November 9, 2024

Raag Ratlami Success Snsuccess : कामयाबी और नाकामयाबियों के बीच झूलते वर्दी वाले और इंतजामिया के अफसर,मजहबी गुनाहों पर नहीं है जरा भी अंकुश

रतलाम। बीते हफ्ते में वैसे तो वर्दी वालों को बडी कामयाबी हाथ लगी लेकिन मजहबी गुनाहों की खबरों ने कामयाबी के कलर को नाकामयाबी की कालिख से ढंक दिया। एक तरफ वर्दी वालों ने सात समन्दर पार तक फैले सायबर ठगों के जंजाल से लोगों के लाखों रुपए बचा लिए वहीं दूसरी तरफ कहीं गले में क्रास लटकाने वाले और जालीदार गोल टोपी वालों के गुनाह सामने आते रहे। इन गुनाहों को रोकने में ना तो वर्दी वाले कामयाब हो पा रहे है ना इंतजामिया के अफसर इस पर कोई अंकुश लगा पा रहे है।

वर्दी वालों ने क्रिप्टो करेंसी और मोबाइल एप के जरिये मोटी कमाई का लालच देकर सैैंकडों लोगों के साथ की गई करोडों की ठगी के जंजाल का पर्दाफाश किया। धीमे लेकिन सधे हुए तरीके से वर्दी वालों के सायबर स्क्वाड ने इन्टरनेशनल ठगी के तार से तार जोडते हुए कई सारे गुनाहगारों को धरदबोचा और कई सारों का पता भी लगा लिया। वर्दी वाले अब इनकी तलाश में जुटे है। इतना ही नहीं ठगी के जरिये खींचे गए करोडों रुपए में से वर्दी वालों का सायबर स्क्वाड 44 लाख रु. वापस लाने में भी कामयाब रहा। जोकि वर्दी वालों की बडी कामयाबी है।

लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू बेहद अफसोसनाक है। शहर के नजदीक के एक गांव में वडी तादाद में आदिवासियों को झाडफूंक और प्रार्थना से ठीक करने का लालच देकर उनके गले में क्रास डालने का षडयंत्र सामने आया। अशिक्षित और भोले भाले आदिवासियों को इतना ब्रेनवाश किया जा चुका है कि उन्हे लगता है कि गले में क्रास लटका कर प्रेयर करने से ही उनकी समस्याएं दूर हो रही है। मुल्क चांद और मंगल तक अपने सैटेलाइट भेज रहा है और इधर गांवों में क्रास पहना कर बीमारियां ठीक करने की नौटंकिया चल रही है।

ये पूरा वाकया वर्दी वालों और इंतजामिया दोनो के लिए शर्मनाक है। वर्दी वालों के लिए इस तरह शर्मनाक है कि प्रदेश में किसी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करना जुर्म है। वर्दी वालों की जिम्मेदारी है कि कहीं भी हो रहे जुर्म को रोके। लेकिन वर्दी वाले इस बात का इंतजार करते है कि कोई आकर शिकायत दर्ज करेगा,तब वो कार्रवाई करेंगे। असलियत यह है कि वर्दी वालों के पास गांव गांव में सूचना तंत्र है। उन्हे पता होना चाहिए कि भोले भाले लोगों को बीमारियां दूर करने जैसे प्रलोभन देकर उनके गले में क्रास लटकाए जा रहे हैैं। ऐसे में उन्हे अपने स्तर पर इस तर के गुनाहों की रोकथाम करना चाहिए।

लोगों के गले में क्रास लटकाने के गुनाह को रोकने की जिम्मेदारी इंतजामिया के अफसरों पर भी उतनी ही है जितनी वर्दी वालों की। इंतजामिया के पास भी गांव गांव में सक्रिय रहने वाले कारिन्दों की फौज है। पटवारी,चौकीदार,आशा,उषा,आंगनवाडी कार्यकर्ता जैसे तमाम कर्मचारी गांव गांव में तैनात है। हैरानी इस बात की है कि जिले के तमाम आदिवासी गांवों में बिना अनुमति के चर्च बनाए जा रहे है। इन अवैध मजहबी स्थानों पर आदिवासियों की बीमारियां दूर करने और दूसरी तरह के लालच देकर लाया जाता है। लेकिन इंतजामिया के जिम्मेदार अफसर इस तरफ पूरी तरह आंखे मूंदे बैठे रहते है। कभी इस बात की जांच नही की जाती कि बिना इजाजत के चर्च बन कैसे रहे है। बडी तादाद में आदिवासियों की सभा करने के लिए भी कोई परमिशन नहीं ली जाती।

नाकामयाबी का दूसरा वाकया दीन की तालीम देने के नाम पर नन्ही बच्चियों के साथ किए जा रहे खिलवाड का सामने आया है। शहर से सटे लडकियों को दीनी तालीम देने वाले मदरसे में जब बच्चों के अधिकारों का संरक्षण करने वाली मैडम पंहुची तो मदरसे की तमाम गडबियां सामने आ गई। ये फर्जी मदरसा बरसों से बेरोकटोक चल रहा है। जिला इंतजामिया के कई महकमे ऐसे है,जिनकी जिम्मेदारी इस तरह के मामलों पर नजर रखने की है। लेकिन तमाम के तमाम महकमे बरसों से आंखे मूंदे बैठे हुए थे। भोपाल से आई मैडम ने जब छापामारी की तो हकीकत उजागर हुई। जिला इंतजामिया अभी भी अपने रवैये पर कायम नजर आ रहा है। जबकि इतना सबकुछ हो जाने के बाद इंतजामिया को फौरन कडे कदम उठाना चाहिए थे।

कोढ में खाज जैसी बात ये है कि ये इकलौता नहीं इस तरह के पांच मदरसों की जांच कुछ महीनों पहले की गई थी। जांच करने वालों ने पांचों मदरसों को फौरन बन्द करने की जरुरत बताई थी। लेकिन महीनो गुजर गए इंतजामिया के अफसरों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। कुल मिलाकर वर्दी वालों की एक बडी कामयाबी,इंतजामिया और वर्दी वालों की इन नाकामयाबियों के सामने कहीं दब सी जा रही है। मजहबी गुनाहों को रोकने की सारी जिम्मेदारी प्राइवेट लोगों और संस्थाओं के माथे डाल दी गई है। वे बेचारे अपने सीमित साधनों के सहारे जितनी रोकथाम कर सकते है उतनी करते है। लेकिन अगर इंतजामिया और वर्दी वाले मजहबी गुनाहों को रोकने की अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा ले तो समस्या पूरी तरह समाप्त हो सकती है।

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