December 26, 2024

Theft Exposed : धराड़ में हुई 20 लाख की सनसनीखेज चोरी का खुलासा,बांछड़ा गैंग के चार आरोपी गिरफ्तार,दो फरार, गैंग सरगना कर चूका है डकैती सहित 15 से अधिक वारदातें (देखिए लाइव विडियो)

sp press

रतलाम,28दिसम्बर(इ खबर टुडे )। शहर के पास स्थित धराड़ गांव में हुई 20 लाख सनसनीखेज चोरी को पुलिस ने सुलझा लिया है। चोरी की इस वारदात को सुलझाने के प्रयास में रतलाम पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने बांछड़ा गैंग के सरगना सहित चार आरोपियों को चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है जबकि दो अभी फरार है। पूछताछ में जब रतलाम पुलिस को गैंग के सरगना एवं अन्य सदस्यों के अपराधिक रिकॉर्ड पता चले तो पुलिस के भी होश उड़ गए। चौकाने वाली बात यह है कि गैंग का सरगना 20 साल का एक युवक है जो पिछले 4 साल में डकैती सहित 15 के लगभग अपराध कर चुका है।

गुरुवार दोपहर को एसपी राहुल लोढा ने पत्रकार वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया। एसपी श्री लोढा ने बताया कि 20 दिन पूर्व 8 दिसंबर को बिलपांक थाना क्षेत्र के ग्राम धराड़ में सूने मकान का ताला तोड़कर अज्ञात बदमाश लाखों रुपए मूल्य के सोने चांदी के जेवर और नगदी रुपए चोरी कर ले गए थे। चोरी की इसी वारदात को ट्रेस करने के दौरान पुलिस को बड़ी गैंग तक पहुंचने में कामयाबी मिली है। आरोपियों से जिले में हुई कुछ अन्य चोरी की वारदातो सहित अन्य जिलों की चोरी की वारदातों का भी खुलासा हुआ है।

धराड़ में हुई चोरी की वारदात के बाद एसपी राहुल लोढ़ा के निर्देशन एवं एएसपी राकेश खाखा और एसडीओपी ग्रामीण अभिलाष भलावी की मार्गदर्शन में बिलपांक थाना प्रभारी मुनेन्द्र गौतम के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था।

पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश के लिए गांव, चौराहा, गली और दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को देखने लगी। पुलिस टीम ने लगभग 60 स्थानों के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया। इसी दौरान एक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में पुलिस को संदिग्ध कार से कुछ लोग मूवमेंट करते दिखाई दिए। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे संदिग्धो की पहचान मानसा की बाछड़ा गैंग के रूप में होने पर रतलाम पुलिस ने मनासा पुलिस से सीसीटीवी फुटेज की पहचान कराई। पुख्ता पहचान होने पर बिलपांक पुलिस और साइबर सेल की टीमों के माध्यम से आरोपियों की तलाश शुरू की गई और मुखबीर सूचना के आधार पर पुलिस ने दबिश देकर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जब आरोपियों को पकड़ने गई तब भी यह चोरी के इरादे से मुवमेंट रहे थे। पुलिस ने इन्हे घेराबंदी कर पकड़ा।

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में अपना नाम दिलखुश पिता पप्पू 20 वर्ष निवासी पिपलिया रुंडी मनासा(नीमच), राजेश पिता मदनलाल निवासी पिपलिया रुंडी मनासा, अजय पिता राजू 22 साल निवासी मनासा और मनीष पिता हेमंत 26 साल निवासी मनासा बताया।

पूछताछ में चारों आरोपियों ने 8 दिसंबर को धराड़ के सुने मकान में चोरी की वारदात करना कबूल किया। इस वारदात में मनीष पिता रोशन लाल और राकेश पिता मदनलाल दोनों निवासी मनासा के भी शामिल होने की जानकारी दी। पुलिस इन दोनों की भी तलाश कर रही है। आरोपियों के निशानदेही पर चोरी गए सोने के आभूषण और नगदी 5 लाख 60 हजार भी जब्त किए गए हैं।

एसपी राहुल लोढा ने बताया पूछताछ में आरोपियों ने जावरा सबडिवीजन के रिंगनोद थाना अंतर्गत माननखेडा में 6 माह पूर्व की एक चोरी की वारदात भी कबूली है। इसके अलावा रतलाम के स्टेशन रोड थाना अंतर्गत प्रताप नगर में चार माह पूर्व की एक चोरी, ढोढर में चोरी की वारदातें भी कबूल की है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने उज्जैन में भी चोरी की वारदात करना स्वीकार किया है। इस संबंध में उज्जैन पुलिस को भी अवगत कराया जा रहा है।

एसपी राहुल लोढा ने बताया कि इस गैंग का सरगना 20 वर्षीय दिलखुश पिता पप्पू निवासी मानसा जिला नीमच है। दिलखुश के खिलाफ ही पिछले 4 साल में 15 के लगभग अपराध अलग-अलग थानों में दर्ज हो चुके हैं। इनमें राजस्थान के कनेरा में दो डकैती के अपराध भी है। एसपी राहुल लोढ़ा का कहना है कि राजस्थान के कनेरा में आरोपी डकैती के साथ हत्या की वारदात को भी अंजाम दे चुका है। इसके अलावा दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट , आर्म्स एक्ट एवं चोरी की वारदातों के प्रकरण भी दर्ज है। अन्य गिरफ्तार आरोपी राजेश अजय और मनीष के खिलाफ भी अपराधिक प्रकरण दर्ज है।

एसपी राहुल लोढा ने बताया कि हाल ही में डकैती की योजना बनाते कुछ लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह भी इसी गैंग से जुड़े हुए हैं।

एसपी राहुल लोढा के अनुसार गैंग का सरगना दिलखुश है। यह गैंग ट्रक और कार में मुवमेंट करती है। जब यह चोरी की वारदात करने निकलते हैं तब अपने मोबाइल बंद कर देते हैं और वारदात कर घर लौटने के बाद ही मोबाइल चालू करते हैं, ताकि इनकी लोकेशन पता ना चल सके और पुलिस इन्हें पकड़ ना पाए।

एसपी के अनुसार पुलिस रिमांड लेकर आरोपियों से अभी और पूछताछ करेगी जिसमें और वारदातों का खुलासा होने की भी संभावना है।

गैंग के पर्दाफाश और गिरफ्तारी में बिलपांक थाना प्रभारी मुनेन्द्र गौतम, एसआई जगदीश तोमर, मुकेश सस्तिया, अमित शर्मा, आरक्षक माखन सिंह, हेमंत यादव, अमित यादव, गजेंद्र झाला, विपुल भावसार, रोशन राठौर, एएसआई योगेश निनामा, राजेन्द्र जगताप, प्रधान आरक्षक रमेश चंद्र डाबी, देवीदान सिंह, लक्ष्मी नारायण सूर्यवंशी, दुर्गा लाल गुजराती, चतर सिंह, विनोद सोलंकी, योगेश बालके, विजय कोगे, रितेश यादव, अभिषेक पाठक और लोमेश शर्मा की सराहनीय भूमिका रही।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds