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रिजर्व बैंक ने लोन धारकों को दी बड़ी सौगात, RBI ब्याज दरों में फिर करेगा कटौती

Reserve Bank: देश में बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। आने वाले महीनों में एक बार फिर लोन धारकों को ब्याज दरों में कटौती की सौगात मिल सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) शुक्रवार 21 फरवरी को हुई मीटिंग में आने वाले महीना में ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती करने के संकेत दिए हैं।

आरीबीआइ के इस फैसले के बाद लोगों के ऊपर से ईएमआइ का बोझ कम होने वाला हैं। रिर्जव बैंक देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अहम फैसले लेना वाला हैं। आपकों बता दे कि विकसित देशों के बैंक फिलहाल महंगाई पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन आरबीआई देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देकर देश को विकास के रास्ते पर लेकर जाने वाला हैं। आरबीआइ इस बार ब्याज दरों में कमी ला सकता हैं।

इसके बाद जिन लोगों ने होम लोन, कार लोन सहित दूसरे लोन लिए हैं, उनकी ईएमआई कम हो जाएगी और लोगों को इसमें राहत मिलने वाली हैं। सरकार की तरफ से भी कुछ समय के बाद महंगाई दर जल्द आने वाली हैं और उसी के आधार पर आरबीआई आगामी फैसला लेगा।

पांच साल बाद ब्याज दरों में आई कमी

रिजर्व बैंक की अहम बैठक सात फरवरी को हुई थी। इसमें रिजर्व बैंक की तरफ से अहम निर्णय लिए गए थे। इसमें 25 बेसिक पाइंट पर केंद्रीय बैंकों की रेपो रेट में कटौती की गई। अब रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत कम होकर 6.25 प्रतिशत हो गया हैं। इसका बैंकों की ब्याज दर में कटौती में दिखने को मिली हैं।

रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद देश के बड़े बैंक एसबीआई और पीएनबी सहित कई बैंकों द्वारा अपनी ब्याज दर में कमी लाई हैं । एसबीआइ व पीएनबी सहित अन्य बैंकों की तरफ से लोगों को सस्ते रेट पर लोन देना शुरू कर दिया हैं। बैंकों के इस फैसले के बाद काफी लोन धारकों को राहत मिली हैं।

रिजर्व बैंक अब इस मामले में ओर भी कदम उठा सकता हैं, ताकि लोगों को ईएमआई में कमी आ सके। अब इसका असर दिखने लगा है। एसबीआई और पीएनबी समेत कई बैंक ब्याज दरें घटा चुके हैं और लोगों को सस्ता लोन मिल रहा है।

महंगाई पर कम पड़ेगा असर

MPC ने यह भी संकेत दिया कि वैश्विक व्यापार चुनौतियों का महंगाई पर बहुत कम असर पड़ेगा। साथ ही, ऊंची वास्तविक ब्याज दरें कर्ज की लागत को और कम करने का मौका देती हैं। वास्तविक ब्याज दर का मतलब है, ब्याज दर और महंगाई दर के बीच का अंतर। अगर ब्याज दर ज्यादा है और महंगाई कम है तो वास्तविक ब्याज दर ऊंची होती है।

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