May 1, 2024

राहुल ने किया पिछड़ों का अपमान भाजपा देगी सम्मान…?

-चंद्र मोहन भगत

राहुल गांधी ने अपने भाषण में मोदी सरनेम वालों के लिए चोर शब्द का उपयोग कर पूरे पिछड़े वर्ग का अपमान कर डाला। भाजपाई ऐसा आरोप लगाकर देशभर में राहुल और कांग्रेस के खिलाफ जोर शोर से हमला कर पिछला वर्ग विरोधी करार दे रहे हैं । सूरत कोर्ट का निर्णय भी इसी मुद्दे पर दिया गया है। पूरी कांग्रेस राहुल के लिए सड़क पर आ रही है। इधर पिछड़ा वर्ग के मान अपमान को लेकर बहस छिड़ गई है कि अगर कांग्रेस नेता राहुल ने अपमान किया है तब क्या भाजपा इस वर्ग को यथायोग्य सम्मान देती है या इस विवाद के बाद देगी !

मध्य प्रदेश की जनसंख्या और मतदाता में पिछड़ा वर्ग की संख्या सबसे अधिक है। शासकीय आंकड़ों के अनुसार लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा पिछड़ा वर्ग का है । वर्तमान में राहुल गांधी को मोदी सरनेम के लिए कहीं गई बात से पूरी भाजपा कह रही है कि यह पिछड़ों का अपमान है । तो सार्वजनिक राजनीतिक जगत में यह सवाल भी उठने लगे हैं कि राहुल और कांग्रेस पिछड़ों का अपमान कर रहे हैं तो क्या भा जा पा पिछड़ों का सम्मान करती है या अब करेगी। क्योंकि मध्यप्रदेश में 55 प्रतिशत पिछड़ों को पिछले 20 सालों के भाजपा शासन ने कितना उपकृत किया गया यह भी खोज का विषय है । सिर्फ एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना देना से सभी 55 प्रतिशत पिछड़े शिवराज की तरह संपन्न धनवान तो नहीं हो गए हैं ! इसके अलावा यह भी कि जिन विधानसभा लोकसभा क्षेत्रों में पिछड़ा वर्ग का प्रतिशत सबसे ज्यादा है उन क्षेत्रों के विधायक सांसद वर्तमान में पिछड़ा वर्ग के हैं या सामान्य वर्ग के ?

यह विषय सतह पर इसलिए सार्वजनिक होता जा रहा है कि राहुल गांधी की मोदी सरनेम पर टिप्पणी पिछड़ों का अपमान है तो भाजपा का पिछड़ा वर्ग अधिक संख्या वाले विधानसभा लोकसभा क्षेत्र से सामान्य वर्ग के प्रत्याशी क्यों बनाती आई है ? स्पष्ट है कि राहुल गांधी सार्वजनिक मंच से बोलकर पिछड़ा वर्ग विरोधी बन गए तो भाजपा इससे बड़ी अपराधी है पिछड़ा वर्ग के लिए क्योंकि पिछड़ों के अधीसंख्य क्षेत्रों में भी इस वर्ग की उपेक्षा करती आ रही है । अब जब राहुल के बयान के बाद यह पिछड़ा वर्ग का अपमान देश में चर्चा का विषय बना हुआ है तो जैसा कि हमेशा ही भाजपाई करते आए हैं कि राहुल और कांग्रेस के कथन से बिल्कुल उलट कार्यवाही करना वातावरण बनाना ।

भाजपा के इसी पुश्तैनी उद्देश्य के चलते यह मान लेना चाहिए कि भाजपा देश प्रदेश में होने वाले आम चुनावों में पिछड़ा वर्ग बहुमत वाले क्षेत्रों से पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी को ही मैदान में उतारेगी ना कि सामान्य या अन्य वर्ग के ? भाजपा के लिए ही यह मुद्दा चुनाव के पहले प्रत्याशी चयन के समय आत्मघाती होने वाला है वर्तमान में ही 40 प्रतिशत से अधिक विधानसभा लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जंहा पिछड़ा वर्ग के मतदाता अधिक हैं। पर इन सीटों से सामान्य वर्ग के प्रत्याशी चुनाव लड़ते आ रहे हैं। अब जब राहुल गांधी के खिलाफ पिछड़ों के लिए भाजपा राष्ट्रव्यापी लड़ाई छेड़ चुकी है तब यह भी स्वाभाविक व्यवहार होगा कि पिछड़ा वर्ग प्रभावित क्षेत्रों से भाजपा में इसी वर्ग के प्रत्याशियों को अवसर दिया जाएगा…!

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