International Cyber Fraud : क्रिप्टो करेंसी की पोंजी स्कीम के जरिये कई देशों में की गई करोडो की धोखाधडी का रतलाम पुलिस द्वारा पर्दाफाश ; मन्दसौर,नीमच धार व राजस्थान आदि स्थानों से ठगे गए 44 लाख रु.वापस भारत लाए गए
रतलाम,02 जुलाई (इ खबरटुडे)। जिले में दो अलग अलग थाना क्षेत्रों में क्रिप्टो करेंसी की पोंजी स्कीम के जरिये दो व्यक्तियों के साथ हुई करीब 46 लाख की ठगी के मामलों की जांच करने के दौरान रतलाम पुलिस ने बडी उपलब्धि हासिल करते हुए अनेक देशों के अनेक लोगों के साथ हुई करोडो की अंतराष्ट्रीय धोखाधडी का पर्दाफाश कर दिया। रतलाम पुलिस के प्रयासों के चलते रतलाम,मन्दसौर,नीमच,धार और राजस्थान के कई लोगों से ठगे गए करीब 44 लाख रु. की राशि के संदिग्ध बैैंक खातों को सीज करते हुए इस राशि को भारत वापस लाने में भी सफलता मिली है।
पुलिस अधीक्षक राहूल कुमार लोढा ने पुलिस कंट्रोल रुम पर आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस द्वारा अर्जित इस सफलता की विस्तार से जानकारी दी। एसपी श्री लोढा ने बताया कि सबसे पहले विगत 24 अगस्त 2023 को जावरा के औद्योगिक क्षेत्र थाने पर आवेदक सलीम पिता काले खां ने आरोपी मोहम्मग फेज उर्फ निक्कू,आजम खान हुजेफा,आलोक पाल,वाजिद और वसीम के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपीगण ने क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से एमटीएफई (MTFE ) नामक मोबाइल एप्प में निवेश करने पर तीन प्रतिशत मासिक के रिटर्न का लालच देकर सलीम के साथ 20 लाख 76 हजार रु. की ठगी की थी। इसी तरह रतलाम के स्टेशन रोड थाने पर आवेदक अशरफ अली ने भी आरोपी गोविन्द सिंह,संदीप टांक इत्यादि के खिलाफ 26 लाख 51 हजार रु. की ठगी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इन दोनो मामलों में ठगी और अन्य धाराओँ में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच प्रारंभ की थी।
इस तरह उजागर हुआ बडा घोटाला
जिले के दो थाना क्षेत्रों में दर्ज की गई सायबर ठगी की एक जैसी घटनाओँ को देखते हुए एसपी श्री लोढा ने एएसपी राकेश कुमार खाखा और सीएसपी अभिनव बारंगे के निर्देशन में जावरा औ.क्षेत्र,रतलाम स्टेशन रोड थाना और सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित कर मामले की जांच करने के निर्देश दिए। पुलिस की इस विशेष टीम ने जिले के आम लोगों को एक क्यूआर कोड जारी कर धोखाधडी के शिकार हुए लोगों की जानकारी एकत्रित की। जब जानकारी एकत्रित हुई तो पता चला कि 266 लोगों से कुल करीब 1 करोड 43 लाख रु. की ठगी हुई है। जांच के क्रम में पुलिस टीम को पता चला कि सायबर ठगों ने एमटीएफई(MTFE ) नामक मोबाइल एप में विभिन्न क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लोगों से भारी भरकम राशि का निवेश करवाया। धोखाधडी के शिकार लोगों को यह लालच दिया गया था कि इस निवेश पर उन्हे तीस प्रतिशत मासिक की दर से रिटर्न मिलेगा। इस लालच में फंस कर लोगो ने एमटीएफई(MTFE ) में भारी भरकम राशि का निवेश कर दिया और बाद में एमटीएफई(MTFE ) अचानक बंद हो गई।
सिंगापुर जापान तक फैले तार
पुलिस टीम जे जब जांच आगे बढाई तो पता चला कि धोखाधडी के तार जापान सिंगापुर तक फैले हुए है। जिस एमटीएफई(MTFE ) एप में लोगों से राशि का निवेश कराया जा रहा था,उसके माध्यम से सिंगापुर और जापान की कंपनियों में विभिन्न प्रकार की क्रिप्टो करेंसी जमा करवाई जा रही थी। पुलिस ने जिले के दोनो थानों में दर्ज किए गए धोखाधडी के प्रकरणों में एमटीएफई (MTFE ) कम्पनी के सीईओ हुजेफा जमाली,गोविन्द सिंह चन्द्रावत समेत कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। एमटीएफई फ्राड में लिप्त एक और कंपनी कलीन के डायरेक्टर योगानन्द बमोरे से की गई गहन पूछताछ से पुलिस ने – Binance, Huobi, TRC -20 (टीआरसी 20) इत्यादि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज प्लेटफार्म के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। सायबर सेल को इस पूछताछ से जानकारी मिली कि धोखाधडी के शिकार हुए लोगों को TRC -20 (टीआरसी-20) पर एक यूनिक आईडी या कोड नेम दिया जाता था,जिसके जरिये व्यक्ति अपनी क्रिप्टो करेंसी इस वालेट में जमा रखता था।TRC -20 (टीआरसी-20) पर जिनकी आईडी बनी थे वे ही लोग धोखाधडी के शिकार बनाए गए।
