December 24, 2024

Raid : मध्यप्रदेश के सात जिलों में पीएफआई के ठिकानों पर छापे, NIA और एमपी पुलिस ने 21 संदिग्धों को पकड़ा

pfi

भोपाल,27सितंबर(इ खबर टुडे)। टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) और मध्य प्रदेश एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने एक बार फिर मध्यप्रदेश में संयुक्त कार्रवाई की है। एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार पीएफआई पर छापेमारी हुई है। एनआईए और मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रदेश के सात शहरों में छापेमारी की है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, श्यापुर, गुना, नीमच जैसे शहरों में छापे मारकर एनआईए और एमपी एटीएस ने 21 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। इससे एक हफ्ते पहले एनआईए ने प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में छापेमारी की थी, इसमें पीएफआई के चार सदस्यों को हिरासत में लिया गया था।

एनआईए और मध्यप्रदेश एटीएस ने सोमवार देर रात को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, श्यापुर, गुना, नीमच में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की। इंदौर से सईद टेलर निवासी छत्रीबाग, दानिश गौरी निवासी माणिकबाग, तौशिफ छिपा निवासी छिपा बाखल, यूसुफ़ निवासी छिपा बाखल, वसीम निवासी ग्रीन पार्क कॉलोनी को गिरफ्तार किया है। इंदौर से आठ संदिग्धों को पकड़ने के लिए छापेमारी की गई थी। इसमें से तीन हाथ नहीं लगे। उज्जैन के महिदपुर से चार संदिग्धों को पकड़ा गया है। नीमच से दो, शाजापुर से चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। पूरे प्रदेश में 35 से ज्यादा लोग एजेंसियों की निगरानी में थे।

बुधवार को चार पदाधिकारियों को पकड़ा था
एनआईए ने बुधवार को मध्यप्रदेश के इंदौर से तीन और उज्जैन से एक पीएफआई के पदाधिकारी को गिरफ्तार किया। शुक्रवार को चारों को भोपाल में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। चारों की सात दिन की रिमांड दी गई थी। इससे पहले चारों का सुरक्षा कमांडो की मौजूदगी में मेडिकल टेस्ट भी कराया गया था। गिरफ्तार आरोपियों में अब्दुल करीम बेकरीवाला निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है। अब्दुल खालिक निवासी इंदौर पीएफआई का जनरल सेक्रेटरी है। मोहम्मद जावेद निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश कोषाध्यक्ष है। जमील शेख निवासी उज्जैन पीएफआई का प्रदेश सचिव है। इनकी गिरफ्तारी टेरर फंडिंग और 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश को लेकर की जा रही है।

युवाओं को पैसों का लालच
प्रदेश में कट्टरपंथी विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए युवाओं को पैसों का लालच देकर जोड़ा जाता था। हर व्यक्ति को महीने में सात से चालीस हजार रुपये तक दिए जाते थे। यह राशि सीधे खाते में डाली जाती थी। जानकारी के अनुसार यह राशि विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए साहित्य तैयार करने, बंटवाने और ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च के लिए दी जाती थी। आरोपियों का मकसद देश के लोगों को भड़का कर भारत में इस्लामिक शरिया कानून लागू करना था।

दूसरे राज्यों से आ रहे थे सदस्य
पीएफआई के सदस्य दूसरे राज्यों से आकर मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने का काम कर रहे थे। प्रदेश में सक्रिय पीएफआई के सदस्य लोगों को भ्रमित कर देशविरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे थे। पीएफआई के सदस्य प्रदेशभर में जगह-जगह मीटिंग कर आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश-विरोधी गतिविधियों के लिए लोगों को तैयार कर रहे थे।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds