October 12, 2024

Mob Lynching: राज्य सरकार जांच के लिए SIT बनाएगी, शिवराज के एसपी समेत थाना स्टाफ को हटाने के निर्देश, तीन पुलिसकर्मियों की मौत पर ग्वालियर आईजी को हटाया

भोपाल,14मई(इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश के सिवनी में गौमांस की तस्करी के मामले दो आदिवासियों की मॉब लिंचिंग मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में SIT बनाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री ने सिवनी एसपी कुमार प्रतीक के साथ-साथ थाना कुरई और बादलपार चौकी के पूरे स्टाफ को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को गुना की घटना को लेकर बुलाई आपात बैठक में सिवनी की घटना पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो आदिवासियों की मौत और पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने एसआईटी से जल्द जांच कराने को कहा है। मुख्यमंत्री ने घटना क्षेत्र के पुलिस थाना कुरई थाना क्षेत्र और बादलपार चौकी के पूरे स्टाफ को तत्काल प्रभाव से हटाने के भी निर्देश दिए है।

कांग्रेस नेता बना रहे हैं इसे मुद्दा
सिवनी की घटना पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस और बीजेपी के नेता पीड़ित परिवार से मिलने जांच दल भेज चुके है। बीजेपी की तरफ से भेजे जांच दल में आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले पदाधिकारी थे। इस दल ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस की तरफ से नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह जांच दल में शामिल थे। उन्होंने बजरंग दल पर आदिवासी परिवार को घर में घुसकर हत्या करने का आरोप लगाया था।

2 मई को हुई थी दो आदिवासियों की हत्या
2 मई को सिवनी के कुरई के सिमरिया में तीन आदिवासियों को गोकसी का आरोप लगाकर पीटा गया। एक आदिवासी गंभीर रूप से घायल और दो की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 9 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सरकार ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी। इसके बावजूद आदिवासी वर्ग और स्थानीय लोगों में गुस्सा है। आदिवासी वर्ग से जुड़ा मामला होने से प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है।

ग्वालियर आईजी को हटाने का फैसला
मध्य प्रदेश के गुना जिले में देर रात पुलिस और शिकारियों में मुठभेड़ हो गई। इसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर आपात बैठक के बाद तीनों पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि देने की घोषणा की है। घटनास्थल पर देरी से पहुंचने के लिए ग्वालियर आईजी अनिल शर्मा को हटाने का फैसला किया है।

गुना के आरोन इलाके के जंगल में शनिवार तड़के पुलिसकर्मी काले हिरण के शिकार के मामले में सर्चिंग करने गए थे। यहां शिकारियों ने छिपकर उन पर फायरिंग की। गुना पुलिस का कहना है कि सगा बरखेड़ा की तरफ से बदमाशों के जाने की सूचना मिली थी। इनकी घेराबंदी के लिए 3-4 पुलिस टीम लगाई गई थीं। इसके बाद शहरोक के जंगल में 4-5 बाइक से बदमाश जाते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। शिकारियों के पास से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष जब्त किए गए हैं। यह घटना तड़के 4:00 बजे की बताई जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक के बाद कहा कि हमारे पुलिस के मित्रों ने शिकारियों का मुकाबला करते हुए शहादत दी है। इस घटना में दोषी अपराधियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी जो इतिहास में उदाहरण बनेगी। अपराधियों की पहचान हो गई है। घटना की पूरी जांच हो रही है।

घटना में शहादत देने वाले तीनों पुलिस के साथी SI राजकुमार जाटव,आरक्षक नीरज भार्गव, आरक्षक संतराम की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। इन्होंने कर्तव्य की बलिवेदी पर अपने जीवन को न्यौछावर किया है। उन्हें शहीद का दर्जा देकर 1-1 करोड़ की सम्मान निधि परिवार को दी जाएगी। परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में लिया जाएगा। पूरे सम्मान के साथ शहीद पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में जिलों के प्रभारी मंत्री शामिल होंगे। घटना के बाद पहुंचने में देरी करने पर ग्वालियर आईजी को तत्काल हटाने का फैसला किया है। हमला करने वालों में सात शिकारी शामिल थे। उनमें से राघौगढ़ निवासी एक शिकारी नौशाद क्रॉस फायरिंग में मारा गया।

गृहमंत्री नैतिकता के नाते इस्तीफा दें
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि एक 3 पुलिसकर्मियों की हत्या “शिवराज नहीं-गुंडाराज” का प्रमाण! है। उन्होंने कहा कि जब पुलिस ही असुरक्षित है तो आमजन की सुरक्षा कौन करेगा? जो गृहमंत्री अपने ही कर्मियों की रक्षा नहीं कर सके, वे नैतिकता के नाते दें इस्तीफा।

अपराधियों को कठोर सजा दें
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भी पूरी घटना की निंदा की। उन्होंने पुलिस से पूरे मामले की जांच कर अपराधियों को कठोर से कठोर सजा देने की बात कहीं। उन्होंने मृतकों के परिवार को पर्याप्त मुआवजा, उनके सेवा निवृत्त होने के समय तक का पूरा वेतन, उनके बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा व एक परिवार जन को शासकीय अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह हमारे गुना जिले के लिए शर्म की बात है।

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