May 18, 2024

RSS Social Service : शिक्षा,स्वास्थ्य,स्वावलंबन तथा सामाजिक क्षेत्र में आरएसएस कर रहा है 1 लाख 30 हजार से अधिक सेवा कार्यो का संचालन – श्री अभ्यंकर

रतलाम,01 दिसम्बर (इ खबर टुडे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर ने यहां बताया कि संघ के सेवा प्रकल्प द्वारा सेवा के क्षेत्र में 1 लाख 30 हजार से अधिक सेवा कार्य संचालित हो रहे है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन तथा सामाजिक क्षेत्र मुख्य रुप से है।

श्री अभ्यंकर ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लगभग एक लाख गांवों में ट्रेनिंग सेवाकेंद्र खोले गए, जिनमें लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने अपनी सेवाएं दी,जिसके कारण कोरोना जैसी महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिली। संभावित तीसरी लहर की रोकथाम केे लिए भी हम तत्पर है। औषधियां, वेक्सीनेशन, वेंटिलेटर,आक्सीजन सहित अन्य संसाधन भी कोरोना प्रभावित लोगों को उपलब्ध करवाए गए और चिकित्सालयों को भी मदद की गई ताकि कोरोना जैसे घातक रोग पर काबू पाया जा सके। कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने कीट तथा अन्य सामग्री उपलब्ध करवाकर उल्लेखनीय सेवाएं दी।

श्री अभ्यंकर ने बताया कि देशभर में 156 सर्व सुविधा युक्त चिकित्सालय संचालित किए जा रहे है। इसके अतिरिक्त 18-19 बड़े चिकित्सालय भी है, जहां गंभीर मरीजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में चलित औषधालय (मोबाइल क्लीनिक) भी संचालित हो रहे है। आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक ,प्राकृतिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति द्वारा भी रोगियों की सेवा की जा रही है। इंदौर सहित कई स्थानों पर गुरूजी सेवा न्यास संचालित हो रहे है, जिनके माध्यम से भी चिकित्सा व्यवस्था की जा रही है। 3 हजार 500 से अधिक स्थानों पर आरोग्य पैथी चिकित्सा केंद्र भी संचालित हो रहे है।

श्री अभ्यंकर ने बताया कि स्वावलंबन योजना के अंतर्गत लगभग 1200 गांवों में महिलाओं को रोजगार सुलभ करवाने केे लिए स्वयं सहायता समूह, 900 सिलाई-कड़ाई,बुनाई केंद्र, ब्यूटीपार्लर ट्रेनिंग सेंटर संचालित किए जा रहे है। इस प्रकार की योजना सारे देशभर में संचालित की जा रही है, ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके, उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं को प्रोत्साहन मिले इस दृष्टि से वस्तुओं का मार्केटिंग भी किया जाता है।
सामाजिक दृष्टि से मातृछाया केंद्र संचालित किए जा रहे है, जिसमें नवजात बच्चों के पालन पोषण की व्यवस्था की जाती है। विधवा आश्रम, अनाथ आश्रम, महिलाओं को पढ़ाने के लिए छात्रावास भी संचालित किए जा रहे है। इंदौर में सेवादाता एप प्रारंभ किया गया है, जिसमें अभी तक 650 पंजीयन हो चुके है। यह एप 60 प्रकार के रोजगार उपलब्ध करवाने में मदद करता है। इससे जहां रोजगार की व्यवस्था संभव है वहीं विश्वसनीय कार्यकर्ता भी उपलब्ध हो जाते है।

श्री अभ्यंकर ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में भी कई उल्लेखनीय कदम उठाए गए है। नार्थ इस्ट के बच्चों को शिक्षित करने की दृष्टि से 336 छात्रावास संचालित किए जा रहे है, इनमें 12 कक्षा तक के बच्चों को अध्यन कराया जाता है। अभी तक 3 हजार से अधिक बच्चे शिक्षित होकर देशभक्ति तथा देश के प्रति समर्पित भाव से देश के विभिन्न हिस्सों में कार्य कर रहे है।

उन्होंने बताया कि ”सेवागाथा” एप भी बनाया गया है जो सेवा कार्यों के प्रचार-प्रसार और गतिविधियों से अवगत करवाता है। यह वर्तमान में हिंदी,मराठी, अंग्रेजी तथा कन्नड़ भाषाओं में सेवा दे रहा है तथा गुजराती में शीघ्र ही प्रारंभ हो रहा है। संघ के इस सेवा प्रकल्प के कारण समाज के हर क्षेत्र में लोगों में समर्पण भाव और समाज केे प्रति सेवा के भाव जागृत हुए है, जिससे सेवा प्रकल्पों को काफी बल मिला है। अधिक से अधिक लोग सेवा प्रकल्प सेे जुड़े और समाज को उन्नत बनाने की दिशा में अग्रसर हो यह आज की आवश्यकता है।

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