June 2, 2024

Raag Ratlami Yogi Effect : शहर पर छाया योगी इफैक्ट,सर्टिफाईड गुण्डों में डर का माहौल,सुराणा नहीं बना कैराना

-तुषार कोठारी

रतलाम। पिछले एक पखवाडे में शहर में दो दो गोलीकाण्ड हो गए। तब ऐसा लगने लगा था कि शहर शायद बदमाशोंं के ही हवाले हो गया है। लेकिन शुक्रवार को हुए दूसरे गोलीकाण्ड के बाद खाकी वर्दी वालों ने जिला इंतजामिया के साथ मिलकर ऐसा कमाल दिखाया,कि हर किसी को यहां योगी इफेक्ट नजर आने लगा है। शहर ही नहीं जिले भर के सर्टिफाईड भाई लोग घबराए हुए नजर आने लगे है। हर किसी को घबराहट है कि पता नहीं कब उसका नम्बर आने वाला है?

वैसे तो जिला इंतजामिया के बडे साहब की सदारत में जमीनों के जादूगरों पर पहले से बुलडोजर चल रहा था,लेकिन थानों में लिस्टेड गुण्डे इस कार्रवाई से दूर थे। जिला इंतजामिया की पूरी मुहिम जमीनों की हेराफेरी और गडबडियां करने वालों के खिलाफ चल रही थी,लेकिन शुक्रवार को भाटों का वास इलाके में गोली चलाकर तीन बदमाशों ने शहर भर के बदमाशों की शामत ला दी।

गोलीबारी के बाद मौका-ए-वारदात पर पंहुचे कप्तान को जब इलाके के लोगों ने दुनियाभर की शिकायतें की,तो कप्तान का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पंहुचा। पहले तो उन्होने थाने के साहब और उनके दो मातहतों को थाने से चलता किया और फिर फौरन बुलडोजर बुलवा लिया। कोई कुछ समझ पाता,इससे पहले गोली चलाने वालों के घर जमींदोज किए जाने लगे। कप्तान का बुलडोजर यहीं नहीं रुका,इलाके में बरसों से जुआघर चलाकर पंजा पार्टी की नेतागिरी करने वाले पहलवान और दूसरे गुण्डो के घर भी बुलडोजर के नीचे आ गए।

शुक्रवार शाम से शुरु हुआ बुलडोजर शनिवार तडके तक चलता रहा। लोगों का लगा कि चलों वर्दी वालों ने जबर्दस्त एक्शन दिखा दिया है। लेकिन मामला फिर भी नहीं रुका। शनिवार दोपहर को सरकारी बुलडोजर शहर के दूसरे किनारे पर जा पंहुचा। अपनी दादागिरी के भरोसे बिना नियम कायदे के बनाए जा रहे आलीशान बंगले को भी बुलडोजर ने अपनी चपेट में ले लिया। इस आलीशान बंगले को गिराने के बाद ये नजारा देखने जिला इंतजामिया के बडे साहब और कप्तान दोनो पंहुचे। बडे साहब और कप्तान ने खबरचियों से बात करते हुए बताया कि अब शहर के तमाम रसूखदार बदमाशों की लिस्ट बना ली गई है और सभी का काम तमाम करने की प्लानिंग की जा रही है।

इंतजामिया की ये मुहिम रविवार को भी जारी है। जिस वक्त आप ये राग रतलामी पढ रहे होंगे उस वक्त भी किसी नामचीन गुण्डे की किसी गैरकानूनी प्रापर्टी पर बुलडोजर चल रहा होगा।

रतलाम के इतिहास में इस तरह का ये पहला मौका है,जब इंतजामिया और वर्दी वालों का इस तरह का जलवा सामने आया है। वैसे तो पूरे मध्यप्रदेश के लिए ही इस तरह की कार्रवाईयां पहली बार हो रही है। याद कीजिए पडोसी शहर उज्जैन में पहले राम जन्मभूमि मन्दिर के लिए धनसंग्र्रह करने वाली रैली पर पथराव होने के बाद पथराव करने वालों के मकान ध्वस्त किए गए थे। अभी हाल में चाइना की डोर बेचने वालों के साथ भी यही सलूक किया गया था। इसी तरह का जलवा इन्दौर और दूसरे कई शहरों में भी दिखाया जा चुका है।

