May 18, 2024

Public Delivery System Scam आदिवासी अंचल में लाखों के राशन घोटाले का पर्दाफाश, दो सरकारी कर्मचारियों समेत कुल छ: आरोपी पुलिस की गिरफ्त में,लाखों की सामग्रियां भी जब्त

रतलाम,12 मार्च (इ खबरटुडे)। पुलिस ने आदिवासी अंचल की तीन राशन दुकानों पर चल रहे लाखों के राशन घोटाले का पर्दाफाश करते हुए घोटाले के छ: आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें दो शासकीय कर्मचारी भी शामिल है। इस मामले में अभी कई और लोग पुलिस के रेडार पर है।
पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने एसपी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में राशन घोटाले की विस्तार से जानकारी दी। श्री तिवारी ने बताया कि खाद्य विभाग के अधिकारियों ने राजापुरा माताजी,रावटी और केलकच्छ की तीन राशन दुकानों की जांच के दौरान खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में गडबडियां पाई थी। इन गडबिडयों को देखते हुए खाद्य विभाग ने उक्त मामले पुलिस को सौंप दिए थे। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कादम्बिनी धकाते की रिपोर्ट पर पुलिस थाना बाजना,शिवगढ और रावटी पर आïश्यक वस्तु अधिनियम के तहत तीन अलग अलग प्रकरण दर्ज किए गए थे। उक्त मामलों की जांच के लिए एसपी गौरव तिवारी ने एसडीओपी ग्र्रामीण मानसंिह चौहान के नेतृत्व में दस सदस्यों की एसआईटी गठित की थी। जब एसआईटी ने उक्त तीनों मामलों की सूक्ष्मता से जांच शुरु की,तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे।

एसआईटी की जांच में पता चला कि म.प्र. सिविल सप्लाय कारपोरेशन के सैलाना वितरण केन्द्र पर पदस्थ कर्मचारी,कम्प्यूटर आपरेटर राजेश शर्मा और कनिष्ठ सहायक ललित मीणा,शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के लिए आवंटित होने वाले खाद्यान्न सामग्र्री के आनलाइन आदेश जारी करते थे। आनलाईन आदेश के माध्यम से शासकीय भण्डार गृह से खाद्यान्न निकालकर ट्रांसपोर्टर के जरिये शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर पंहुचाने की व्यवस्था होती है। उक्त दोनो कर्मचारी राशन दुकान पर पंहुचने से पहले ही खाद्यान्न में से एक बडा हिस्सा निकालकर दूसरे वाहन से निजी व्यवसाईयों के पास बेच देते थे। उक्त दोनो कर्मचारी बाजार में बेचे गए खाद्यान्न सामग्र्री की शासकीय उचित मूल्य दुकान की पावती रसीद,अपने पास उपलब्ध कूटरचित सीलों के माध्यम से तैयार कर उन्हे सविलि सप्लाय कारपोरेशन रतलाम के कार्यालय में जमा करवा देते थे। इस प्रकार उक्त दोनो कर्मचारी षडयंत्र पूर्वक छल करके कूट रचित दस्तावेजों से शासन द्वारा आवंटित राशन की हेराफेरी करके लाखों रुपए का अवैध लाभ प्राप्त कर रहे थे। इस षडयंत्र में उनके साथ खाद्यान्न को ट्रांसपोर्ट करने वाला ड्राइवर,खाद्यान्न खरीदने वाले व्यापारी और राशन दुकानों के सैल्समेन भी शामिल थे। यह घोटाला लगातार ग्यारह महीनों से चल रहा था। पुलिस अधीक्षक श्री तिवारी के मुताबिक घोटाला तो और भी लम्बे समय से चलता रहा होगा,लेकिन पुलिस ने फिलहाल ग्यारह महीने की अवधि पर ही अनुसन्धान किया है।

पुलिस अधीक्षक के मुताबिक घोटाले का यही तरीका तीनों दुकानों पर आजमाया जा रहा था। पुलिस थाना बाजना पर दर्ज प्रकरण में केलकच्छ की शासकीय उचित मूल्य की दुकान के घोटाले का मामला दर्ज किया गया है। इस घोटाले में आरोपी राजेश शर्मा और ललित मीणा आनलाइन आदेश जारी करने के बाद ट्रांसपोर्टर मे.दीपेश कुमार एण्ड संस के ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधि कुलदीप देवडा के माध्यम से भण्डार गृह से राशन निकलवाते थे और उक्त आवंटित राशन में से एक बडा हिस्सा निकाल कर डेनियल जोसेफ,मुकेश लबाना दोनो निवासी शिवगढ और रतलाम निवासी रईस को बेच देते थे।
इसी प्रकार रावटी पुलिस थाने पर दर्ज प्रकरण में रावटी राशन दुकान के लिए भी उक्त दोनो कर्मचारी ट्रांसपोर्टर मे.प्रकाश रोड लाइंस की मदद से आïवंटित राशन का बडा हिस्सा निकाल कर उसे डेनियल जोसेफ और मुकेश लबाना को बेच रहे थे। उक्त बेचे गए खाद्यान्न सामग्र्री की सरकारी राशन दुकान की पावती रसीद राजेश शर्मा और ललित मीणा अपने पास की कूटरचित सीलों से तैयार कर उन्हे सिविल सप्लाय कारपोरेशन के आफिस में जमा करवा देते थे। रावटी के घोटाले मेंइन आरोपियों के साथ दुकान के सैल्समेन रमेश चन्द्र की भी मिलीभगत थी। सेल्समेन रमेशचन्द्र पात्र हितग्र्राहियों को राशन ना बांट कर उनके नाम का इन्द्राज अपने रिजस्टिर में कर लेता था और खुद ही उक्त हितग्र्राहियों के नकली हस्ताक्षर भी रजिस्टर में कर लेता था। जबकि शासन ने उक्त खाद्यान्न का वितरण पीओएस मशीन केमाध्यम से करने के निर्देश दे रखे है।

