October 12, 2024

Security lapse: PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की जांच कर रहीं जस्टिस इंदु मल्होत्रा को मिली धमकी

नई दिल्ली ,16जनवरी (इ खबर टुडे)। पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जांच कर रहे पैनल की अध्यक्षता कर रहीं पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा को धमकी मिलने की खबर है। मिरर नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस इंदु मल्होत्रा को धमकी भरी कॉल आई थी। कॉल करने वाले शख्स या वह किस समूह से जुड़ा हुआ है, उसकी पहचान नहीं हो पाई है। लेकिन यह घटना एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है।

जस्टिस इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह ही पीएम की सुरक्षा चूक की जांच करने वाले पैनल का अध्यक्ष नियुक्त किया था। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट में दायर करने वाले वकीलों को भी धमकी मिली थी। इन धमकियों के पीछे विदेश में सक्रिय खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस का हाथ बताया गया था।

धमकी में कहा गया- PM मोदी या सिखों में से किसी एक को चुनो
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस मल्होत्रा को यह धमकी सिख्स फॉर जस्टिस नाम के संगठन की ओर से दी गई है। इस संगठन ने धमकी भरे ऑडियो क्लिप जारी किए हैं। धमकी में कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और सिखों में से किसी एक को चुनना होगा। इससे पहले इस केस से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को धमकी भरे कॉल आए थे।

वकीलों से भी प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा की चूक के मामले से दूर रहने को कहा गया था। बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए कमेटी का ऐलान किया था। यह पांच सदस्यीय कमेटी पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में गठित की गई है।

वकीलों को धमकी में कहा था- केस की सुनवाई में न लो हिस्सा
इससे पहले वकीलों को दी गई धमकी में कहा गया था कि वह पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से जुड़े केस में हिस्सा न लें। धमकी में कहा गया था कि अब तक 1984 के सिख दंगों के एक भी गुनहगार को सजा नहीं मिली है। ऐसे में इस केस की भी सुनवाई नहीं होनी चाहिए।

जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में गठित की गई जांच कमिटी में एनआईए के महानिदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि, चंडीगढ़ के पुलिस चीफ, पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को शामिल किया गया है। इसके अलावा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल भी इस जांच पैनल के सदस्य हैं।

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