Micro Containment नहीं हो रहा माइक्रो कन्टेनमेन्ट का सख्ती से पालन,घरों से बाहर घूम रहे है कोरोना संक्रमित,कैसे टूटेगी संक्रमण की चेन.?
रतलाम,06 मई (इ खबरटुडे)। कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में रोजाना वृद्धि हो रही है और मई के महीने में तो कोरोना संक्रमितों का आंकडा लगातार तीन सौ के पार ही बना हुआ है। कोरोना संक्रमण की चैन तोडने के लिए किए जा रहे उपायों के बावजूद संक्रमण में कमी आती नजर नहींआ रही है। इसका प्रमुख कारण कन्टेनमेन्ट का सख्ती से पालन नहीं होना भी हो सकता है।
जिले में कोरोना संक्रमण के आंकडे डराने वाले बने हुए है। पिछले महीने अप्रैल के अंतिम दिनों में जहां प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन से कम थी वहीं मई की शुरुआत में यह संख्या तीन सौ को पार करके चार सौ के नजदीक पंहुच गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकडों पर नजर डाले तो 26 अप्रैल को 299 कोरोना संक्रमित मिले थे,और पांच लोगों की मृत्यु हुई थी। 28 अप्रैल को 296 पाजिटिव मिले थे,29 अप्रैल को 280 पाजिटिव और पांच लोगों की मौत हुई थी। जबकि अप्रैल के आखरी दिन 30 तारीख को 255 नए मरीज मिले थे और चार लोगों की जान गई थी। लेकिन मई के पहले ही दिन संक्रमितों की संख्या बढकर 325 हो गई थी। इसके बाद 2 मई को 345,03 मई को 355,04 मई को 308 और पांच मई को कोरोना संक्रमितों की संख्या बढकर 385 तक जा पंहुची थी।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा पिछली 9 अप्रैल से लाकडाउन लगाया गया है। पहले लाक डाउन 09 अप्रैल से 19 अप्रैल तक ही रखा गया था,लेकिन जब संक्रमण में कोई कमी नजर नहींआई तो इसे पहले तीन मई तक बढाया गया और अब इसे 7 मई तक बढाया जा चुका है। चूंकि संक्रमण में कोई कमी नजर नहीं आ रही है,इसलिए ये आशंकाएं भी व्यक्त की जा रही है कि अभी लाक डाउन या कोरोना कफ्र्यू और बढाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 05 मई को जारी मेडीकल बुलेटिन के मुताबिक 05 मई तक कोरोना के कारण कुल 215 लोग अपनी जान गंवा चुके थे और 2020 लोग मेडीकल कालेज समेत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती होकर कोरोना से जंग लड रहे है। इसके अलावा 1969 लोग कोरोना संक्रमित होकर होम क्वारन्टीन है। जिले में कुल 2690 कन्टेनमेन्ट बनाए गए है।
कोरोना कफ्र्यू,होम आइसोलेशन,कन्टेनमेन्ट एरिया इत्यादि कोशिशों के बावजूद कोरोना संक्रमण में कमी नजर नहीं आ रही है।
कन्टेनमेन्ट में सख्ती का अभाव
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 05 मई तक जिले में कुल 2690 मईक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया बनाए जा चुके है। वर्तमान में चल रही व्यवस्था के अनुसार, जिस घर में कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है,उस घर को माइक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया घोषित कर दिया जाता है। कोरोना के इस दौर में एक ही परिवार के कई लोग एकसाथ कोरोना संक्रमित हो रहे है। ऐसे परिवारों में जहां कोरोना संक्रमित व्यक्ति तो है,लेकिन उन्हे सामान्य लक्षणों के अलावा कोई खास दिक्कत नहीं है,उन्हे घर में ही क्वारन्टीन रहने की सलाह दी जा रही है। लेकिन इस तरह बनाए गए कन्टेनमेन्ट क्षेत्रों में सख्ती नहीं होने की वजह से भी कोरोना संक्रमण फैल रहा है।
इस बार जो कन्टेनमेन्ट एरिया बनाए जा रहे हैैं उन घरों पर प्रशासन द्वारा एक पोस्टर लगाया जा रहा है जिससे यह पता चलता कि इस घर में कोरोना संक्रमित मरीज है। जबकि कोरोना की पहली लहर में जिस घर को कन्टेनमेन्ट बनाया जाता था,उसके मुख्य द्वार को पतरे या लकडियां ठोक कर स्थाई रुप से बन्द कर दिया जाता था,ताकि उस घर के व्यक्ति बाहर ना निकल सके। लेकिन इस बार घरों के मुख्य द्वार को बन्द करने की बजाय केवल पोस्टर या बोर्ड लगाया जा रहा है।
ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण से ग्र्रस्त ऐसा व्यक्ति जिसे कोई तकलीफ नहीं है, वह बेरोकटोक कहीं भी घूम सकता है और कोरोना का संक्रमण फैला सकता है। शहर की अनेक कालोनियों में इस तरह की शिकायतें सामने आई है,जहां कोरोना संक्रमित व्यक्ति बाहर घूमते देखे गए है। आनन्द कालोनी में कन्टेनमेन्ट घोषित एक घर के लोग बाहर निकल कर सब्जी खरीदते देखे गए और बाद में कालोनी के अन्य निवासियों द्वारा आपत्ति लेने पर वे घर के भीतर गए। राजस्व कालोनी में भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति शाम के वक्त घर के बाहर चहलकदमी करते हुए और इधर उधर घूमते हुए देखे गए। शहर के कई क्षेत्रों से इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैैं,जहां कन्टेनमेन्ट एरिया के कोरोना संक्रमित लोग बेखटके घूमते हुए देखे जा रहे है। एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति तो अपने एक मित्र के घर आक्सिमीटर लेने पंहुच गया और मित्र के आपत्ति लेने पर उसने कहा कि उसे कुछ भी नहीं हो रहा है।
कोरोना की रोकथाम के लिए बनाए गए माइक्रो कन्टेनमेन्ट क्षेत्रों पर सख्ती बेहद जरुरी है। कन्टेनमेन्ट घोषित किए गए घर के मुख्य द्वार को पूर्व की तरह पतरे या लकडियां ठोंक कर स्थाई रुप से बन्द करने की व्यवस्था फिर से शुरु की जानी चाहिए जिससे कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति किसी भी स्थिति में अन्य व्यक्ति के सम्पर्क में ना आ पाए। वरना कोरोना संक्रमण की यह चैन तोडना असंभव हो जाएगा।