November 23, 2024

Raag Ratlami Congress : दिग्गी राजा के आने से पंजा पार्टी में आई थोडी जान,सक्रियता बढेगी तो मौजूदगी नजर आएगी पंजा पार्टी की

-तुषार कोठारी

रतलाम। बीता हफ्ता पंजा पार्टी वालों के लिए खास था। जैसे ही दिग्गी राजा के आने की खबरें आई थी,पंजा पार्टी के नेताओं को थोडी उम्मीद बंधी थी कि दिग्गी राजा के आने से पंजा पार्टी में थोडी जान आएगा। इसी वजह से उनमें थोडा उत्साह नजर आया था। लेकिन जान आने की उम्मीदें आखिरकार खोखली साबित हुई। दिग्गी राजा के पास अब वो जादू नहीं बचा है जो मरते मरीज में जान फूंक सके। कहने को तो दिग्गी राजा ने पंजा पार्टी के कार्यकर्ताओं को कोफी ढांढस बंधाया,लेकिन जमीनी हकीकत में कोई खास बदलाव नहीं हो सका।

पंजा पार्टी को चुनावी अखाडे में दम खम से उतारने के लिए दिग्गी राजा पूरे सूबे के दौरे पर निकल पडे है। पंजा पार्टी में अकेले दिग्गी राजा को ऐसा नेता माना जाता है,जिसका असर सूबे एक एक छोर से लगाकर आखरी छोर तक है। चूंकि दिग्गी राजा का असर पूरे सूबे पर है,इसलिए पंजा पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी दिग्गी राजा के आने को लेकर उत्साह था. उन्हे उम्मीद थी कि दिग्गी राजा के आने से पंजा पार्टी में पहले की तुलना में कुछ दम नजर आने लगेगा। पंजा पार्टी के वो तमाम नेता भी खासे उत्साहित थे जिन्होने आने वाले चुनावों के लिए अपने पैरों में अभी से घुंघरु बांध लिए है। टिकट के दावेदारों को पक्का पता है कि चाहे सीएम के लिए नाथ बाबा प्रोजेक्ट हो रहे हो,पंजा पार्टी में चलेगी तो दिग्गी राजा की है। टिकट तय करने का मामला भी दिग्गी राजा ही देखेंगे। इसलिए तमाम दावेदार कलफ लगे कुरते पायजामे पहनकर तैयार थे।

और आखिरकार दिग्गी राजा आए। चूंकि दिग्गी राजा के आने को लेकर उत्साह था,इसलिए कार्यकर्ता सम्मेलन में अच्छी खासी तादाद भी मौजूद थी। दिग्गी राजा फिर कमाल दिखाया। उन्होने तमाम लोकल नेताओं को मंच पर बुला लिया और खुद मंच से नीचे कार्यकर्ताओं में सबसे पीछे जाकर बैठ गए। दिग्गी राजा ने कहा कि कार्यकर्ता सम्मेलन में नेता अपनी बात बोलकर चले जाते है। कार्यकर्ता क्या कहना चाहता है कोई नहीं पूछता। अब कार्यकर्ताओं की पूछ परख करना पडेगी। पहले कार्यकर्ता की बात सुनना पडेगी। इसलिए वो मंच से नीचे और कार्यकर्ता मंच पर।

राजा की इस पहल का असर भी दिखाई दिया। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की शिकायतों का सिलसिला जो चालू हुआ तो थमने का नाम ही नहीं लिया। दिग्गी राजा ने भी यही कहा कि सबसे पहले कार्यकर्ताओँ को तवज्जो देना होगी,तभी जाकर पंजा पार्टी कोई कमाल दिखा पाएगी।

पंजा पार्टी के तौर तरीके बडे दिलचस्प है। अब पंजा पार्टी के ही लोग बता रहे है कि कार्यकर्ता को महत्व दिए जाने की बातें सिर्फ भाषणों तक ही असर रखती है। पंजा पार्टी मे जब भी कोई पद या टिकट देने की बात आती है,इस तरह के सारे भाषण हवा हो जाते है और फिर पद या टिकट तमाम कार्यकर्ताओं को परे रख कर किसी बडे नेता जी के किसी नजदीकी को दे दिया जाता है।

दिग्गी राजा जब कार्यकर्ताओं के सम्मान की बातें कर रहे थे,उसी वक्त उनके मंच पर झाबुआ वाले माननीय मौजूद थे। झाबुआ वाले ये माननीय बरसों तक दिल्ली वाली बडी पंचायत के सदस्य थे। उस वक्त तो उन्होने कभी कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं दिया। उस वक्त वो जिसे चाहते रतलाम की पंजा पार्टी का मुखिया बना देते थे और जिसे चाहे टिकट दे देते थे । उन्होने कभी भी कार्यकर्ताओं को आगे रहकर मौका नहीं दिया। अभी भी इन्ही माननीय के सुपुत्र जवान पंजा पार्टी के मुखिया बने हुए है और रतलाम से चुनाव लडने की तमन्ना रखे हुए है।

इसलिए पंजा पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिग्गी राजा की बात पर भरोसा नहीं हो रहा है। लेकिन फिर भी पंजा पार्टी में दिग्गी राजा के आने से कुछ हलचल तो हुई ही है। सियासत पर नजर रखने वालों का मानना है कि चुनाव के इस सीजन में पंजा पार्टी को अपनी सक्रियता तेजी से बढानी होगी। तभी वो चुनावी अखाडे में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा सकेगी।

चोरों के बढते हौंसले

चोरों के हौंसले इन दिनों बुलन्द है। चोरी की वारदातों की खबरें जिले भर से लगातार आती रहती है। पिछले हफ्ते तो चोरों ने एक ही इलाके में तीन प्लैट्स के ताले तोड कर हाथ साफ कर दिया। खबरचियों ने भी इन वारदातों पर जमकर खबरें बनाई दिखाई। वर्दी वालों के नए आए कप्तान ने आते ही वैसे तो सक्रियता दिखाई थी किउन्होने जिले के अलग अलग इलाकों की कोतवालियों का मुआयना किया था। दरोगाओं को काम में चुस्ती फुर्ती लाने की हिदायतें भी जारी की थी। लेकिन कप्तान की हिदायतंों का चोरों पर कोई असर नजर नहीं आ रहा था। शहर में एक साथ तीन तीन वारदात होने के बाद कप्तान ने शहर के अफसरों को बुलाकर लम्बी लताड लगाई। उन्हे दुनियाभर के फरमान सुनाए। कहने को तो हाल में वर्दी वालों ने चोरी की दो तीन वारदातों का पर्दाफाश भी किया है। लेकिन जिस हिसाब से वारदातें हो रही है,उससे तय लगता है कि इसके पीछे कोई शातिर गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह को जब तक काबूू में नहीं लाया जाएगा,तब तक अपने घरों की सुरक्षा लोगों को खुद ही करने को मजबूर होना पडेगा।

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