November 24, 2024

Baradar injured:तालिबान के अंदर फूट, झड़प के बीच हक्कानी गुट ने चलाई गोली, अब्दुल गनी बरादर घायल

काबुल,05 सितंबर(इ खबर टुडे)। अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा तो कर लिया है लेकिन वह संगठन के अंदर ही दोफाड़ को रोक नहीं पा रहा है। हक्कानी नेटवर्क के नेता अनस हक्कानी और खलील हक्कानी की तालिबान के नेता मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब के साथ झड़प की खबरें आई थीं। अब रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस झगड़े के दौरान हक्कानी गुट की ओर से चली गोली में बरादर घायल हो गया है।


हक्कानी नेटवर्क सरकार में बड़ी हिस्सेदारी और रक्षा मंत्री का पद मांग रहा है, जबकि तालिबान इतना कुछ देने को तैयार नहीं है। इसी के चलते दोनों आपस में सरकार पर सहमति नहीं बना पा रहे थे। इस बीच खबरें आईं कि हक्कानी और बरादर गुट के बीच झड़प हो गई है। अब पंजशीर ऑब्जर्वर और NFR की रिपोर्ट्स के मुताबिक इस झगड़े में गोली चल गई जिसके बाद बरादर घायल हो गया।

हालांकि, दोनों ही दावों की पुष्टि नहीं की जा सकी है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बरादर अब पाकिस्तान में इलाज करा रहा है। इसी के चलते सरकार के गठन के ऐलान को भी टाल दिया गया है। इससे पहले खबरें आई थीं कि तालिबान की सरकार का नेतृत्व बरादर के हाथ में होगा।

पाकिस्तान की साजिश
दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान चाहता है कि तालिबानी सरकार में अहम पद हक्कानी नेटवर्क को दिए जाएं। इसके जरिए वह अफगानिस्तान की सेना को नए सिरे से खड़ा करना चाहता है। CNN-न्यूज 18 की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फैज के काबुल पहुंचने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि वह क्वेटा शूरा के मुल्ला याकूब, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी नेटवर्क के बीच मतभेद खत्म करना चाहते हैं।

उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक बरादर
मुल्‍ला बरादर तालिबान का नंबर दो नेता है और दोहा में राजनीतिक कार्यालय का अभी प्रमुख है। उसका पूरा नाम मुल्ला अब्दुल गनी बिरादर है और करीब 20 साल बाद पहली बार अफगानिस्‍तान पहुंचा है। मुल्ला बरादर ने ही अपने बहनोई मुल्ला उमर के साथ मिलकर तालिबान की स्थापना की थी। तालिबान का सह-संस्थापक और मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश और तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तान ने इसे 2018 में रिहा कर दिया था।

You may have missed