इसी तरह शिवगढ पुलिस थाने पर दर्ज मामले में उक्त दोनो कर्मचारी राजेश शर्मा और ललित मीणा ट्रांसपोर्टर में. शारदा रोड लाइन्स के ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधि कुलदीप देवडा के माध्यम से शासकीय भण्डार से आवंटित खाद्यान्न में से एक बडा हिस्सा निकालकर अन्य वाहन के जरिये बाजार के व्यापारियों को बेच देते थे। इस घोटाले में भी राजापुरा माताजी की सरकारी राशन दुकान का सेल्समेन गजेन्द्र गरीबों में बांटे जाने वाले खाद्यान्न को गरीबों में ना बांट कर रजिस्टर में फर्जी हस्ताक्षर करके उनकी एन्ट्री कर लेता था। इस मामले के अनुसन्धान में यह जानकारी भी मिली कि राजापुरा माताजी की शासकीय उचित मूल्य दुकान से शासकीय छात्रावास को आवंटित किए जाने वाला खाद्यान्न भी छात्रोवास को आवंटित नहीं किया गया और इसे बाजार में बेच दिया गया।

उक्त तीनों मामलों में आरोपियों ने सौलह लाख रु. से अधिक का 751 क्वि. अनाज और करीब 335 लीटर कैरोसीन गरीबों में बांटने की बजाय खुले बाजार में बेच दिया और कूटरचित दस्तावेजों से उसकी रसीद सिविल सप्लाय कारपोरेशन को जमा करवा दी गई।

एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर इन प्रकरणों में केवल आïवश्यकवस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की थी,लेकिन अनुसन्धान में मिले तथ्यों और सबूतों के आधार पर इन प्रकरणों में धोखाधडी,कूटरचित दस्तावेज तैयार करने,अमानत मेंखयानत करने,आपराधिक षडयंत्र इत्यादि की कई धाराएं और जोडी गई है।

एसपी श्री तिवारी के अनुसार, थाना बाजना रावटी और शिवगढ पर दर्ज प्रकरणों में कुल छ: आरोपियों राजेश पिता श्रीलाल शर्मा 39नि.ग्र्राम धम्माखेडा,थाना रठाजना जि.प्रतापगढ राजस्थान,कुलदीप पिता कन्हैयाल देवडा 30 नि.शिवगढ जि.रतलाम,डेनियल जोसेफ पिता बाबू जोसेफ 28 नि.शिवगढ, मुकेश लबाना पिता कालू सिंह लबाना 30 नि.शिवगढ,रावटी दुकान के सेल्समेन रमेशचन्द्र पिता रतिचन्द्र 42 नि.रावटी और राजापुरा माताजी राशन दुकान के सैल्समेन गजेन्द्र पिता वासुदेव 40 नि.राजापुरा माताजी थाना शिवगढ को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 70 हजार रु.नगद,पांच लाख मूल्य का एक पिकअप वाहन,10 लाख मूल्य का एक ट्रक.50 खाली बारदान,अलग अलग शासकीय राशन दुकानों की पन्द्पह फर्जी सीलें,फर्जी खाद्यान्न बिल और राशन वितरण रजिस्टर इत्यादि जब्त किए है।

एसपी श्री तिवारी के मुताबिक यह राशन घोटाला बहुत बडा है और अभी इसमे अनुसंधान जारी है। इसमें राशन का खाद्यान्न खरीदने वाले व्यापारियों,च्रांसपोर्ट करने वाले ट्रांसपोर्टरों और अन्य शासकीय कर्मचारियों की भूमिका की भी सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। श्री तिवारी के मुताबिक आरोपियों के कब्जे से मिली अलग अलग दुकानों की फर्जी सीलों से इस बात के स्पष्ट संकेत भी मिले है कि इसी तरह का घोटाला अन्य राशन दुकानों पर भी चल रहा है। पुलिस इन सभी तथ्यों की जांच करेगी और जैसे जैसे तथ्य सामने आएंगे इन पर कार्यवाही की जाएगी।

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