December 27, 2024

हटाए गए भाजयुमो अध्यक्ष ने मंदिर प्रशासन की लापरवाही को बताया घटना का जिम्मेदार

mahakal bjym

उज्जैन18अगस्त(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। 10 अगस्त को श्री महाकालेश्वर मंदिर में हुई घटना को लेकर हटाए गए भाजयूमों नगर अध्यक्ष अमेय शर्मा ने मंदिर प्रशासन की लापरवाही को घटना का जिम्मेदार बताया है।उन्होंने मंदिर प्रशासक पर आरोपों की झडी लगा दी है।अमेय ने पहली बार चुप्पी तोडते हुए कहा कि जिला प्रशासन को सूचना देने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सूर्या को प्रोटोकाल उपलब्ध कराया गया।

अमेय के अनुसार भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद तेजस्वी सूर्या के नगरागमन पर 10 अगस्त को ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर कर्मचारियों और युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के बीच उपजी घटना हेतु मंदिर प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।इसकी सूचना संगठन द्वारा मंदिर प्रशासक को भी दी गई थी तथा गर्भगृह में राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष आदि व नंदीहाल में कार्यकर्ताओं की अनुमति ली गई।

मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक सहित मंदिर प्रशासन की घोर लापरवाही, कर्तव्यविमुखता के कारण करीबन आधा घंटा तक राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सूर्या व कार्यकर्ता विभिन्न द्वारों पर परेशान होते रहे। अंततः राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष को प्रवेश मिला परंतु अन्य कार्यकर्ताओं को मंदिर के जिम्मेदारों ने नंदी हाल में प्रवेश न देकर जानबूझकर कार्यकर्ताओं को अपमानित किया, उकसाया और उनके साथ जोर आजमाईश व हिंसा की।

इस दौरान मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ मौके से नदारद रहे, जबकि वे मंदिर प्रांगण में ही मौजूद थे जिन्हें प्रोटोकाल दर्शन की जिम्मेदारी दी गई थी। उनका मोबाइल भी उन्होंने जानबूझकर बंद कर लिया। चेटिंग में स्वयं प्रशासक ने स्वीकार किया है कि वहां पर कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं है। यह मंदिर प्रशासन की विफलता, लापरवाही का ठोस साक्ष्य है।

मंदिर प्रशासन की प्रोटोकाल सुविधा में लापरवाही, अकर्मण्यता के परिणामस्वरूप ही प्रवेश को लेकर जद्दोजहद स्थिति उत्पन्न हुई है इस हेतु मोर्चा कार्यकर्ता नहीं अपितु मंदिर प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।

इसकी पुष्टि विगत दिनों श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति उज्जैन के अध्यक्ष व जिला कलेक्टर आशीषसिंह द्वारा प्रशासक श्री धाकड़ को इस घटना हेतु लापरवाह मानते हुए स्पष्टीकरण अपेक्षित करने से हो जाती है। कलेक्टर का पत्र मंदिर प्रशासन की लापरवाही, अकर्मण्यता व कर्तव्यविमुखता को स्पष्ट करता है।

अमेय ने सवाल उठाया कि पूर्व में किन्नरों द्वारा नृत्य करने, श्रद्धालु द्वारा अश्लील गाने पर नृत्य करने, नंदीहाल में कर्मचारी द्वारा केक काटने, कुत्ता लेकर महिला श्रद्धालु द्वारा मंदिर में घुसने, 1 जनवरी 2019 को कांग्रेस नेता द्वारा रिवाल्वर लेकर मंदिर में घुसने, बीएसएफ जवान से मारपीट, एनआरआई कपल से अभद्रता आदि अनेकानेक मामलों में मंदिर प्रशासन ने कहीं दिखावटी कार्यवाही की और कहीं तो दिखावटी कार्यवाही भी नहीं की।

मंदिर प्रशासन ने जानबूझकर अपनी गलती को छुपाने हेतु द्वेषतावश इस घटना को तुल देकर झूठा प्रकरण कार्यकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज कराया है जिसकी भी निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।अमेय ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित संगठन एवं सत्ता के प्रमुखों को पत्र भेजकर मंदिर प्रशासन के जिम्मेदारों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही कर मंदिर प्रशासन में प्रशासनिक सर्जरी कर योग्य अधिकारियों की पदस्थी की मांग की जाएगी।

इस बारे में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ का कहना है कि उन्हें घटना वाले दिन 03 लोगों के आने की सूचना दी गई थी,जिनकी अनुमति दे दी गई और उन्होंने दर्शन भी किए ।

नंदी गृह के लिए कितने लोग आएंगे इसकी कोई सूचना नहीं दी गई।प्रबंध समिति के अध्यक्ष के स्पष्टीकरण मांगने को लेकर उनका कहना था कि मुझसे अकेले से नहीं 10 लोगों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।स्पष्टीकरण को लेकर अध्यक्ष महोदय से ही आप चर्चा करें।

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