Bangladesh : बांग्लादेश में हिंसा से बिगड़े हालात, शेख हसीना ने छोड़ा देश, प्रधानमंत्री पद से दिया इस्तीफा
ढाका,05 अगस्त ((इ खबर टुडे)। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन ने भीषण हिंसक रूप ले लिया है। गुस्साए लोग सड़कों पर उतरकर जगह-जगह हिंसा कर रहे हैं, और सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर रहे हैं। इस बीच, खबर आ रही है कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ढाका ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं।
बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। यहां रविवार शाम छह बजे से कर्फ्यू लगा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हिंसा में कम से कम 300 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए यहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है। रिपोर्ट के मुताबित वह हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं। वहीं, सूत्रों की माने तो पीएम हसीना अपने पद से इस्तीफा दे दिया हैं।
इससे पहले रॉयटर्स ने एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बहन को आधिकारिक आवास से दूर एक सुरक्षित आश्रय में ले जाया गया है। उसके थोड़ी देर बाद ही एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि पीएम हसीना भारत के लिए रवाना हो गई हैं।
बांग्लादेश के हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां के प्रधानमंत्री आवास में प्रदर्शनकारी घुस गए हैं। वहीं, देश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमां जल्द ही देश को संबोधित करने वाले हैं।
क्या है मामला?
आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
हसीना के बेटे ने सुरक्षा बलों से किया अनुरोध
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने सुरक्षा बलों से सरकार से जुड़े लोगों के अलावा सभी उपद्रवियों को रोकने का अनुरोध किया है। अमेरिका में रहने वाले जॉय ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘आपका कर्तव्य हमारे लोगों और हमारे देश को सुरक्षित रखना और संविधान को बनाए रखना है।’उन्होंने जोर देकर कहा, ‘इसका मतलब है कि किसी भी अनिर्वाचित सरकार को एक मिनट के लिए भी सत्ता में न आने दें, यह आपका कर्तव्य है।’
पीएम हसीना के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सलाहकार के रूप में काम करने वाले जॉय ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें कार्यालय से बाहर कर दिया गया तो बांग्लादेश द्वारा की गई प्रगति खतरे में पड़ सकती है। हमारा विकास और प्रगति सब कुछ गायब हो जाएगा। बांग्लादेश वहां से वापसी नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं चाहता और आप भी ऐसा नहीं चाहते। मैं जब तक इसे रोक सकता हूं, तबतक ऐसा नहीं होने दूंगा।’
हिंसा के बीच सेना की भूमिका
एक सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि इन तनावों के बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वाकर-उज-जमां देश को संबोधित करने वाले हैं। सिविल सेवा नौकरियों के कोटा के खिलाफ पिछले महीने शुरू हुई रैलियां हसीना के 15 साल के कार्यकाल की सबसे गंभीर अशांति में बदल गई हैं और उनके इस्तीफे की व्यापक मांग में बदल गई हैं। वर्तमान हालात बांग्लादेश में अतीत की राजनीतिक उथल-पुथल की गूंज है।