December 23, 2024

Raag Ratlami Sewerage Project – पहली बरसात में ही खुलने लगी सीवरेज प्रोजेक्ट की पोल/फूल छाप के नेताओं को बडी परेशानी

singing-logo

रतलाम। वो वक्त था जब पूरा शहर खुदा पडा था और खोदने वाले कहते थे कि बस कुछ दिनों की तकलीफ के बाद शहर स्वर्ग से सुन्दर हो जाएगा। शहर का हर घर सीवरेज प्रोजेक्ट से जुडा जाएगा और गन्दगी और घरों का गन्दा पानी नालियों की बजाय सीवरेज लाइन से वहां पंहुचेगा,जहां इससे खाद बनाई जाएगी। नालियां सूख जाएंगी और नालों में सिर्फ बारिश का पानी बहेगा,यानी वे नदियों जैसे नजर आने लगेंगे।

इन्ही सपनों को देखते हुए शहर के बाशिन्दों ने कई महीनों तक खुदाई रास्ते बन्द होने की तकलीफें झेली। सीवरेज की खुदाई के कारण रास्ते बन्द होते तो कई कई महीनों तक लोगों ने कई किलोमीटर लम्बे चक्कर भी लगाए। ये सारी तकलीफें इसी उम्मीद में झेली जा रही थी कि इसके बाद शहर स्वर्ग सा सुन्दर हो जाएगा। अभी कुछ महीनों पहले ही सीवरेज प्रोजेक्ट चलाने वाली कंपनी ने अधिकारिक तौर पर यह घोषणा भी कर दी कि सीवरेज प्रोजेक्ट अब पूरा हो चुका है और अब घरों से निकलने वाली गन्दगी और गन्दा पानी नालियों में जाने की बजाय सीवरेज लाइन में जाने लगेगा।

लेकिन शहर में पिछले कुछ दिनों में हुई शुरुआती बारिश ने शहर के स्वर्ग से सुन्दर होने के सपनों पर ही पानी फेर दिया। सीवरेज प्रोजेक्ट में कई जगहों पर लाइन चाक होने और कई जगहों पर सीवरेज लाईन का पानी उल्टा घरों की तरफ भरने के मामले सामने आने लगे है। पहली ही बारिश में सीवरेज प्रोजेक्ट की पोल खुलने लगी है। कहा तो यह भी गया था कि सीवरेज प्रोजेक्ट चलाने वाली कंपनी अभी कई सालों तक इसकी देखरेख करेगी और किसी तरह की समस्या आने पर इसे ठीक भी करेगी। लेकिन ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा। कालिका माता मन्दिर के इलाके की एक कालोनी में यही हुआ।

सीवरेज की लाइन जाम हो गई और सीवरेज लाइन की गन्दगी घरों की तरफ जाने लगी। परेशान रहवासियों ने जब इसकी शिकायत शहर सरकार के अफसरों को की,तो शहर सरकार के अफसरों ने इसकी जिम्मेदारी सीवरेज कंपनी पर डाल दी। सीवरेज कंपनी वालो ने वैसे तो एक टेलीफोन नम्बर जारी करके रखा है,लेकिन ये नम्बर किसी काम का नहीं। कई बार फोन लगाने पर भी इसे उठाया नहीं जाता। कभी भूले भटके किसी ने फोन उठा भी लिया तो इसका नतीजा सिफर ही निकलता है। कुल मिलाकर सीवरेज की समस्या जस की तस है। रहवासी शिकायतों पर शिकायतें कर रहे हैैं,लेकिन हल कोई निकल नहीं रहा।