मामा के मध्यप्रदेश में पहले ऐसा नहीं होता था। मामा मध्यप्रदेश को शांति का टापू बताते हुए गोल टोपी भी पहन लिया करते थे। लेकिन जब से यूपी में योगी जी आए,उनका इफेक्ट इधर मध्यप्रदेश में पडने लगा। खुद को साफ्ट बताने वाले मामाजी अब योगी की नकल करते हुए दिखाई देने लगे। जब मामा जी योगी फार्मूले पर चलने लगे और अफसरों को तो इसमें कोई दिक्कत ही नहीं थी। मामा जी की हरी झण्डी मिलने के बाद तमाम जिलों में इंतजामिया पर योगी इफेक्ट नजर आने लगा है। रतलाम में इसका असर शायद सबसे ज्यादा नजर आ रहा है। रतलाम का इंतजामिया दो कदम आगे दिखाई दे रहा है,क्योंकि सर्टिफाइड गुण्डों के खिलाफ शुरु की गई मुहिम को लगातार जारी रखने का दावा किया जा रहा है।

बहरहाल,वर्दी वालों और इंतजामिया के इस रोल से आम लोग खुश नजर आ रहे है। इसकी वजह भी साफ है। पहले जब किसी गुण्डे के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करके जेल भेजती थी,वह पहले से ज्यादा बडा गुण्डा बनकर निकलता था। इतना ही नहीं जेल जाने के बाद भी उसकी वसूली और गुण्डागिर्दी जारी रहती थी। लेकिन इस नए फार्मूले से बडे बडे गुण्डों को घबराहट हो रही है,क्योंकि इससे लोगंों में उनका डर भी खत्म हो रहा है और गुण्डों की हैसियत भी खत्म हो रही है। इसके अच्छे नतीजे जल्दी ही दिखाई भी देने लगेंगे। यही वजह है कि सरकारी मुहिम को हर कोई पसन्द कर रहा है।

नहीं बन पाया कैराना…..

जिले का गांव सुराणा,कैराना बनने की राह पर चल पडा था। यूपी के कैराना मेंं हिन्दुओं को पलायन करना पडा था। सुराणा में भी यहूी कहानी दोहराई जाने वाली थी। सुराणा के लोगों ने जिला इंतजामिया को इसका अल्टीमेटम भी दे दिया था कि अगर तीन दिन में उनकी समस्या हल ना हुई तो वे अपना बोरिया बिस्तर बांध कर सुराणा से निकल लेेंंगे। खबरचियों ने इस खबर को तेजी से फैलाया। इधर जिला इंतजामिया को जैसे ही मामले की अहमियत ध्यान में आई,उन्होने फौरन इस पर एक्शन लेने की तैयारी कर ली। सुराणा के कैराना बनने की खबर सूबे की राजधानी तक भी जा पंहुची और गृहमंत्री के साथ साथ मामा ने भी जिला इंतजामिया के बडे साहब और वर्दी वालों के कप्तान से बात की। बस फिर क्या था,जिले के तमाम अफसर लाव लश्कर के साथ सुराणा पंहुच गए। गांव वालों की सारी शिकायतें सुनी गई। गांव में पुलिस चौकी बनाने से लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाने तक के हु्क्म जारी हो गए। बची खुची कसर बुलडोजर ने पूरी कर दी। शाम को ही बुलडोजर ने कई सारे अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए। कुल मिलाकर कैराना की राह पर चल पडा सुराणा,फिलहाल कैराना बनते बनते रह गया। लेकिन जिले में कई सारे गांव और भी है,जहां कभी भी कैराना की कहानी दोहराई जा सकती है। जिला इंतजामिया को इन गांवों पर भी जल्दी ही ध्यान देना चाहिए।

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