंद्रग्रहण आंशिक,प्रतिच्छाया चंद्र ग्रहण से शुरूआत होगी
उज्जैन, 04 जनवरी(इ खबर टुडे / ब्रजेश परमार ) । नए वर्ष 2024 में चार ग्रहण होंगे। इसकी शुरूआत 25 मार्च को प्रतिच्छाया चंद्रग्रहण से होगी और सबसे अंत में 2-3 अक्टूबर को कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा। खास बात यह है कि चारों ग्रहण भारत के साथ ही उज्जैन में दिखाई नहीं देंगे। प्रथम प्रतिच्छाया चंद्रग्रहण में चंद्रमा का कोई भी भाग पृथ्वी की वास्तविक छाया से नहीं ढकता है, इसलिए इसे सामान्यत: ग्रहण के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है।
शासकीय जीवाजी वेधशाला अधीक्षक डा. राजेन्द्र प्रकाश गुप्त के अनुसार वर्ष भर में इस बार चार ग्रहण ही खगोलीय घटना के रूप में सामने आ रहे हैं। इनमें से एक भी ग्रहण न तो भारत में और न ही उज्जैन में दिखाई देगा। इनमें से पूर्ण सूर्य ग्रहण और कंकणाकृति सूर्यग्रहण मध्यरात्रि में होंगे। प्रतिच्छाया और आंशिक चंद्र ग्रहण दोपहर एवं प्रात: होंगे।
पहला प्रतिच्छाया ग्रहण 25 मार्च-
प्रतिच्छाया ग्रहण प्रात: 10.21 से दोपहर 12.42 तक होगा। इसके मोक्ष का समय दोपहर 15.4 बजे होगा।
दूसरा पूर्ण सूर्यग्रहण 8-9 अप्रेल –
पूर्ण सूर्यग्रहण रात्रि 10.10 बजे से रात्रि 11.47 तक होगा। इसका मोक्ष मध्यरात्रि 1.24 बजे होगा। यह 100 प्रतिशत ग्रहण होगा। पोलिनेशिया ( हवाई द्वीप ) ,उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका , ग्रीनलेंड, आईसलेंड में दिखाई देगा। इसकी पूर्णता की अवधि 4 मिनट 32 सेकंड रहेगी।
तीसरा आंशिक चंद्रग्रहण 18 सितंबर –
आंशिक चंद्रग्रहण प्रात: 7.41 बजे से 8.14 बजे तक रहेगा। इसका मोक्ष समय 8.46 है। ग्रहण का प्रतिशत 9 रहेगा। यह ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी हिंद महासागर , मध्य-पूर्व अफ्रीका ,यूरोप, अटलांटिक महासागर व अमेरिका में दिखाई देगा।
चौथा कंकणाकृति सूर्यग्रहण 2-3 अक्टूबर-
वर्ष का अंतिम कंकणाकृति सूर्यग्रहण रात्रि 10.23 से मध्यरात्रि 12.15 बजे तक रहेगा। इसके मोक्ष का समय 2.6 बजे तक रहेगा। ग्रहण का प्रतिशत 93 रहेगा। यह ग्रहण पोलिनेशिया ( हवाई द्वीप ) , पश्चिमी मैक्सिको, गलापागोश आईसलेंड, दक्षिणी अमेरिका व अंटार्कटिका में दिखाई देगा। कंकणाकृति सूर्यग्रहण की पूर्णता अवधि 07 मिनट 21 सेकंड होगी।