December 24, 2024

Raag Ratlami Land Mafia -जिला इंतजामिया के बडे साहब की सर्जिकल स्ट्राइक से जमीनखोरों की नींद उडी,जेहादी खतरे के बाद भी चौकन्ने नहीं वर्दीवाले

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-तुषार कोठारी

रतलाम। शहर के जमीनखोरों और जमीनखोरों की लगाम कसने के लिए बनाया गया महकमा दोनो ही हैरान है। जिला इंतजामिया के बडे साहब ने जमीनखोरों पर लगाम कसने के लिए बनाए गए महकमे पर ही सर्जिकल स्ट्राइक कर दी। बडे साहब ने महकमे के पटरीपार बने दफ्तर में पंहुचकर कई सारी फाईलें अपने कब्जे में ले ली। बडे साहब की इस कार्रवाई से कालोनी वाले महकमे में हडकंप तो मचना ही था,इसके साथ ही कई सारे जमीनखोरों की रातों की नींद भी उड गई है।

बडे साहब पिछले दिनों अचानक से कालोनी वाले महकमे में जा धमके थे। जमीनखोरो से चांदी काटने वाले महकमे के अफसर नियम कायदों को ताक पर रख कर अनुमतियां जारी करने के विशेषज्ञ बन चुके है। उन्होने मास्टर प्लान को ताक पर रखकर ऐसे इलाके में कालोनी स्वीकृत कर दी जहां, कालोनी काटी नहीं जा सकती। बडे साहब ने कालोनी वाले महकमे के साहब के साथ साथ शहर का विकास करने के लिए बनाए गए प्राधिकरण के इंजीनियर को भी फटकार लगाई है।

मामला महज इतना ही नहीं है। कालोनी वाला महकमा बरसों से जमीनखोरों की मेहरबानी से मजे ले रहा है। इसी महकमे की ढील पोल का नतीजा है कि कई सारी कालोनियों के बगीचे गायब हो चुके है। सडकें संकरी हो गई है। महकमे के अफसर कालोनी की शुरुआत से उसके अस्तित्व में आने तक जमीनखोरों से करारी वसूली करते है और इसके एवज में कालोनी के लिए बनाए गए नियमों को एक एक करके ताक पर रख दिया जाता है।

बडे साहब इस महकमे से कई सारी फाईलें अपने साथ ले गए थे। इन फाईलों में ऐसे तमाम राज छुपे है,जिनसे जमीनखोरों की करतूते और महकमे की मिलीभगत की कहानियां उजागर हो सकती है। इससे पहले वाले बडे साहब ने भी कालोनियों में गरीबों के लिए रिजर्व रखे गए प्लाटों की खोजबीन शुरु करवाई थी। गरीबों के नाम पर रखे गए प्लाटों में से अधिकांश तो जमीनखोर चट कर चुके है,लेकिन कागजों पर ये प्लाट अब भी मौजूद दिखाए जाते है। जिला इंतजामिया के बडे साहब गरीबों के लिए रखे गए प्लाटों की तलाश को फिर से शुरु करवा दें तो शहर के कई सारे जमीनखोर जेल के सींखचों के पीछे नजर आ सकते है।

जेहादी खतरा-वर्दी वालों की ढील पोल

पूरे देश में एक साथ जब पीएफआई वालों पर छापे मारे गए,तब एनआईए ने रतलाम की भी रेकी करवाई थी। ये अलग बात है कि एनआईए की इस मुहिम में रतलाम से किसी को नहीं उठाया गया। लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि रतलाम में जेहादी खतरा मौजूद नहीं है। रतलाम के जेहादी तो पीएफआई वालों से भी एक कदम आगे ही नजर आते है। यहां के जेहादी तो खुद के बलबूते पर अल सूफा चला रहे थे। रतलाम के वर्दीवालों को इनकी कोई भनक नहीं थी। रतलाम के वर्दीवालों को सूफा के गुर्गो की जानकारी तब मिली जब राजस्थान पुलिस ने रतलाम के जेहादियों को विस्फोटक के साथ पकडा। इसके बाद रतलाम के जेहादियों का केस एनआईए के पास पंहुच गया। रतलाम के इन जेहादियों चार्जशीट हाल ही में एनआईए ने दाखिल की है। अभी कुछ ही दिन गुजरे है,जब मुस्लिम सहपाठी युवती से विवाह करने वाले डाक्टर को सपरिवार खत्म किए जाने की धमकियां दी जा रही थी। डाक्टर दम्पत्ति को हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सुरक्षा हासिल करने में एडीचोटी का जोर लगाना पडा। मीडीया में मामला उछलने के बाद वर्दीवालों के कप्तान ने डाक्टर दम्पत्ति को सुरक्षागार्ड उपलब्ध करवाया। पूरे देश में बढ रहे जेहादी खतरे को देखते हुए जरुरत इस बात की है कि वर्दीवाले ढील पोल छोडकर सक्रियता से काम करे। गोल टोपी पहने दाढीवालों पर नजर रखना बेहद जरुरी है,पता नहीं इनमें से कौन आतंकी निकल आए। लेकिन फिलहाल वर्दीवाले इतने चौकन्ने दिखाई नहीं देते।

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