Raag Ratlami Local Election : शहर और गांव की सडक नाली वाले चुनाव की आहट,चुपचाप सक्रियता बढा रहे है नेता; हर तरफ उठने लगा है लाउड स्पीकर का सवाल
–तुषार कोठारी
रतलाम। इन दिनों पूरे देश में यूपी और चार अन्य सूबों के चुनाव की चकल्लस चल रही है। लेकिन अब जल्दी ही अपने एमपी में भी चुनावी चकल्लस चालू होने का वक्त आने वाला है। आने वाले कुछ ही महीनों में शहरों की सडक़ नाली वाली शहर सरकार और गांवों की पंचायतों के चुनाव होने की सुगबुगाहटें शुरु हो गई है। नेताओं को भी इसका एहसास है इसीलिए अब नेता वार त्यौहार का कोई मौका नहीं छोड रहे है। चुनाव की बात कोई नहीं कर रहा,लेकिन इसकी तैयारी अलग अलग तरीकों से शुरु हो चुकी है।
कहने को तो अभी चुनाव को लेकर कोई पक्की सूचनाएं सामने नहीं आई है। लेकिन जानकारों का अंदाजा है कि आने वाली गर्मियों में सूरज की तपिश के साथ चुनावी सरगर्मियां भी तेज रहने वाली है। होली रंगपंचमी के त्यौहार और परीक्षाओं के निपटते ही शहर सरकार और पंचायतों के चुनावों की घोषणा हो जाएगी। सूबे के चुनाव आयोग को अब अदालती आदेश के मुताबिक चुनाव कराना है और इसकी तैयारियां शुरु हो गई है।
इन्ही अंदाजों के चलते नेताओं ने अपने अपने स्तर पर चुपचाप अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। हांलाकि कोई खुलकर यह नहीं कहता,लेकिन नेताओं के तौर तरीकों को बारीकी से देखा जाए तो कहानी साफ हो जाती है। तीज त्यौहार का मौका हो या कोई सामाजिक कार्यक्रम,नेता कुछ ज्यादा ही सक्रिय होने लगे है। इसे संयोग भी कहा जा सकता है और प्रयोग भी,कि पहली बार शहर में महाशिवरात्रि बडे जोर शोर से मनाई जा रही है। सौ से ज्यादा जोडे महारुद्र यज्ञ में आहुतियां देंगे। इस बडे आयोजन में कई सारे नेता सक्रियता से लगे है।
यही नहीं शहर के अलग अलग इलाकों के शिïवमन्दिरों पर भी महाशिवरात्रि को जोर शोर से मनाने की तैयारियां चल रही है। वैसे तो इस तरह की तैयारियां पहले भी हुआ करती थी,लेकिन इन तैयारियों में मोहल्ले के नेता इतनी सक्रियता से हिस्सेदारी करते नहीं दिखाई देते थे। लेकिन इस बार नजर डालिए,हर तरफ नेता नजर आएंंगे।
वैसे अभी बेहद शुरुआती वक्त है। आने वाले कुछ हफ्तों में ये तैयारियां और भी साफ नजर आने लगेगी। अभी तो नेताओं की चुनौती यह है कि उन्हे सक्रिय भी रहना है और किसी को पता भी नहीं लगने देना है कि ये सारी सक्रियता चुनाव के चक्कर में है। इस वक्त तो खुद को भक्ति में डूबा हुआ ही दिखाना है।
बहरहाल,आने वाली गर्मियां छुटभैये नेताओं के लिए चुनौती भरी रहने वाली है। कुछ हफ्तों के बाद सियासती दांव पेंच शुरु होने लगेंगे और सियासत में दिलचस्पी रखने वालों के लिए आने वाला वक्त मजेदार रहने की पूरी संभावना है।
लाउड स्पीकर पर रोक का सवाल…..
जिला इंतजामिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर रात के दस बजे के बाद बजने वाले डीजे और लाउड स्पीकर जब्त कर लेता है। अभी हाल में होमगार्ड कालोनी में डीजे बजाने वाले के खिलाफ वर्दी वालों ने मुकदमा भी दर्ज किया है। लोगों का कहना है कि इंतजामिया को रात दस बजे के बाद तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद रहता है,लेकिन सुबह होते होते भूल भी जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में रात दस से सुबह छ: बजे तक लाउड स्पीकर बन्द रखने का हुक्म दिया है। इंतजामिया रात दस बजे के बाद तो लाउड स्पीकर बन्द करने के लिए सक्रिय रहता है,लेकिन सुबह छ: बजे के पहले बजाए जा रहे लाउड स्पीकर इंतजामिया के जिम्मेदारों को सुनाई नहीं देते। वैसे जिले में कई जगहों पर लोग ये सवाल उठा रहे है और अब तो मामले को अदालत में ले जाने की भी तैयारियां हो रही है। सब की निगाहे इसी बात पर लगी है कि इंतजामिया के जिम्मेदारों को सुबह छ: बजे के पहले बजने वाले लाउड स्पीकर कब सुनाई देंगे?