ये पहली बारिश का असर है। सिर्फ यहीं नहीं कुछ मामले ऐसे भी है,जहां सडक बनाने के चक्कर में सीवरेज के चैम्बर टूट गए। इन चैम्बरों की मरम्मत वक्त पर नहीं की गई तो चैम्बर से गन्दगी बाहर निकलने लगी। सीवरेज की लाइन भी चाक हो गई। कुल मिलाकर सीवरेज का प्रोजेक्ट शुरुआती दौर में ही में दम तोडता नजर आ रहा है। एक बारिश में सीवरेज समस्या में बदलने लगा है। अगर आने वाले दिनों में भी सीवरेज कंपनी के तौर तरीके यहीं रहे तो तय मानिए कि शहर स्वर्ग से सुन्दर होने की बजाय यह प्रोजेक्ट शहरवासियों को स्वर्गवासी बनाने के काम आने लगेगा। सीवरेज की गन्दगी की वजह से जो बीमारियां फैलेगी वो लोगों को स्वर्गवासी बनाने के लिए काफी होगी।

मुंबई दिल्ली एटलेन एक्सप्रेस वे पर लूटपाट की इक्का दुक्का घटनाओं के बाद यह माना जा रहा था कि फिलहाल एटलेन पर ट्रैफिक बहुत कम है और एटलेन रोड सूना पडा रहता है,इसलिए इस पर वारदातें हो रही है,लेकिन अब तो बदमाशों के हौंसले जमकर बुलन्द हो गए है। उन्हे शहर के बेहद नजदीकभारी ट्रैफिक वाले फोरलेन पर वारदात करने में भी कोई हिचक नहीं है।

एक ओर वर्दी वालों ने नामली के रहवासियों को समझाईश देकर हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए ताकि ट्रक कटिंग और लूटपाट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। लेकिन दूसरी तरफ बदमाशों ने शहर से एकदम नजदीकनोबल स्कूल के सामने ही मोटर साइकिल से आ रहे पति पत्नी के साथ मारपीट और लूट जैसी वारदात कर दिखाई।

एक तरफ नामली की ओर फोरलेन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे थे,दूसरी ओर रतलाम के पास लूटपाट की जा रही थी। जैसे बदमाश,वर्दी वालों को सन्देश दे रहे हो,कि उन्हे रोकने का दम वर्दी वालों में नहीं है। वारदात को तीन दिन गुजर चुके है लेकिन अब तक वर्दी वालों के हाथ खाली है। वैसे अभी तक तो वर्दी वालों का रिपोर्ट कार्ड अच्छा रहा है। वारदात करने वाले दो चार दिनों में ही हवालात के पीछे भेज दिए जाते रहे है। लेकिन फोरलेन पर लूट जैसी गंभीर वारदात के बाद वर्दी वाले इन बदमाशों को कब पकड पाते है इस पर सभी की निगाहे लगी है।

फूलछाप पार्टी के नए मुखिया की नियुक्ति के बाद चुनाव हो चुके है और जिले भर में फूल छाप पार्टी को भर भर कर वोट मिले है। फूल छाप पार्टी में आमतौर पर जब जिले का मुखिया बदला जाता है,तो मुखिया की पूरी टीम बदली जाती है। इस बार ऐसा नहीं हुआ। जब पार्टी की कमान भैया के हाथों में सौंपी जा रही थी,तो उस वक्त चुनाव का मौसम था और इसलिए पुरानी टीम से ही काम लिया जाता रहा।

लेकिन अब चुनाव हो चुके है,देश में नई सरकार बन चुकी है और चुनाव में रतलाम जिले में फूल छाप को जमकर वोट भी मिले है,जिसे फूल छाप के नए मुखिया की उपलब्धि माना जा रहा है। ऐसे में फूल छाप के नेता नई टीम में जगह बनाने के जतन करने लगे है। इनमें पुरानी टीम में रहे नेता तो है ही बडी तादाद उन नेताओं की है जो जिले की टीम में दमदार मौजूदगी चाहते है।

जिले के नए मुखिया पर सभी की निगाहेंं टिकी है कि भैया कब अपनी नई टीम बनाऐंंगे और इस टीम में किसे कौन सी जगह मिलेगी। भैया भी मजे ले रहे है,वे किसी को भी ना तो निराश कर रहे है,ना सीधा भरोसा दिला रहे है। वे तो यह भी बताने को तैयार नहीं है कि नई टीम आखिर बनाएंगे कब? बस,फूल छाप के नेताओं की आज कल यही बडी परेशानी है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds