Agricultural law back/तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर टिकैत बोले-अभी खत्म नहीं होगा आंदोलन
नई दिल्ली,19 नवंबर (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद अलग दलों से नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता तीनों कृषि कानून वापस लेने पर सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे हैं, साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश व पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते सरकार ने दबाव में यह फैसला लिया है।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। किसान संगठनों की ओर से राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार कानून वापस नहीं लेती है, तब तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। किसान आंदोलन ने कृषि कानून वापसी पर सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। इधर संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ़ैसले का स्वागत किया है। हम संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेंगे। अगर ऐसा होता है तो यह भारत में एक साल के किसान संघर्ष की ऐतिहासिक जीत होगी।
सत्याग्रह से झुका अहंकार का सिर- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।अन्याय के ख़िलाफ़ यह जीत मुबारक हो। जय हिंद, जय हिंद का किसान। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है। मैं किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके संघर्ष को सलाम करता हूं। सरकार ने यह फ़ैसला उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 700 से ज़्यादा किसानों की मौत के बाद अगर ये सरकार कृषि क़ानून वापस लेती है तो इससे पता चलता है कि यह सरकार किसानों के बारे में कितना सोचती है। साल भर से जो किसान और आम जनता का नुकसान हुआ है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।