December 24, 2024

जेल विभाग में हडकंप, उज्जैन सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में प्रहरियों के जीपीएफ में करोड़ों का गबन – प्रहरी लिपिक ने जेल कर्मचारियों के जीपीएफ की राशि निकाल कर अपने खाते में डलवाई

ujjain jail

उज्जैन,13मार्च(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। सेंट्रल जेल भैरवगढ़ और इससे जुड़ी उपजेलों के कर्मचारियों के साथ करोड़ों के जीपीएफ के गबन और शासन के साथ धोखाधडी का मामला हुआ है। अतिरिक्त जिला कोषालय अधिकारी सुरेन्द्र भावर की रिपोर्ट पर भैरवगढ़ थाना पुलिस ने जेल के लिपिक रिपूदमनसिंह के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करवाया है। सालों से लिपिक ने जेल कर्मचारियों की जीपीएफ की राशि अपने खाते में डलवाई और रिपोर्ट दर्ज होने से पहले परिवार सहित फरार हो गया है।मामले में उज्जैन कलेक्टर ने जांच शुरू करवाई है। जेल विभाग के महानिरीक्षक ने एडवायजरी जारी की है ।जेल विभाग भी मामले में जांच करवा रहा है।

अ्रंग्रेजों के जमाने की भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में उसी के कर्मचारी ने सेंध लगा दी और गबन और शासन के साथ धोखाधडी को अंजाम देकर फरार हो गया। भैरवगढ़ थाना पुलिस को जिला अतिरिक्त कोषालय अधिकारी ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। सीएसपी अनिल मौर्य बताते हैं कि प्रारंभिक स्तर पर मामले में दो प्रहरियों के जीपीएफ की राशि 22 लाख का मामला सामने आने पर अतिरिक्त कोषालय अधिकारी भावर ने आवेदन दिया था। जांच के आवेदन में 2020 में 5,2021 में 45 एवं 2022 में 50 जेल कर्मियों के जीपीएफ का पैसा निकाला गया है।जेल लिपिक रिपूदमनसिंह कार्रवाई की जानकारी लगते ही परिवार सहित जेल परिसर स्थित अपने मकान पर ताला डालकर फरार हो गया है।

प्रारंभिक रूप से सामने आया है कि जेल के मुख्य प्रहरी एसके चतुर्वेदी के जीपीएफ से 12 लाख रुपए और प्रहरी उषा कौशल के जीपीएफ के 10 लाख रुपए निकाल लिए गए। जेल के लिपिक रिपुदमन ने यह रकम निकालकर बैंक ऑफ इंडिया भैरवगढ़ के खाते में ट्रांसफर की। ऐसे और भी कर्मचारी हैं, जिन्हें पता ही नहीं चला और उनके आवेदन के बिना ही उनका जीपीएफ का पैसा दूसरे खातों में ट्रांसफर हो गया। मामला सामने आते ही भैरवगढ जेल सर्कल के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सोमवार को अपने जीपीएफ की जानकारी लेने कुछ कर्मचारी जेल अधीक्षक से मिलने पहुंचे थे जिन्हे सुरक्षा गार्डस ने नहीं मिलने दिया। भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक के अनुसार लिपिक की गिरफ्तारी के लिए जेल विभाग से उसकी पूरी जानकारी मांगी गई है। पुलिस के दल एवं सायबर सेल भी उसके लिए प्रयासरत है। लिपिक की गिरफ्तारी के बाद ही यह खुलासा हो सकेगा कि गबन उसने कैसे अंजाम दिया और उसके साथ कौन-कौन हैं। पुलिस ने बैंक खाते सीज कराने से लेकर कॉल डिटेल जांच की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

मामला जानकारी में आने पर जेल विभाग के जेल उप महानिरीक्षक संजय पांडे ने समस्त जेल अधीक्षकों को एडवायजरी जारी की है। जेल विभाग के डीआईजी मंशाराम पटेल के नेतृत्व में एक दल मामले की जांच के लिए उज्जैन आ गया है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के अनुसार मामला संज्ञान में आने पर एक कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करवा दिया गया है। उच्च अधिकारियों को मामला संज्ञान में ला दिया गया है। भोपाल से आकर एक टीम जांच करेगी। जांच में सामने आएगा की कुल कितनी राशि का गबन किया गया है।

टीएल बैठक में जिले के सभी आहरण-संवितरण अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने लॉग इन पासवर्ड का उपयोग सतर्कता के साथ करें। अपने अधीनस्थों के भरोसे नहीं रहें। बीच-बीच में ट्रेजरी से होने वाली विभिन्न भुगतानों का परीक्षण करते रहें। किसी भी तरह की आर्थिक अनियमितता व घोटाले की स्थिति में सम्पूर्ण जिम्मेदारी आहरण-संवितरण अधिकारी की ही होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही के कारण जेल में कतिपय कर्मचारी द्वारा बड़ा घोटाला किया गया है। इसकी जांच हो रही है। उन्होंने आज ही सभी अधिकारियों को अपने-अपने कार्यालय में जाकर सभी तरह के ट्रांजेक्शंस का परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं।

अनुकंपा नियुक्ति है प्रहरी रिपूदमनसिंह की
जेल अधीक्षक उषा राज के अनुसार प्रहरी रिपूदमनसिंह की 2010 में अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। जेल रेकार्ड में उसका मूल निवास सांवेर रोड़ इंदौर दर्ज है। राज बताती हैं कि जीपीएफ निकालने के लिए प्रापर चैनल से उनके पास संबंधित का आवेदन आता है। जीपीएफ की स्थिति साफ कर संबंधित को नियमानुसार राशि आहरण की ही अनुमति दी जाती है। आरोपी लिपिक के पास उनके लागिंग आईडी एवं पासवर्ड था जो कि डीडीओ यानी ड्राइंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर को कार्य से संबंधित कर्मचारी को देना एक मजबूरी है। लिपिक ने जिन कर्मचारियों ने जीपीएफ का आवेदन नहीं किया उनके खातों से भी लाखों रूपए निकाल लिए हैं।कोषालय के अधिकारियों ने कर्मचारी के खाते में नियमानुसार आहरण की राशि के साथ अधिक राशि लिपिक के खाते में डाल दी जिसकी उन्हे कोई सूचना भी नहीं दी गई। उषा राज के अनुसार उनके जीपीएफ में भी गडबड की उन्हें आशंका है और वे खाता चेक करवा रही हैं। लिपिक के विरूद्ध जेल से भी उन्होंने पुलिस को आवेदन किया था जिस पर भैरवगढ़ थाना पुलिस ने दोनों आवेदनों को एक ही एफआईआर में मर्ज किया है।

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