November 15, 2024

PoK में ली ट्रेनिंग, मुंबई ब्लास्ट के लिए RDX लेकर आया था अबू बकर, दुबई में गिरफ्तार

मुंबई,14 फरवरी(इ खबरटुडे)। मुंबई के 1993 सीरियल ब्लास्ट मामले में मोस्ट वांटेड आतंकी अबू बकर को सुरक्षा एजेंसियों ने दुबई से गिरफ्तार किया है. अबू बकर वही शख्स है जिसने मुंबई को दहलाने के लिए पाकिस्तान से भारत आरडीएक्स पहुंचाया था. उसकी गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस को कई बड़े सबूत मिलने की उम्मीद है.

अबू बकर का पूरा नाम अबू बकर अब्दुल गफूर शेख है. यह ब्लास्ट के पहले भारत में सोना, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खाड़ी देशों से स्मगलिंग का काम करता था. उसके भारत के अलावा दुबई, ईरान, पाकिस्तान में बड़े कारोबारियों से संबंध बताए जाते हैं.

बताया जाता है कि 1993 ब्लास्ट के लिए दाऊद ने आरडीएक्स भारत पहुंचाने का काम अबू बकर को ही सौंपा था. क्योंकि स्मगलिंग का रैकेट चलाने का तजुर्बा अबू बकर के पास ही था. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया था कि रायगढ़ के रास्ते अबू बकर ने मुंबई में आरडीएक्स पहुंचाया था.

ऐसे सामने आया था अबू बकर का नाम…

1993 ब्लास्ट के पहले ही अबू बकर भारत छोड़ कर चला गया था. वह पिछले कई वर्षों से खाड़ी देशों में ही छिपा था. उसके बारे में वलसाड से गिरफ्तार हुए अहमद शेख ने भी ब्लास्ट की साजिश में शामिल होने की बात बताई थी.

वैसे तो अबू बकर के खिलाफ साल 1997 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था. इसके बाद से ही भारतीय एजेंसियां उसकी तलाश में लगी थी. उसके कई बार दुबई और ईरान में छिपे होने की खबर लगी, लेकिन वह हर बार बच निकलता था. लेकिन आखिरकार उसे दुबई से गिरफ्तार कर लिया गया.

ईरान की महिला से शादी और पाकिस्तान में ट्रेनिंग…

अबू बकर के दुबई में बड़े व्यापारियों से संपर्क रहे हैं. उसने कुछ साल पहले ही ईरान की एक महिला से दूसरी शादी की है. उसने भारत में ब्लास्ट के लिए पाकिस्तान से आतंक की ट्रेनिंग ली थी. उसने ही पाकिस्तान से भारत आरडीएक्स पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

अबू बकर के साथ फिरोज भी गिरफ्तार…

केंद्रीय एजेंसियों ने अबू बकर के साथ ब्लास्ट के दूसरे आरोपी फिरोज को भी गिरफ्तार किया है. बता दें कि फ़िरोज़ नेवी अफसर का बेटा था. जो 2005 में फर्जी पासपोर्ट पर भारत भी आया था. इसके बाद वह वापस खाड़ी देश भाग गया था. फिर पुलिस को उसके ओमान में छिपे होने की टिप मिली.

इस बारे में जॉइंट पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने बताया कि फिरोज अपनी पहचान बदलकर एजेंसियों को धोखा दे रहा था. उसके बार में यह खबर मिली थी कि 1996-97 और 1999 में उसने दाऊद से कराची में मुलाक़ात भी की. फिलहाल फिरोज सुरक्षा एजेंसियों के गिरफ्त में है और अबू बकर के साथ उसकी समर्पण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.

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