January 31, 2025

तलवार से हाथ काटकर अलग करने वाले तीन अभियुक्तों को न्यायालय ने दी दस दस साल के कठोर कारावास की सजा

29_12_2020-court.naiduniajbp02_20201229_14824

रतलाम,19 अप्रैल (इ खबरटुडे)। शराब पीने के लिए रुपए नहीं देेने पर एक युवक के हाथ का पंजा तलवार से काटकर अलग कर देने के एक मामले में आज न्यायालय में तीन अभियुक्तों को दस दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। प्रकरण में कुल दस अभियुक्त थे,जिनमें से सात अभियुक्तों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।

अपर लोक अभियोजत संजीव सिंह चौहान ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि विगत 13 अक्टूबर 2014 की रात करीब साढे नो बजे लक्ष्मणपुरा निवासी फरियादी अनिल मैहर अपने भाई विनोद के साले इन्दौर निवासी प्रीतम मैहर के साथ अपने घर के बाहर बैठा था। उसी समय आरोपी अजय उर्फ मुन्ना पिता रामेश्वर खंडकर 21,पवन पिता प्रेमप्रकाश कोली 27,मुकेश पिता भावलाल मराठा 22,राजू उर्फ गोविन्द पिता किशन कोली,शिवकुमार उर्फ भोला पिता अशोक नकवाल 20,सुरेश पिता धूलचन्द मीणा 20,अजय उर्फ गोलू पिता राजेन्द्र सिंह सोलंकी 18,योगेश पिता प्रेमचन्द कोली 25,विकास पिता गोपाल हरिजन 23 और अनिल पिता गोपाल हरिजन 23 वहां पंहुचे। आरोपियों में से विकास के हाथ में तलवार,राजू के हाथ में चाकू,मुकेश मराठा के हाथ में हाकी इत्यादि हथियार थे। आरोपियों ने फरियादी अनिल को अश्लील गालियां देते हुए उससे कहा कि तू बहुत पैसे कमा रहा है,इसलिए शराब पीने के लिए रुपए दे। जब फरियादी अनिल ने रुपए देने से इंकार किया तो आरोपियों ने अनिल पर तलवार से हमला किया। अनिल ने पीछे हटकर तलवार का वार बचाया। लेकिन इसी बीच तलवार उसके बाई के साले प्रीतम के बाये हाथ के पंजे पर पडी और उसका पंजा कटकर अलग हो गया। फिर अन्य लोगों ने आकर बीचबचाव किया और आरोपी मौके से भाग गए।

इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने पर फरियादी अनिल मैहर की रिपोर्ट पर दस आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हे गिरफ्तार किया गया। जिला न्यायालय के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण वर्मा के न्यायालय में प्रकरण का विचारण किया गया। प्रकरण में अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और तथ्यों के विचारण के पश्चात अभियुक्त शिवकुमार उर्फ भोला पिता अशोक नकवाल 20,विकास पिता गोपाल हरिजन 23 और अनिल पिता गोपाल हरिजन 23 को भादवि की धारा 326,34 में दस दस वर्ष के सश्रम कारावास और धारा 327 में 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास तथा पांच पांच सौ रुपए की सजा सुनाई। इनमें से एक अभियुक्त विकास हरिजन को आम्र्स एक्ट में 1 वर्ष के सश्रम कारावास तथा दो सौ रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की पैरवी संजीव सिंह चौहान ने की।

You may have missed