रतलाम / ग्राम डेहरी में मिले शव की गुत्थी सुलझी, रतलाम पुलिस ने किया खुलासा
रतलाम,06 फरवरी(इ खबर टुडे)। आलोट थाना क्षैत्र अंतर्गत 01.02.2024 को रात्रि करीबन 03 बजे जीवनसिहं ने थाने पर सुचना दी कि उनका भाई उदयसिहं निवासी ग्राम डेहरी का घर से बिना बताये कही चला गया है। उक्त सुचना पर थाना आलोट पर गुम इंसान का मामला दर्ज किया गया। दिनाकं 01.02.2024 को प्रातः करीबन 7.30 बजे ग्राम डेहरी के पास ताल आलोट रोड पर उदयसिहं का शव रायडे के खेत में पडे होने की थाने पर सुचना मिली। सुचना पर शव जब्त कर पी.एम. कराया गया। पी.एम. रिपोर्ट के आधार घटना संदिग्ध होने पर हत्या का मामला दर्ज कर जाँच शुरू की।
पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के मार्गदर्शन में एवं एसडीओपी आलोट सुश्री शाबेरा अंसारी द्वारा थाना प्रभारी आलोट दिनेश कुमार भोजक को त्वरित कार्यावाही हेतु निर्देशित किया गया। जांचकर्ता थाना प्रभारी दिनेश कुमार भोजक ने कार्यावाही करते हुए घटनास्थल के आसपास के लोगो व मृतक के परिजनो से पुछताछ की गयी। घटनास्थल की एफएसएल टीम, बीडीडीएस टीम व स्नाईपर डाग से सर्चिग करायी गयी। सायबर सेल रतलाम से तकनीकी जानकारी प्राप्त कर कई लोगो से पुछताछ की गयी।
परिजनो से पूछताछ व प्राप्त साक्ष्यो से पाया गया कि मृतक उदयसिहं द्वारा अपनी बहु अनीताबाई के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की गयी जिसका उसकी बहु के द्वारा विरोध किया गया जिसमें मृतक के साथ उसकी हाथापाई भी हुई। मृतक की पुर्व से ही मानसिक स्थिति ठीक नही थी जो पुर्व में भी हर बात को लेकर अति उत्तेजित हो जाया करता था तथा इस बात से मृतक उदयसिंह उत्तेजत होकर स्वंय घर से एक देशी हस्तनिर्मित कट्टा व एक जिंदा कारतुस लेकर उसकी बहु से मरने का बोलकर अपने घर से गया था। मृतक उदयसिहं के द्वारा कट्टे से फायर कर आत्महत्या करने के संबंध में साक्ष्य प्राप्त हुए है। घटना में जप्तशुदा सभी प्रदार्थो की एफएसएल जांच करायी जावेगी।
मृतक के परिजनो से पुछताछ के दौरान जानकारी मिली की उंकारसिंह के द्वारा मौके से कट्टा उठाना बताया गया। पुलिस ने एक देशी कट्टा जिसमें एक खाली खोखा लगा हुआ, 02जिंदा कारतुस जप्त किये। एसडीओपी आलोट सुश्री शाबेरा अंसारी, निरी. श्री भोजक व गठित टीम द्वारा घटनास्थल से खेत पर सर्चिग करने पर मृतक के मौके पर पडे रक्त में 20 लोहे के छर्रे पाये गये।
सराहनीय कार्य
निरीक्षक दिनेश कुमार भोजक, उनि मनोज पाटीदार, उनि अमित शर्मा सायबर सेल, उनि कुलदीप डाबी, सउनि मोहन भाटी ,प्र.आर. मनमोहन शर्मा सायबर सेल, प्र.आर. कोदरसिंह, प्र.आर. कांतिलाल ओहरिया, आर. बाबुलाल, आर. धीरज , आर. अंकित काला, आर. अभिनन्दन, आर. विपुल भावसार सायबर सेल, आर. दीपक पाटीदार, आर .चा.धर्मेन्द्र, आर. लोकेन्द्र, आर. अजीत जाट, आर. रौनक पोरवाल, आर. सुरेन्द्र ,म.आर. मंजु, म.आर. उदिता ,आर. नरेन्द्र , आर. थामस भाभर की भूमिका अहम रही।