सायबर सेल ने विभिन्न माध्यमों औ्र ओपन सोर्स से जब जानकारी एकत्रित की तो पता चला कि TRC -20 (टीआरसी-20) एड्रेस की कुल संख्या 10 लाख 48 हजार है। इस टीआरसी-20 एड्रेस में क्यूआर कोड के माध्यम से बडी मात्रा में रुपयो का लेन देन भारत सहित श्रीलंका,पाकिस्तान,बांग्लादेश और नाईजिरिया आदि देशों में किया गया है। इस प्रकार यह धोखाधडी इन देशों के निवासियों के साथ भी हुई है। इतना ही नहीं TRC -20( टीआरसी-20) से क्रिप्टो करेंसी को कन्वर्ट करने के लिए करीब 56 काउण्टर ( Counterparty ) पार्टी एक्सचेंज का उपयोग किया गया,जिनमें मुख्य रुप से Binance, KuCoin, OKX, Huobi, Bybit, USDt~Token, MEX, SunCrypto आदि एक्सचेंज शामिल है।
इस तरह वापस भारत आई ठगी की राशि
सायबर सेल ने इनमें से एक एक्सचेंज बायनेंस से सम्पर्क कर इस लेन देन की भी जानकारी प्राप्त की और पूरे डाटा का एनालिसिस कर एक मुख्य खाता यूआईडी-301254931 चिन्हित किया गया। इस खाते में भारत से ठगी गई करीब 40 करोड रु. का ट्रांजेक्शन हुआ है। इस बायनेंस कंपनी का अकाउंट प्रकरण के मुख्य आरोपी एनाकू पामे( Enaku Pame ) के नाम से रजिस्टर्ड है और इस खाते को भारत के अलावा सिंगापुर,मलेशिया इत्यादि स्थानों से अलग अलग डिवाईस पर रजिस्टर्ड कर खाते का उपयोग किया गया। बायनेंस के इस खाते में भारत के साथ ही मलेशिया का मोबाइल नम्बर भी रजिस्टर्ड होना पाया गया।
क्रिप्टो करेंसी कम्पनियों से हासिल किए ठगी के रुपए सायबर सेल ने ठगी की राशि को हासिल करने के लिए अन्तर्राष्ट्रिय स्तर पर ल रही क्रिप्टो करेंसी कम्पनियों से सम्पर्क किया और करीब 108 क्रिप्टो करेंसी में लगे 44 लाख रुपए भारत में वापस लौटाए। सायबर सेल प्रभारी अमित शर्मा ने बताया कि बायनेंस कंपनी के मुख्यखाते के एनालिसिस से पता चला कि बायनेंस द्वारा एमटीएफई के एकाउन्ट से कनेक्टेड करीब 41 खाते है,जिन्हे रतलाम पुलिस ने न्यायालय के आदेश से फ्रीज करवाया। उपरोक्त खातों में करीब 44141 यूएस डालर जमा थे,जो भारतीय रुपए में करीब 44 लाख रु. होते है। बायनेंस के होल्ड खाते की राशि अपराध से सम्बन्धित होने पर बायनेंस से पत्राचार कर उपरोक्त राशि में से 43 लाख 77 हजार 503 रु. भारतीय करेंसी में शासकीय खाते में रिफण्ड करवाई है।
प्रकरण में मुख्य आरोपी Enaku Pame एवं Marcy Pame की लगातार तलाश की जा रही है। उपरोक्त आरोपियों के गिरफ्तार होने पर अन्य कई खुलासे किये जाकर अन्य देशों के आरोपी होने की पूर्ण संभावना है।
विषेश भूमिका
इस अंतर्राष्ट्रीय सायबर फ्रॉड के पर्दाफाश और राशि को भारत लेन में सायबर सेल प्रभारी उनि अमित शर्मा आरक्षक 218 विपुल भावसार, और आरक्षक राहुल पाटीदार की विषेष भूमिका रही। इसके साथ ही मामले को सुलझाने में निरीक्षक प्रकाश गडरिया तात्कालिन थाना प्रभारी औ.क्षे.जावरा, निरीक्षक मुनेन्द्र गौतम थाना प्रभारी औक्षे जावरा , निरीक्षक दिनेश कुमार भोजक थाना प्रभारी स्टेशन रोड़,उनि राकेश मेहरा, प्रआर राहुल जाट थाना नामली, आर 25 अभिषेक पाठक एवं सायबर सेल रतलाम से प्रआर मनमोहनशर्मा, प्रआर हिम्मत सिंह गोड, प्रआर लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, आर मयंक व्यास, आर तुषार सिसौदिया की सराहनिय भूमिका रही।