कारोबार

रेलवे का तोहफा : अब जितनी सीट होंगी, उतनी ही टिकट बेच सकेगा रेलवे

railway NEWS:कई बार रेलगाड़ियों में सीट नहीं मिलने के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को सीट नहीं मिलने के कारण हो रही परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए रेलवे ने नया फैसला लिया है। इसके तहत रेलगाड़ी में जितनी सीट होंगी, रेलवे उतनी ही टिकट बेच सकेगा। रेलवे मंत्री ने इसकी जानकारी दी है।


रेलवे मंत्री अ​श्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सुखद और सुर​क्षित यात्रा करवाना है। कई बार भीड़भाड़ के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करना ही रेलवे की प्राथमिकता होगा। यदि संभव होगा तो अ​धिक भीड़ होने पर अतिरिक्त गाड़ियां चलाई जाएंगे। इसके अलावा रेलगाड़ी में जितनी सीट होंगे, उतनी ही टिकट बिक्री की जाएंगी। रेलमंत्री नने कहा कि रेलवे स्टेशन के स्टाफ के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। इनमें नए डिजाइन की वर्दी भी शामिल है। स्टेशन मास्टर के साथ-साथ स्टेशन डायरेक्टर का पद भी बनाया गया है। कई बार रेलगाड़ियां देरी से चलती हैं, लेकिन समय पर चलाना उनके लिए प्रयास रहता है ताकि यात्रियों को असुविधा नहीं हो।


लोकसभा में हुआ हंगामा

रेलवमंत्री अ​श्विनी वैष्णव जब इन नए नियमों के बारे में जानकारी दे रहे थे तो विपक्षी सांसदों ने हंगामा कर दिया था। विपक्ष ने महाकुंभ में हुई रेलवे स्टेशन पर भगदड़ का मुद्दा उठाया। इस पर रेलमंत्री ने सदन को बताया कि भारत को रेल कोच का उभरता हुआ निर्यातक बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। बिहार के मढौरा ​स्थित रेल कारखाने में तैयार होने वाले लोकोमोटिव को जल्द ही अन्य देशों में निर्यात किया जाएगा। इससे रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा और भारत आत्मनिर्भर होगा। सऊदी अरब और फ्रांस जैसे देशों को ट्रेनों की बोगियां और उपकरण निर्यात किए जा रहे हैं। भारत में बने मेट्रो कोच की मांग ऑस्ट्रेलिया में भी है। यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। रेलमंत्री ने बताया कि तमिलनाडू में रेल परिए बनाए जा रहे हैं, जिनका निर्यात भी किया जा रहा है।


अब 95 प्रतिशत ट्रेन चलती हैं समय पर
रेलवेमंत्री ने सदन को बताया कि पहले ट्रेन लेट हो जाती थी, लेकिन अब ट्रेन अपने निर्धारित समय पर चल रही हैं। उन्होंने बताया कि कुल 68 डिवीजन में काफी सुधार किया गया है। इनमें से 49 डिवीजन ऐसे हैं, जिनमें 80 प्रतिशत से अ​धिक का सुधार किया जा चुका है। 12 डिवीजन ऐसे हैं, जहां पर 95 प्रतिशत ट्रेन अपने निर्धारित समय पर चलती हैं और अपने गंतव्य पर समय पर ही पहुंचती हैं। इस समय देश में 13 हजार यात्री ट्रेन चल रही हैं। इनमें से चार हजार 111 एक्सप्रेस, तीन हजार 313 पैसेंजर तथा पांच हजार 774 उपनगरीय ट्रेन शामिल हैं।


13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनें चल रही हैं। इनमें मेल और एक्सप्रेस 4,111, पैसेंजर 3,313 और उपनगरीय 5,774 ट्रेनें हैं।

Back to top button