May 17, 2024

Raag Ratlami Left Right :दूर नहीं हुआ है कोरोना का खतरा,एक हफ्ते और लेफ्ट राइट करना पडेगा शहर को

-तुषार कोठारी

रतलाम। लोगों को उम्मीद थी कि आने वाले हफ्ते में लैफ्ट राइट के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन राजधानी से रतलाम आए मंत्री जी के साथ बैठे नेताओं और अफसरों ने फिलहाल एक हफ्ते के लिए लैफ्ट राइट को फिर से बढा दिया है। छूट के नाम पर निर्माण कार्यों को छूट दे दी गई है। लेकिन पोहे कचौरी के शौकीन लोगों को अभी और इंतजार करना पडेगा।

लैफ्ट राईट का झँझट बढने के पीछे कोरोना बढने की खबरें है। शुक्रवार तक तो लगातार गिरावट का दौर जारी था,लेकिन शनिवार को इसमें इजाफा हो गया। रविवार को और भी इजाफा होने की खबरें आ रही है। आंकडों में छोटा सा इजाफा भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसी मजबूरी के चलते फिलहाल लैफ्ट राइट का सिलसिला कायम रखा गया है।

डराने वाली बातें अभी और भी है। पूरे सूबे में रतलाम अब भी तीसरे नम्बर पर बना हुआ है। भोपाल और इन्दौर के बाद रतलाम का ही नम्बर है। ऐसे में जरा सी लापरवाही भारी पड सकती है। लोग भी मानने को तैयार नहीं है। अभी दो दिन पहले ही नजदीक के एक गांव में बडा सा धार्मिक जुलूस निकाला गया। इंतजामिया को खबर लगी तो जुलूस निकालने वालों के खिलाफ केस दर्ज किए गए और पूरे गांव को सील कर दिया गया।

अस्पताल जरुर खाली हो चुके है,लेकिन मामले बढने में ज्यादा देर भी नहीं लगती। जरा सी लापरवाही में फिर से महीने भर पहले जैसे हालात सामने आ सकते है। तीसरी लहर की खतरा तो बरकरार है ही। ऐसे में यही ठीक है कि जब इतने दिन मन मारा है तो थोडे दिन और बर्दाश्त किया जाए। जब तक कोरोना का खतरा पूरी तरह दूर नहीं हो जाता। आपस की दूरी को बनाकर रखा जाए। इसके लिए सख्ती बेहद जरुरी है।

कुल मिलाकर आज के माहौल में कोरोना की कमी के चलते राहत की सांस तो ली जा सकती है,लेकिन पूरी तरह ढील नही दी जा सकती। जब तक ये खतरा पूरी तरह टल नहीं जाता इंतजार करना जरुरी है।

अस्पताल तैयार

कोरोना ने ना जाने कितने घरों को दुखों के सागर में डूबा दिया। ना जाने कितने लोगों ने अपनों को खोया और ना जाने कितने लोग अब भी अलग अलग तरह की तकलीफों से जूझ रहे है। दुख की इन बातों में कुछ अच्छी बातें भी हुई है। सबसे अच्छी बात तो यही है कि इस भयानक दौर से निपटने के चक्कर में अस्पतालों की तैयारी पहले से कहीं अच्छी हो गई है।
आक्सिजन की कमी वाले दौर में भी यूं तो रतलाम के लोग भाग्यशाली रहे थे कि आक्सिजन की कमी से किसी को अपनी जान नहीं गंवाना पडी थी। लेकिन आक्सिजन की खींचतान के चलते अस्पतालों में आक्सिजन के इंतजामों के लिए गंभीरता दिखाई गई और इसका सुपरिणाम भी सामने आ चुका है। मेडीकल कालेज में जहां भैयाजी के फाउण्डेशन की मदद से आक्सिजन प्लान्ट तैयार हो गया। वहीं जावरा वाले डाक्टर साहब ने भी पूरी ताकत लगाकर जनसहयोग से आक्सिजन प्लान्ट तैयार करवा लिया। दोनो ही प्लान्ट्स का शुभारंभ सूबे के मामा ने विडीयो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये कर दिया। फिलहाल तो अस्पतालों में मरीज बेहद कम हो गए है। लेकिन भगवान ना करें कि अगर तीसरी लहर आ गई,तो ये बात तय है कि अस्पतालों में पिछली बार की तरह आक्सिजन की खींचतान नहीं मचेगी। अब अस्पतालों में खुद के इंतजाम बन गए है। जो हमेशा अस्पताले में आने वाले मरीजों को फायदा देते रहेंगे।

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