रतलाम / घर में मिले शव का पुलिस ने किया खुलासा, छोटे भाई ने लट्ठ से जानलेवा हमला कर उतरा था मौत के घाट
रतलाम,18 जुलाई (इ खबर टुडे)। तीन दिन पूर्व 15 जुलाई को रावटी थाना क्षेत्र में मिली लाश का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। छोटे भाई ने बड़े भाई पर लट्ठ से जानलेवा हमला कर दिया था, जिससे उसकी हत्या हो गई थी। हत्या का राज छुपाने खुद पुलिस थाने पर पहुंच कर बड़े भाई का शव मिलने की सुचना दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार तीन दिन पूर्व प्रहलाद पिता रामस्वरुप गेहलोत निवासी भुतिया ने रावटी थाने पर पहुंचकर सुचना दी की उसके भाई भागीरथ पिता रामस्वरुप गेहलोत उम्र 50 साल निवासी भुतिया का होकर अकेला रहता था, जो आज उसके घर जाकर देखा तो वह जमीन पर पडा हुआ था तथा उसके कान के पास खुन निकला पडा था। पुलिस ने बड़े भाई की रिपोर्ट तथा पीएम रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा एवं एस.डी.ओ.पी. सैलाना सुश्री नीलम बघेल के मार्गदर्शन में रावटी थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जांच के दौरान यह बात सामने आई की मृतक भागीरथ घर मे अकेला रहता था तथा शराब पिने का आदि होकर चिल्ला चोट करता रहता था तथा सूचनाकर्ता प्रहलाद भी अकेला घर मे रहता था, दोनो की पत्नीयां नही है तथा उनकी भाभी रीना के पति भमरसिंह का 04 महिने पहले देहांत हो गया है।
प्रहलाद रीना से बातचीत करता था जो मृतक भागीरथ को ठीक नही लगता था। जिस कारण शराब के नशे मे प्रहलाद को गाली गलोच करने लगा था। प्रह्लाद ने गुस्से मे आकर लट्ठ से भागीरथ के साथ मारपीट कर दी थी तथा भागीरथ को घर के अंदर धकेल कर प्रहलाद उसके घर चला गया था। सुबह पता चला कि प्रहलाद की मारपीट से भागीरथ को आई चोटो से उसकी मौत हो गई। जांच के दौरान प्रहलाद से सख्ती से पुछताछ करने पर घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। पुलिस ने बुधवार को प्रहलाद को गिरफ्तार कर घटना मे प्रयुक्त लट्ठ भी प्रहलाद की निशादेही से जप्त किया।
गिरफ्तार आरोपी– 1. प्रहलाद उर्फ पहलवान पिता रामस्वरूप गेहलोत उम्र 45 साल निवासी ग्राम भूतिया थाना रावटी जिला रतलाम
सराहनीय भूमिका
आरोपी को गिरफ्तार करने मे निरीक्षक जय प्रकाश चौहान थाना प्रभारी रावटी, उनि रामसिंह खपेड, सउनि बालकिशन सोनी, प्र.आर जगदीश डाबे, आर महेश मईडा, आर राहुल मेडा, आर निलेश कटारा, म.आर. रुकमणी आदि एवं साईबर सेल रतलाम का सराहनीय योगदान रहा।