December 26, 2024

Ice Factory Sale : लीज की शर्तों को ताक पर रखकर बेशकीमती बर्फ फैक्ट्री को बेचने की तैयारी,प्रशासन बेखबर

Ice factory

रतलाम, 02 फरवरी (इ खबरटुडे)। किसी जमाने में रतलाम रियासत द्वारा बर्फ फैक्ट्री चलाने के लिए लीज पर दी गई बेशकीमती जमीन अब बिकने की तैयारी में है। सरकारी लापरवाही और कानूनी पेचिदगियों का फायदा उठाकर,इस बेशकीमती जमीन को निजी बताकर बेचने का षडयंत्र किया जा रहा है। प्रशासन इस पूरे षडयंत्र से बेखबर है।

उल्लेखनीय है कि पावर हाउस रोड पर 6 बीघा में फैली बर्फ फैक्ट्री वाली जमीन की कीमत आज आसमान छू रही है और यही वजह है कि रतलाम रियासत द्वारा लीज पर दी गई इस बैशकीमती जमीन को लीज की शर्तों का उल्लंघन करके बेचने की तैयारी की जा रही है।

इ खबरटुडे को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पावर हाउस रोड पर स्थित 6 बीघा जमीन रतलाम महाराजा ने सबसे पहले 17 नवंबर 1930 को बर्फ फैक्ट्री चलाने के लिए मुंबई की एक फर्म को लीज पर दी थी। उक्त फर्म ने इस भूमि पर बर्फ फैक्ट्री स्थापित करने के साथ साथ एक सा मिल,लैथ फॉउन्ड्री,वेल्डिंग वर्क्स इत्यादि गतिविधियां प्रारंभ की थी। यह बर्फ फैक्ट्री रतलाम महाराजा ने वर्ष 1946 में एक नया लीज एग्रीमेंट करके देहरादून के एक व्यक्ति को लीज पर दे दी थी। वर्तमान में उक्त बर्फ फैक्ट्री और इससे लगी जमीन पर उसी के वशंजों का कब्जा है।

रतलाम महाराजा ने उक्त लीज 99 वर्ष की अवधि के लिए की थी और रतलाम महाराजा द्वारा की गई लीज की अवधि अब भी समाप्त नहीं हुई है। रतलाम महाराजा द्वारा दी गई लीज की शर्तो में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि लीज गृहिता इस फैक्ट्री और इससे जुडी जमीन तथा पूरे परिसर को ना तो किसी को विक्रय कर सकेगा,ना ही इसके स्वरुप में कोई परिवर्तन कर सकेगा। लीज की एक शर्त यह भी है कि इस बर्फ फैक्ट्री और इसके परिसर में किसी भी प्रकार के परिवर्तन या फैक्ट्री को बन्द करने के लिए रतलाम महाराजा की पूर्व लिखित अनुमति अनिवार्य होगी। सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि यदि लीज की शर्तो का उल्लंघन किया जाता है या समय से पहले लीज समाप्त की जाती है तो उक्त बर्फ फैक्ट्री और पूरा परिसर पुनः शासन में वेष्ठित हो जायेगा। लीज की शर्त में यह अनिवार्य किया गया है कि लीजगृहिता इस भूमि पर संचालित की जा रही बर्फ फैक्ट्री को बिना दरबार की पूर्व अनुमति के बंद नहीं कर सकता और यदि ऐसा किया जाता है तो उक्त फैक्ट्री और पूरा परिसर फिर से शासन का हो जायेगा।

रतलाम महाराजा द्वारा की गई लीज की अवधि वर्ष 2045 में समाप्त होगी। जब तक लीज का अनुबन्ध अस्तित्व में है,तब तक उक्त बर्फ फैक्ट्री और इसके पूरे परिसर व खुली भूमि पर लीज की शर्ते लागू रहेगी। ऐसी स्थिति में बर्फ फैक्ट्री की जमीन या इसके परिसर को ना तो बेचा जा सकता है और ना ही इसके स्वरुप में परिवर्तन किया जा सकता है। लीज की शर्तो के मुताबिक इस लीज को समाप्त भी नहीं किया जा सकता और न ही बर्फ फैक्ट्री को बंद किया जा सकता है।

भारत की स्वतंत्रता और रियासतो के भारत संघ में विलय के बाद रतलाम रियासत की सारी शक्तियां भारत सरकार में निहित हो गई है। ऐसी स्थिति में रतलाम रियासत द्वारा की गई लीज अब भारत गणराज्य द्वारा की गई लीज के समान हो गई है। ऐसी स्थिति में लीज की शर्तों का पालन होना आवïश्यक है।

लेकिन सूत्रों का कहना है कि बर्फ फैक्ट्री और इसके परिसर को बेचने के लिए जोर शोर से तैयारी की जा रही है। इस बेशकीमती जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने के लिए इस परिसर में बनी इमारतों को हटाना और बर्फ फैक्ट्री को बंद करना जरुरी है। लेकिन लीज की शर्तें इसमें बाधक है।

जानकार सूत्रों के मुताबिक बर्फ फैक्ट्री के संचालक लीज का तमाम शर्तों को ताक पर रखकर इसे बेचने की तैयारी कर रहे है। शहर में प्रशासन की नाक की नीचे इतना बडा षडयंत्र किया जा रहा है। प्रशासन को चाहिए कि इस मामले का संज्ञान लेकर लीज अवधि समाप्त होने तक लीज की शर्तों का उल्लंघन ना होने दे और इस पुरे मामले की उच्चस्तरीय जाँच करवाई जाए जिससे कि रतलाम रियासत की बेशकीमती जमीन को बचाया जा सके।

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