November 24, 2024

RTE Admission:गरीब बच्चों का बड़े निजी स्कूलों में पढ़ने का सपना हुआ पूरा,एक लाख 72 हजार 440 बच्चों को स्कूल आवंटित किए

भोपाल,16 जुलाई (इ खबरटुडे)। आर्थिक तंगी के चलते अपने बच्चों को महंगे सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाना किसी सपने से कम नहीं था। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) आने से जब गरीबों के नौनिहाल भी बड़े स्कूलों में चयनित हुए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अब इनके बच्चे राजधानी के डीपीएस, सागर पब्लिक स्कूल, बिल्लाबांग जैसे बड़े स्कूलों में पढ़ेंगे।

आरटीई के तहत इस बार प्रदेश के एक लाख 72 हजार 440 बच्चों को स्कूल आवंटित किए गए है। नर्सरी की कक्षा के लिए एक लाख नौ हजार 258, केजी-1 के लिए 55 हजार 996, केजी-2 के लिए 4080 और पहली कक्षा के लिए 29 हजार 407 आवेदन आए हैं। इन बच्चों का उनके आवंटित स्कूलों में 26 जुलाई तक प्रवेश हो सकेगा।

लॉटरी में नाम के लिए पत्नी ने रखा रोजा
मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले नवेद हसन और उनकी पत्नी गौहर जहां बेटे का लॉटरी में नाम आने से काफी खुशी हैं। उनके बेटे डेनियन हसन का एडमिशन सागर पब्लिक स्कूल में हुआ है। मां गौहर जहां आरटीई के तहत एडमिशन के लिए दो दिन से रोजा रख रही थी। जब लॉटरी में बेटे का नाम आया तो वह रोने लगीं। नावेद कहते हैं कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतने महंगे स्कूल में बेटे को पढ़ा सकूंगा, लेकिन अब उसे बड़े स्कूल में पढ़ने का मौका मिला है।

बेटी करेगी पिता का नाम रौशन
रानू मालवीय की बेटी दिव्यांशी का एडमिशन सागर पब्लिक स्कूल में पहली कक्षा में हुआ है। दिव्यांशी के पिता की कैंसर के कारण मौत हो चुकी है। वो अपनी मां और भाई के साथ नानी के घर रहती हैं। रानू कहती हैं कि वह बहुत खुश है। इतने बड़े स्कूल में बेटी को पढ़ाने का सपना देखा था, लेकिन पूरा होना संभव नहीं था। दो बच्चे हैं, पति के जाने के बाद बड़े स्कूलों में पढ़ाने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी। वे चाहते थे कि उनकी बेटी डॉक्टर बने। अब बेटी अपने पिता का सपना पूरा करेगी।

सपना बना हकीकत
भूपेंद्र चोलकर की बेटी हितेश्री चोलकर का एडमिशन डीपीएस में हुआ है। पिता भूपेंद्र चोलकर का कहना है कि प्रायवेट जॉब करते हैं। बड़े स्कूलों में पढ़ाना एक सपना ही था, लेकिन अब हकीकत में बदल गया। राजधानी के सबसे महंगे स्कूल में बेटी को एडमिशन मिला है। इससे बहुत खुशी हो रही है।

अब बेटी बड़े स्कूल में पढ़ेगी

बावड़ियाकला निवासी मोरध्वज कुमार जाटव सुपरवाइजर की बेटी कृतिका का एडमिशन सागर पब्लिक स्कूल नर्सरी में हुआ है। मोरध्वज कहते हैं कि बेटी को बड़े सीबीएसई स्कूल में पढ़ाने के बारे में अब तो सोच भी नहीं सकते हैं। कोरोना काल में आर्थिक स्थिति पर बहुत असर पड़ा है, लेकिन आरटीई के तहत अब सपना पूरा होगा।

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