Raag Ratlami Police Raid – वर्दी वालो का जादू,चीतों से तेज दौड़ा भारी भरकम हाथी,मि. बंटाढार करेंगे पंजा पार्टी का बंटाढार
–तुषार कोठारी
रतलाम। जिले में वर्दी वालों के पुराने कप्तान की रवानगी और नए कप्तान की आमद से वर्दी वालों के महकमे में नए नए जादू देखने को मिल रहे है। सबसे ताजा जादू ये है कि भरी भरकम हाथी जो ठीक से दो कदम पैदल नहीं चल सकता उसे वर्दी वालों ने अपने से भी तेज दौडता हुआ दिखा दिया।
वर्दी वालों की ये जादूगरी अभी दो दिन पहले ही देखने को मिली। वर्दीवालों ने साई रेसीडेन्सी में चलाए जा रहे एक मनोरंजन केन्द्र को अपना निशाना बनाया। इस मनोरंजन केन्द्र में बडे बडे हाथी,ताश के पत्तों से मनोरंजन कर रहे थे। वर्दीवालों की नाराजगी ये थी कि मनोरंजन केन्द्र में उनकी हिस्सेदारी नहीं रखी गई थी। वर्दीवालों की घेराबन्दी हुई तो खिलाडियों को अपनी गलत समझ में आ गई। जानने वाले बताते है कि खिलाडियों ने ना सिर्फ अपने खेल का तीन चौथाई माल वर्दीवालों को नजर किया,बल्कि सबसे बडे दो खिलाडियों ने वर्दी वालों की पकड से निकलने के लिए अलग से भारी भरकम फीस भी चुका दी। वर्दीवालों ने भी अपना हिस्सा मिलने के बाद पूरी ईमानदारी दिखाई। डेढ सौ किलों से ज्यादा वजन वाला जो हाथी ठीक से चार कदम पैदल भी नहीं चल सकता,उसे दौडता हुआ दिखा दिया।
खबरचियों ने जब पूछताछ की,तो वर्दीवालों ने बताया कि 6 खिलाडियों में से दो भाग निकले,बचे चार खिलाडियों को वर्दी वाले अपने साथ ले आए. उनके पास से एक चौथाई माल भी बरामद करने की जानकारी दे दी। जो तीन चौथाई माल वर्दीवालों ने खुद रख लिया,उसके बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया। खबरचियों ने पूछा कि वैसे तो वर्दीवाले चीतों की मौजूदगी में कोई भाग नहीं पाता,क्योकि चीते सबसे तेज दौड़ते है ,लेकिन भारी भरकम हाथी कैसे भाग निकला,तेज चीते उसे क्यों नहीं पकड़ पाए ? तब वर्दीवाले चुप्पी साध गए। खिलाडियों से बरामद माल के मामले में भी वर्दीवालों ने ही रवैया अपनाया।
सारी कहानी का लब्बोलुआब ये है कि वर्दी वालों ने कप्तान के नए होने का जमकर फायदा उठाया। वे जानते थे कि नए कप्तान को अभी ज्यादा जानकारी नहीं है,इसलिए हाथी के दौड कर भाग जाने की कहानी नए कप्तान को हजम हो जाएगी। हाथी के भागने की कहानी नए कप्तान को हजम होगी या नहीं लेकिन शहर के बाशिन्दों को ये कहानी कतई हजम नहीं हो रही है। लोग ये भी कह रहे है कि नए कप्तान के आते ही शहर के तमाम अख्खर पत्ती वाले मनोरंजन केन्द्र फिर से चालू हो गए है। इन केन्द्रों के चालू होने का सबसे बडा फायदा वर्दीवालों को ही मिलता है। अब सबकी नजरे इस बात पर लगी है कि नए कप्तान वर्दीवालों के लिए फायदेमन्द मनोरंजन केन्द्रों पर कौनसी नीति अपनाएंगे? केन्द्रों को चलने देंगे या इनपर सख्ती से रोक लगाएंगे। सवाल ये भी है कि हाथी को दौडा लेने वाले जादूगर वर्दीवालों का कोई इंतजाम नए कप्तान करेंगे या नहीं ?
पंजा पार्टी का बंटाढार
करीब बीस साल पहले दिग्गी राजा को मिस्टर बंटाधार की उपाधि दी गई थी। पूरे सूबे की जनता ने उनके नए नाम को सही ठहराया था। मिस्टर बंटाढार दारा किए गए बंटाढार से परेशान जनता ने उन्हे सत्ता से बाहर का जो रास्ता दिखाया था,उस पर जनता लगातार करीब सत्रह साल तक कायम रही और पंजा पार्टी को पावर से दूर रखा। सत्रह साल बाद अभी चार साल पहले यानी 2017 में जनता को पंजा पार्टी पर थोडी सी दया आई,तो पंजा पार्टी फिर से पावर में आ गई। लेकिन मिस्टर बंटाढार अपने नाम को सार्थक करने का कोई भी मौका नहीं छोडते।पहले उन्होंने सूबे का बंटाढार किया था अब वे पंजा पार्टी का बंटाढार करने में लगे है। इसीलिए राजा ने महाराजा को छेड दिया और नतीजा पंजा पार्टी की सरकार के बंटाढार के रूप में सामने आया। दिग्गी राजा अभी भी अपने नाम को सार्थक करने में ही जुटे हुए है। वे रतलाम आए,तो घोषणा कर गए कि 2023 का चुनाव पंजा पार्टी के लिए आखरी चुनाव साबित होगा। उनके ये डायलाग हर तरफ गूंज रहे है। पंजा पार्टी के लोग भी अब कहने लगे है कि मिस्टर बंटाढार सचमुच में मि.बंटाढार है। जब तक पंजा पार्टी का पूरा बंटाढार नहीं हो जाता,वे चुप नहीं रहेंगे।